शिवपुरी। जिले के कोलारस जननी एक्सप्रेस के चालक द्वारा एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां जननी एक्सप्रेस के चालक जब एक प्रसूता को घर छोेड़ने जा रहा था, तभी वह प्रसूता को रास्ते में ही उताकर चला गया. लाचार प्रसूता 2 किलोमीटर नवजात को अपने साथ लेकर पैदल घर पहुंची. लेकिन घर पहुंचते ही उसकी बच्ची की मौत हो गई. वहीं महिला के पति नेे चालक पर 700 रुपए वसूलने के आरोप लगाए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
फूलबाई अदिवासी निवासी ग्राम ऊदली को प्राथमिक अस्पताल लुकवासा प्रसव के लिए भर्ती कराया था. 5 अक्टूबर को सामान्य प्रसव से नवजात बच्ची को जन्म दिया. डिलेवरी के 12 घंटे बाद सुआलाल ने अस्पताल की नर्स से बातचीत कर छुट्टी करने की बात कही. जिस पर जच्चा-बच्चा स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. वहीं परिजनों ने घर जाने के लिए डायल 108 पर कॉल करके जननी एक्सप्रेस बुलवा ली लेकिन जननी एक्सप्रेस का चालाक ऊदली गांव से 2 किमी पहले ही जंगल में बीच रास्ते पर उतारकर चला गया. प्रसूता अपनी नवजात बच्ची को लेकर 2 किमी पैदल चलकर गांव पहुंची. बच्ची के शरीर में हलचल नहीं होने पर वापस लुकवासा अस्पताल पहुंची. यहां डॉक्टर ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.
प्रसूता के पति सुआलाल आदिवासी का कहना है कि खेतीबाड़ी का समय चल रहा है. इसलिए हमने खुद ही कहकर छुट्टी करा ली थी. जननी एक्सप्रेस का चालक आया और घर तक छोड़ने के एवज में 700 रुपए मांगे. किसी तरह घर तक सुरक्षित पहुंच जाएं, इसलिए उसे सात सौ रुपए दे दिए. सुआलाल के मुताबिक जननी एक्सप्रेस का चालक हमें गांव से 2 किमी पहले ही रास्ते में उतारकर चला गया और हवा लगने से बच्ची की मौत हो गई.
वहीं इस मामले में जननी एक्सप्रेस के जिला समन्वयक का कहना है कि लुकवासा क्षेत्र में जननी एक्सप्रेस सुनील जाटव चलाता है. यदि उसने प्रसूता को छोडने के एवज में सात सौ रुपए लिए हैं तो हम इस मामले की जांच कराएंगे. रही बात बच्ची की मौत की तो एक ही दिन में प्रसूता को अस्पताल से छुट्टी देने का प्रावधान नहीं है.