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चयनित संविदा शिक्षकों की नहीं हुई नियुक्ति, शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन - विरोध प्रदर्शन श्योपुर

श्योपुर जिले में वर्ष 2018-19 में वर्ग 1 व 2 के लिए चयनित संविदा शिक्षकों को अभी तक नियुक्ति नहीं मिल पाई है. जिसके चलते आक्रोशित चयनित शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया.

Selected contract teachers were not appointed in sheopur
चयनित संविदा शिक्षकों की नहीं हुई नियुक्ति
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Published : Aug 28, 2020, 10:40 PM IST

श्योपुर। जिले में दो वर्ष पूर्व हुई संविदा शिक्षकों की परीक्षा में चयनित किए गए छात्रों की अभी तक नियुक्ति नहीं की जा सकी है. जिसके चलते अपनी मांगों को लेकर चयनित शिक्षक रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और डिप्टी कलेक्टर बृजेश यादव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

दरअसल संविदा शिक्षकों की परीक्षाए दिए जाने के बाद चयनित किए गए शिक्षकों की अभी तक नियुक्ति नहीं की जा सकी है. जिससे चयनित शिक्षक पूरी तरीके से बेरोजगार हुए घूम रहे हैं. जिससे चयनित शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और भर्ती नियमों की प्रति जलाई.

चयनित शिक्षकों का कहना है कि वह वर्ष 2018-19 में वर्ग 1 व 2 के लिए चयनित हुए थे. दो साल बीतने के बाद भी अभी तक सरकार ने जगह नहीं निकाली है. पात्रता परीक्षा आयोजित कराकर सरकार ने व्यापम के माध्यम से बेरोजगार छात्रों से करोड़ों रुपए लूटकर सरकार के खाली खजाने को तो भर लिया लेकिन शिक्षित बेरोजगारों के बारे में सरकार परीक्षा कराकर भूल गई.

शासन ने नियम बना दिया है कि तीन साल में पात्रता परीक्षा को निरस्त मान लिया जाएगा. इससे सभी चयनित शिक्षक मानसिक तनाव में हैं. पात्रता हासिल करने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने से हताश युवाओं ने आत्महत्या जैसा कदम उठाना शुरु कर दिया है. इसलिए ज्ञापन में ईच्छामृत्यु की मांग भी की है. अगर हमारे मांगें पूरी नहीं होती हैं तो प्रदेश के सभी जिलों से युवा 5 सितंबर को भोपाल पहुंचकर काला दिवस मनाएंगे और धरना प्रदर्शन एवं आमरण अनशन करेंगे.

श्योपुर। जिले में दो वर्ष पूर्व हुई संविदा शिक्षकों की परीक्षा में चयनित किए गए छात्रों की अभी तक नियुक्ति नहीं की जा सकी है. जिसके चलते अपनी मांगों को लेकर चयनित शिक्षक रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और डिप्टी कलेक्टर बृजेश यादव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

दरअसल संविदा शिक्षकों की परीक्षाए दिए जाने के बाद चयनित किए गए शिक्षकों की अभी तक नियुक्ति नहीं की जा सकी है. जिससे चयनित शिक्षक पूरी तरीके से बेरोजगार हुए घूम रहे हैं. जिससे चयनित शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और भर्ती नियमों की प्रति जलाई.

चयनित शिक्षकों का कहना है कि वह वर्ष 2018-19 में वर्ग 1 व 2 के लिए चयनित हुए थे. दो साल बीतने के बाद भी अभी तक सरकार ने जगह नहीं निकाली है. पात्रता परीक्षा आयोजित कराकर सरकार ने व्यापम के माध्यम से बेरोजगार छात्रों से करोड़ों रुपए लूटकर सरकार के खाली खजाने को तो भर लिया लेकिन शिक्षित बेरोजगारों के बारे में सरकार परीक्षा कराकर भूल गई.

शासन ने नियम बना दिया है कि तीन साल में पात्रता परीक्षा को निरस्त मान लिया जाएगा. इससे सभी चयनित शिक्षक मानसिक तनाव में हैं. पात्रता हासिल करने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने से हताश युवाओं ने आत्महत्या जैसा कदम उठाना शुरु कर दिया है. इसलिए ज्ञापन में ईच्छामृत्यु की मांग भी की है. अगर हमारे मांगें पूरी नहीं होती हैं तो प्रदेश के सभी जिलों से युवा 5 सितंबर को भोपाल पहुंचकर काला दिवस मनाएंगे और धरना प्रदर्शन एवं आमरण अनशन करेंगे.

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