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धौरिया में नहीं लगेगा दूल्हा देव मंदिर का मेला, कोरोना के चलते लगा प्रतिबंध - Dhauriya Village

शिवपुरी जिले के गोवर्धन थाना क्षेत्र अंतर्गत धौरिया गांव में हर साल मोहर छट पर लगने वाले मेले पर इस साल कोरोना संक्रमण के चलते प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस मेले में सर्पदंश पीड़ितों के बंद काटे जाते हैं.

Dulha Dev Temple
दूल्हा देव मंदिर
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Published : Aug 20, 2020, 6:33 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 7:07 PM IST

शिवपुरी। गोवर्धन थाना क्षेत्र अंतर्गत धौरिया गांव में प्रसिद्ध दूल्हा देव मंदिर पर हर साल मोहर छट के दिन सर्पदंश पीड़ितों के बंद काटे जाते हैं. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए आगामी 24 अगस्त को लगने वाले मेले पर प्रशासन द्वारा रोक लगा दी गई है.

थाना प्रभारी गोवर्धन अंशुल गुप्ता ने बताया कि जिले में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला कलेक्टर द्वारा भीड़भाड़ वाले धार्मिक आयोजनों मेले आदि को प्रतिबंधित किया गया है. दूल्हा देव मंदिर धौरिया में इस वर्ष मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा.

इस कारण है प्रसिद्ध

दूल्हादेव मंदिर पर प्रतिवर्ष भादो माह में मौहर छठ के दिन सर्पदंश के बंध कटवाने मेले में भीड़ उमड़ती है. दूल्हा देव मंदिर धौरिया गांव के बीचों बीच स्थित है. इस क्षेत्र में सांप और बिच्छू के काटने पर दूल्हा देव का बंध लगाकर जहर का असर नहीं होने की मान्यता के लिए प्रसिद्ध देव स्थान है.

धौरिया गांव के सरपंच उम्मेद सिंह परिहार ने बताया कि यहां वर्ष में हजारों सर्प दंश पीड़ित मंदिर पर आते हैं. दूल्हा देव के दर्शन और बंध लगाने वाले अभी तक हजारों लोगों पर जहर का असर नहीं हुआ है और वे नया जीवन दान पा चुके हैं. लोगों का मानना है कि दूल्हा देव मंदिर के भगत द्वारा सर्पदंश पीड़ित को भवूत लगाने और दूल्हादेव की परिक्रमा कराने से सर्प और बिच्छू के जहर का असर नहीं होता है. कोविड-19 के जिले में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने इस वर्ष इस मेले पर रोक लगा दी है.

शिवपुरी। गोवर्धन थाना क्षेत्र अंतर्गत धौरिया गांव में प्रसिद्ध दूल्हा देव मंदिर पर हर साल मोहर छट के दिन सर्पदंश पीड़ितों के बंद काटे जाते हैं. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए आगामी 24 अगस्त को लगने वाले मेले पर प्रशासन द्वारा रोक लगा दी गई है.

थाना प्रभारी गोवर्धन अंशुल गुप्ता ने बताया कि जिले में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला कलेक्टर द्वारा भीड़भाड़ वाले धार्मिक आयोजनों मेले आदि को प्रतिबंधित किया गया है. दूल्हा देव मंदिर धौरिया में इस वर्ष मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा.

इस कारण है प्रसिद्ध

दूल्हादेव मंदिर पर प्रतिवर्ष भादो माह में मौहर छठ के दिन सर्पदंश के बंध कटवाने मेले में भीड़ उमड़ती है. दूल्हा देव मंदिर धौरिया गांव के बीचों बीच स्थित है. इस क्षेत्र में सांप और बिच्छू के काटने पर दूल्हा देव का बंध लगाकर जहर का असर नहीं होने की मान्यता के लिए प्रसिद्ध देव स्थान है.

धौरिया गांव के सरपंच उम्मेद सिंह परिहार ने बताया कि यहां वर्ष में हजारों सर्प दंश पीड़ित मंदिर पर आते हैं. दूल्हा देव के दर्शन और बंध लगाने वाले अभी तक हजारों लोगों पर जहर का असर नहीं हुआ है और वे नया जीवन दान पा चुके हैं. लोगों का मानना है कि दूल्हा देव मंदिर के भगत द्वारा सर्पदंश पीड़ित को भवूत लगाने और दूल्हादेव की परिक्रमा कराने से सर्प और बिच्छू के जहर का असर नहीं होता है. कोविड-19 के जिले में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने इस वर्ष इस मेले पर रोक लगा दी है.

Last Updated : Aug 20, 2020, 7:07 PM IST
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