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ग्रामीणों को जागरूक करने मलेरिया रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

श्योपुर के विजयपुर में मंगलवार को मलेरिया के प्रति ग्रामीणों को जागरुक करने के लिए मलेरिया रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.

malaria chariot will spread awareness regarding disease in villages of sheopur
मलेरिया रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
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Published : Jun 16, 2020, 6:13 PM IST

श्योपुर। विजयपुर विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. केएल पचोरिया ने मलेरिया रथ को हरी झंडी दिखाकर मलेरिया प्रभावित गांवों में भ्रमण के लिए रवाना किया, इस मौके पर समस्त अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे. जन समुदाय को जागरूक करने के उद्देश्य से टेक्निकल सुपरवाइजर ने कहा कि मलेरिया एक संचारी रोग है, जो मादा एनाफ्लीज मच्छर से फैलता है. इसकी रोकथाम के लिए इसके बारे में जानकारी होना आवश्यक है, तभी मलेरिया और अन्य वैक्टीरिया जनित बीमारियों को नियंत्रित करना सम्भव होगा.

जिले में एक जून से 30 जून तक मलेरिया माह मनाया जा रहा है, इसमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है, किसी भी प्रकार के बुखार में तत्काल रक्त पट्टी बनवाएं और ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ताओं के पास रैपिड डाइग्नोस्टिक किट से जांच करवाएं. साथ ही मलेरिया होने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता से तथा निकटतम स्वास्थ्य संस्था में जाकर निःशुल्क पूर्ण उपचार कराए. खंड चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि किसी भी बीमारी फैलने के पूर्व उसकी रोकथाम के लिए प्रयास नितांत आवश्यक है, ताकि बीमारी की रोकथाम की जा सके. सर्दी एवं कंपन के साथ तेज बुखार और सिर दर्द व पसीना आकर बुखार उतरना एवं थकावट व कमजोरी इसके प्रारभिंक लक्षण हैं.

इसके लार्वा को हम पनपने न दें, इसके लिए छत पर रखी खुली टंकियों को ढंककर रखें, टूटे-फूटे बर्तन, मटके कुल्हड़, गमलों में पानी इकठ्ठा न होने दें. कहीं भी यदि पानी रुका है तो टीमोफॉस या जले हुए मोबिल अथवा मिट्टी का तेल डालें, कूलर का पानी हर सप्ताह बदलें, फुल आस्तीन के कपड़े पहनें, तथा सोते समय दिन में या रात में हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें.

श्योपुर। विजयपुर विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. केएल पचोरिया ने मलेरिया रथ को हरी झंडी दिखाकर मलेरिया प्रभावित गांवों में भ्रमण के लिए रवाना किया, इस मौके पर समस्त अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे. जन समुदाय को जागरूक करने के उद्देश्य से टेक्निकल सुपरवाइजर ने कहा कि मलेरिया एक संचारी रोग है, जो मादा एनाफ्लीज मच्छर से फैलता है. इसकी रोकथाम के लिए इसके बारे में जानकारी होना आवश्यक है, तभी मलेरिया और अन्य वैक्टीरिया जनित बीमारियों को नियंत्रित करना सम्भव होगा.

जिले में एक जून से 30 जून तक मलेरिया माह मनाया जा रहा है, इसमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है, किसी भी प्रकार के बुखार में तत्काल रक्त पट्टी बनवाएं और ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ताओं के पास रैपिड डाइग्नोस्टिक किट से जांच करवाएं. साथ ही मलेरिया होने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता से तथा निकटतम स्वास्थ्य संस्था में जाकर निःशुल्क पूर्ण उपचार कराए. खंड चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि किसी भी बीमारी फैलने के पूर्व उसकी रोकथाम के लिए प्रयास नितांत आवश्यक है, ताकि बीमारी की रोकथाम की जा सके. सर्दी एवं कंपन के साथ तेज बुखार और सिर दर्द व पसीना आकर बुखार उतरना एवं थकावट व कमजोरी इसके प्रारभिंक लक्षण हैं.

इसके लार्वा को हम पनपने न दें, इसके लिए छत पर रखी खुली टंकियों को ढंककर रखें, टूटे-फूटे बर्तन, मटके कुल्हड़, गमलों में पानी इकठ्ठा न होने दें. कहीं भी यदि पानी रुका है तो टीमोफॉस या जले हुए मोबिल अथवा मिट्टी का तेल डालें, कूलर का पानी हर सप्ताह बदलें, फुल आस्तीन के कपड़े पहनें, तथा सोते समय दिन में या रात में हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें.

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