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शाबास! मासूम को बचाने 160 फीट गहरे बोरवेल में उल्टा उतर गया नाबालिग

बोरवेल में 18 माह की बच्ची गिर गई थी, जिसे बचाने के लिए 14 साल के बालक के पैर पर रस्सी बांध दी गई. इसके बाद उसे बोरवेल में उल्टा उतार दिया गया, जिसके बाद बच्ची को बचा लिया गया.

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14 साल के बालक ने बच्ची की बचाई जान
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Published : Apr 19, 2021, 12:05 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 2:06 PM IST

शिवपुरी। पिछोर अनुविभाग अंतर्गत खनियांधाना क्षेत्र के देवरी गांव में एक खेत पर कराए गए बोरवेल में 18 माह की बच्ची गिर गई. बच्ची की रोने की आवाज सुनते ही 14 वर्षीय बालक के पैर पर रस्सी बांधकर उसे बोरवेल में उल्टा उतार दिया गया. लगभग 14 फीट नीचे जाने पर उसे बच्ची मिल गई. वह बच्ची का हाथ पकड़कर उसे खींच लाया.

यह हैं पूरी घटना
देवरी गांव में एक दिन पहले ही बोर कराया गया था. उसमें अभी पाइप नहीं डाला गया था. बोर लगभग 160 फीट गहरा था. इसकी चौड़ाई लगभग 9 इंच थी. सुरक्षा के लिए इसे तस्सल से ढंक दिया गया था. शनिवार को किसी ने बोरिंग के मुंह पर लगाया गया तस्सल हटा दिया.

14 साल के बालक ने बच्ची की बचाई जान
दरअसल, सुबह लगभग 9 बजे डेढ़ साल की संस्कृति घर के पास खेल रही थी. दादा का ध्यान कहीं ओर था. इसी दौरान खेलते-खेलते संस्कृति बोरवेल में गिर गई. उस समय सभी ग्रामीण आसपास ही थे, जिन्होंने बच्ची को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला.

अवैध बोर खनन करने वाली बोरिंग मशीन जब्त, संचालक पर होगी कार्रवाई

प्रशासन को बुलाने से पहले ग्रामीणों ने ही किया रेस्क्यू
बुजुर्गों ने कहा कि प्रशासन को बुलाने से अच्छा है कि खुद ही प्रयास कर बच्ची को निकालें. बोरिंग में अंधेरा था. बच्ची दिखाई नहीं दे रही थी. इसके बाद पास में ही रहने वाले 14 साल के हेमंत के पैर पर रस्सी बांधकर बच्ची को बोरवेल से सकुशल निकाल लिया गया.

गांववालों ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए बच्ची को सुरक्षित निकाल लिया, क्योंकि अगर थोड़ी भी देर हो जाती, तो बच्ची को बचाना मुश्किल हो जाता. बोरवेल 160 फीट गहरा था. बच्ची 15 फीट से कम पर ही अटकी थी. उधर संबंधित पुलिस थाने से जब बात की गई, को उन्होंने घटना से अनभिज्ञता जताई.

शिवपुरी। पिछोर अनुविभाग अंतर्गत खनियांधाना क्षेत्र के देवरी गांव में एक खेत पर कराए गए बोरवेल में 18 माह की बच्ची गिर गई. बच्ची की रोने की आवाज सुनते ही 14 वर्षीय बालक के पैर पर रस्सी बांधकर उसे बोरवेल में उल्टा उतार दिया गया. लगभग 14 फीट नीचे जाने पर उसे बच्ची मिल गई. वह बच्ची का हाथ पकड़कर उसे खींच लाया.

यह हैं पूरी घटना
देवरी गांव में एक दिन पहले ही बोर कराया गया था. उसमें अभी पाइप नहीं डाला गया था. बोर लगभग 160 फीट गहरा था. इसकी चौड़ाई लगभग 9 इंच थी. सुरक्षा के लिए इसे तस्सल से ढंक दिया गया था. शनिवार को किसी ने बोरिंग के मुंह पर लगाया गया तस्सल हटा दिया.

14 साल के बालक ने बच्ची की बचाई जान
दरअसल, सुबह लगभग 9 बजे डेढ़ साल की संस्कृति घर के पास खेल रही थी. दादा का ध्यान कहीं ओर था. इसी दौरान खेलते-खेलते संस्कृति बोरवेल में गिर गई. उस समय सभी ग्रामीण आसपास ही थे, जिन्होंने बच्ची को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला.

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प्रशासन को बुलाने से पहले ग्रामीणों ने ही किया रेस्क्यू
बुजुर्गों ने कहा कि प्रशासन को बुलाने से अच्छा है कि खुद ही प्रयास कर बच्ची को निकालें. बोरिंग में अंधेरा था. बच्ची दिखाई नहीं दे रही थी. इसके बाद पास में ही रहने वाले 14 साल के हेमंत के पैर पर रस्सी बांधकर बच्ची को बोरवेल से सकुशल निकाल लिया गया.

गांववालों ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए बच्ची को सुरक्षित निकाल लिया, क्योंकि अगर थोड़ी भी देर हो जाती, तो बच्ची को बचाना मुश्किल हो जाता. बोरवेल 160 फीट गहरा था. बच्ची 15 फीट से कम पर ही अटकी थी. उधर संबंधित पुलिस थाने से जब बात की गई, को उन्होंने घटना से अनभिज्ञता जताई.

Last Updated : Apr 19, 2021, 2:06 PM IST
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