श्योपुर। कोरोना दौर में सरकार द्वारा भर्ती किए गए स्वास्थ्य कर्मियों को बिना कारण बताए नौकरी से निकाला जा रहा है. इसके विरोध में जगह-जगह पर स्वास्थ्य कर्मचारी अब सड़कों पर उतर आए हैं. लिहाजा जिले में भी अस्थाई तौर पर काम कर रहे पैरामेडिकल स्टॉफ पर गाज गिरने वाली है. छटनी का आदेश आने के बाद से ही लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन फिर भी जिम्मेदार सुध नहीं ले रहे हैं.
मामला कोरोना कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है, जो लगातार नौकरी से निकाले जाने को लेकर 13 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार कोविड कर्मचारियों की छटनी किए जाने के बाद आधे से ज्यादा कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे.
बता दें कि, अभी कोरोना संक्रमण पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. उल्टा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में कोरोना कर्मचारियों को कहीं प्राइवेट नौकरी भी नहीं मिल पा रहा है, जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें.
कोविड कर्मचारियों का कहना है कि, कुछ समय पहले जब कोई साथ नहीं था, तब हमें कोरोना योद्धा कहकर हमारे ऊपर फूल बरसाए जा रहे थे, लेकिन अब फूल तो दूर की बात है हमारी नौकरी ही छीन ली गई. जब हमने राजधानी भोपाल में जाकर अपने हक के लिए धरना दिया, तो लाठी और डंडे बरसाए गए. इसी वजह से जिले में हमारे द्वारा धरना दिया गया, जिसका आज 13वां दिन है. इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि, धरना तब तक चलेगा, जब तक की मांगे पूरी नहीं हो जाती.