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कड़ाके की ठंड, लेकिन नहीं है रैन बसेरे की सुविधा, यात्री परेशान - night shelter travelers

श्योपुर में आने वाले यात्रियों को भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां रैन बसेरों की सुविधा न होने पर यात्रियों को रात के समय अलाव जलाकर और किराए के रजाई गद्दे लेकर ठंड से बचने के इंतजाम करने पड़ रहे हैं.

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कड़ाके की ठंड में नहीं रैन बसेरा
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Published : Jan 3, 2020, 5:49 PM IST

श्योपुर। इन दिनों पड़ रही कड़ाके की ठंड ने आमजन की परेशानी बढ़ा रखी है. जिले में यात्रियों को ठहरने के लिए एक भी रैन बसेरा शुरू नहीं किया गया है. ऐसे हालात में रात के समय शहर में आने वाली यात्रियों को इस भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मामला जिला मुख्यालय पर बने रैन बसेरों की तीन बिल्डिंगों का है. इन बिल्डिंगों को प्रशासन द्वारा यात्रियों के ठहरने के लिए कई साल पहले बनाया गया था, लेकिन कई सालों से इन रैन बसेरों को शुरू नहीं किया जा सका है. ऐसे में जिले में आने वाले यात्रियों को भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि रात के समय अलाव जलाकर और किराए के रजाई गद्दे लेकर ठंड से बचने के इंतजाम करने पड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशान महिला यात्रियों को उठानी पढ़ रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रैन बसेरे को शुरू करने की कोई कवायद नहीं कर रहे हैं.

कड़ाके की ठंड में नहीं रैन बसेरा

जिले में बस स्टैंड, जिला अस्पताल और मजिस्ट्रेट कॉलोनी के पास बने हुए रेन बसेरा बदहाल हैं, यहां यात्रियों के ठहरने के कोई इंतजाम नहीं है. इस ठंड के मौसम में जिले के रैन बसेरों को शुरू किया जाना बेहद जरूरी हो गया है. जिले की कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है कि अगर जिले के रैन बसेरे शुरू नहीं किए गए हैं तो वे जल्द ही रैन बसेरों की हालत देखकर चालू करवाएंगी.

श्योपुर। इन दिनों पड़ रही कड़ाके की ठंड ने आमजन की परेशानी बढ़ा रखी है. जिले में यात्रियों को ठहरने के लिए एक भी रैन बसेरा शुरू नहीं किया गया है. ऐसे हालात में रात के समय शहर में आने वाली यात्रियों को इस भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मामला जिला मुख्यालय पर बने रैन बसेरों की तीन बिल्डिंगों का है. इन बिल्डिंगों को प्रशासन द्वारा यात्रियों के ठहरने के लिए कई साल पहले बनाया गया था, लेकिन कई सालों से इन रैन बसेरों को शुरू नहीं किया जा सका है. ऐसे में जिले में आने वाले यात्रियों को भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि रात के समय अलाव जलाकर और किराए के रजाई गद्दे लेकर ठंड से बचने के इंतजाम करने पड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशान महिला यात्रियों को उठानी पढ़ रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रैन बसेरे को शुरू करने की कोई कवायद नहीं कर रहे हैं.

कड़ाके की ठंड में नहीं रैन बसेरा

जिले में बस स्टैंड, जिला अस्पताल और मजिस्ट्रेट कॉलोनी के पास बने हुए रेन बसेरा बदहाल हैं, यहां यात्रियों के ठहरने के कोई इंतजाम नहीं है. इस ठंड के मौसम में जिले के रैन बसेरों को शुरू किया जाना बेहद जरूरी हो गया है. जिले की कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है कि अगर जिले के रैन बसेरे शुरू नहीं किए गए हैं तो वे जल्द ही रैन बसेरों की हालत देखकर चालू करवाएंगी.

Intro:ऐंकर
श्योपुर, इन दिनों पड़ रही कड़ाके की ठंड ने आमजन की परेशानी बढ़ा रखी है लेकिन यात्रियों को ठहरने के लिए जिला मुख्यालय पर एक भी रेन बसेरा शुरू नहीं किया गया है ऐसे हालात में रात के समय शहर में आने वाली यात्रियों को इस भरी ठंड मे परेशानीयो का सामना करना पड़ रहा है।


Body:वीओ-1
मामला जिला मुख्यालय पर बनी हुई रेन बेसराओ की तीन बिल्डिंगों का है इन बिल्डिंगों को प्रशासन द्वारा आगंतुकों के ठहरने यात्रियों के ठहरने के लिए कई साल पहले बनाया गया था लेकिन कई सालों से इन रैन बसेरों को शुरू नहीं किया जा सका है ऐसी में जो भी यात्री जिला मुख्यालय पर पहुंचते हैं तो उन्हें भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है हालात ऐसी है कि यात्रियों को रात के समय अलाव जलाकर और किराए के रजाई गद्दे लेने के बाद ठंड से बचने के इंतजाम करने पड़ते हैं सबसे ज्यादा परेशान महिला यात्रियों को उठानी पढ़ रही है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रेन बसेरा को शुरू करने कि कोई कवायत नहीं कर रहे हैं


Conclusion:वीओ-2
जिला मुख्यालय पर यात्री बस स्टैंड जिला अस्पताल और मजिस्ट्रेट कॉलोनि के पास बने हुए रेन बसेरा बदहाल हालत में है यहां यात्रियों के ठहरने के कोई इंतजाम नहीं है जिससे परेशान यात्रियों का कहना है कि उन्हें रात गुजारने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिले के रैन बसेरों को शुरू किया जाना चाहिए वहीं जिले की कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है कि अगर जिले के रैन बसेरे चालू नहीं किए गए हैं तो वह जल्द ही रैन बसेरों की हालत देख कर चालू करवाएगी।

बाईट-प्रतिभा पाल (डीएम श्योपुर)
महावीर मीणा (यात्री)
हरिसिंह वेष्णव (मरीज के परिजन)
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