श्योपुर। कोरोना काल में कुछ दिन पहले अस्थाई रूप से भर्ती किए गए स्वास्थ्य कर्मियों और पैरामेडिकल स्टॉफ की छंटनी के आदेश जारी होने के बाद कोविड-19 कर्मचारी यूनियन द्वारा विरोध करना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को कर्मचारी द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सीएमएचओ और कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपकर उन्हें संविदा पर रखे जाने की मांग की.
बता दें जिले में डॉक्टरों की और पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी होने की वजह से उन्हें रखा गया था. लेकिन इसके बावजूद भी जिम्मेदारों के द्वारा छटनी करके उन्हें नौकरी से निकालने का काम किया जा रहा है. इससे वह बेरोजगार होंगे, साथ ही स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं भी प्रभावित होंगी. उन्होंने शासन प्रशासन से मांग की है कि या तो वह सभी कर्मचारियों को नौकरी पर रखें नहीं तो कोई भी कर्मचारी नौकरी नहीं करेगा.
जरूरत थी तब रख लिया
कोविड कर्मचारियों का आरोप है कि जब शासन प्रशासन को उनकी जरूरत थी, तब उन्हें नौकरी पर रख लिया गया. इसके बाद जरूरत के हिसाब से उनकी सेवाएं समय से वृद्धि की गई. लेकिन अब शासन द्वारा आदेश जारी करके नवंबर महीने में उनकी छटनी किए जाने का आदेश जारी किया है. जिसके बाद आधे से ज्यादा कोविड-19 कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. उनकी मानें तो अभी तक कोरोना खत्म नहीं हुआ है. इस वजह से फिलहाल उन्हें कोई प्राइवेट नौकरी भी नहीं मिल सकेगी, जिससे उन्हें अपना परिवार चलाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
पैरामेडिकल स्टॉफ बॉयसिविल सर्जन डॉक्टर आरवी गोयल का कहना है कि शासन द्वारा नवंबर माह तक पैरामेडिकल स्टॉफ को रखा गया था. अब उनकी छटनी की जानी है, तो ऐसे में पत्र लिखकर भोपाल भेजूंगा और मांग करूंगा कि कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. हमें स्टाफ की सख्त जरूरत है, ऐसे में इनकी सेवा निरंतर हमें मिलती रहना चाहिए.