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ऐसी झील जिसमें नहाने से मिलता है चर्म रोग से छुटकारा, हर साल पहुंचते हैं कई पर्यटक

शिवपुरी जिले में डोंगर वर्खा झील को लेकर लोगों का मानना है कि इसमें नहाने से चर्म रोगों से छुटकारा मिल जाता है. इस प्राकृतिक झील को देखने हर साल भारी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं.

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Published : Aug 2, 2019, 11:53 AM IST

ऐसी झील जिसमें नहाने से मिलता है चर्म रोग से छुटकारा

शिवपुरी। जिले से लगभग 50 किमी की दूर स्थित एक प्राकृतिक झील चर्म रोग से छुटकारा दिलाने के लिए प्रसिद्ध है. डोंगर वर्खा के नाम से प्रसिद्घ इस झील का नजारा देखने के लिए हर साल यहां पर्यटक भी पहुंचते हैं. यहां पहाड़ों से बहकर पानी कुंड में गिरता है, ये प्राकृतिक नजारा देखने यहां सैलानी खिंचे चले आते हैं.

ऐसी झील जिसमें नहाने से मिलता है चर्म रोग से छुटकारा
यहां के लोगों का मानना है कि इस प्राकृतिक झील में नहाने से त्वचा संबंधी रोगों से निजात मिल जाती है. झील के पास ही मां भगवती का एक मंदिर भी है. 20 सालों से मंदिर की सेवा कर रहे पुजारी का कहना है कि जब वर्षा का पानी अधिक होता है तो इस स्थान पर रहने वाले पशु और अन्य जानवर बहकर कुंड में आ जाते हैं. लेकिन उनको कोई नुकसान नहीं पहुंचता है.पुजारी का कहना है कि इस कुंड में स्नान करने से चर्म रोगों से निजात मिल जाता है और कुंड का पानी खेती की जमीन में डालने से फसल में भी कीड़े नहीं लगते. उनका मानना है कि इस कुंड का पानी लोगों के लिए वरदान के रूप में काम करता है.

शिवपुरी। जिले से लगभग 50 किमी की दूर स्थित एक प्राकृतिक झील चर्म रोग से छुटकारा दिलाने के लिए प्रसिद्ध है. डोंगर वर्खा के नाम से प्रसिद्घ इस झील का नजारा देखने के लिए हर साल यहां पर्यटक भी पहुंचते हैं. यहां पहाड़ों से बहकर पानी कुंड में गिरता है, ये प्राकृतिक नजारा देखने यहां सैलानी खिंचे चले आते हैं.

ऐसी झील जिसमें नहाने से मिलता है चर्म रोग से छुटकारा
यहां के लोगों का मानना है कि इस प्राकृतिक झील में नहाने से त्वचा संबंधी रोगों से निजात मिल जाती है. झील के पास ही मां भगवती का एक मंदिर भी है. 20 सालों से मंदिर की सेवा कर रहे पुजारी का कहना है कि जब वर्षा का पानी अधिक होता है तो इस स्थान पर रहने वाले पशु और अन्य जानवर बहकर कुंड में आ जाते हैं. लेकिन उनको कोई नुकसान नहीं पहुंचता है.पुजारी का कहना है कि इस कुंड में स्नान करने से चर्म रोगों से निजात मिल जाता है और कुंड का पानी खेती की जमीन में डालने से फसल में भी कीड़े नहीं लगते. उनका मानना है कि इस कुंड का पानी लोगों के लिए वरदान के रूप में काम करता है.
Intro:स्लग-डोंगर वर्खा
कुंड के पानी में स्नान करने से चर्म रोगों से मिलती है निजात
एंकर- शिवपुरी नगर को पर्यटक ग्राम के नाम से जाना जाता है शिवपुरी में कई ऐसे प्राकृतिक स्थल है जिन्हें देखने के लिए दूरदराज से पर्यटक आया करते हैं वही शिवपुरी से महज लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर बहुत ही सुंदर और प्राकृतिक स्थल मौजूद है जिसे डोंगर वर्खा के नाम से जाना जाता है यहां एक झील है जो इस स्थल की शोभा बढ़ा रही है वही पहाड़ से गिरता हुआ पानी कुंड में गिरता है जिसका दृश्य अत्यधिक मनोरम है।



Body:वर्षों पुराना यह स्थल अत्यधिक चमत्कारी है जब इस स्थान के बारे में 20 साल से पूजा अर्चना कर रहे मन्दिर के महंत से बात हुई तो उन्होंने बताया कि जब पानी की वर्षा अधिक हो जाती है तो इस स्थान पर पशु और अन्य जानवर बहकर कुंड में पहुंच जाते हैं लेकिन उनको किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचती वही इस कुंड में स्नान करने से चर्म रोगों से निजात मिल जाती है । चर्चा करते हुए महंत ने बताया कि इस कुंड से एक लोटा पानी किसान अपनी जमीन में डालता है तो किसी प्रकार के कीड़े फसल में नहीं लगते और वरदान के रूप में इस कुंड का पानी काम करता है।


Conclusion:व्हिओ- अधिक वर्षा हो जाने से पशु और अन्य जानवर पानी में बह जाते हैं और कुंड में पहुंच जाते हैं लेकिन किसी प्रकार की क्षति उनको नहीं पहुंचती है वहीं चर्म रोगों से निजात दिलाने का काम इस कुंड का पानी करता है और कोई भी किसान इस कुंड से एक लोटा जल भरकर अपने खेत में पानी डालता है तो उसकी फसल में किसी प्रकार का कीड़ा नहीं लगता है ।
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