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मटर मंडी से नहीं जाम होगा जबलपुर का ट्रैफिक, प्रशासन ने दी 17 एकड़ जमीन, 137 एकड़ में बन रही स्मार्ट मंडी

किसानों के लिए अच्छी खबर है कि उन्हें 137 एकड़ की नई स्मार्ट मंडी मिलने वाली है. यह मंडी बेहद अत्याधुनिक भी होगी.

JABALPUR NEW MANDI
जबलपुर में 137 एकड़ में बन रही स्मार्ट मंडी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

जबलपुर : इस बार जबलपुर के मटर उत्पादक किसानों को औरैया गांव में 17 एकड़ में नई मटर मंडी मिल रही है. व्यापारी भले ही इस मंडी का विरोध कर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन ने तय कर लिया है कि अब शहर के अंदर कृषि उपज मंडी में मटर का व्यापार नहीं होगा. जबलपुर की मटर पूरे देश में मशहूर है और यहां सैंकड़ों एकड़ जमीन में हरा मटर उगाया जाता है, जिसकी डिमांड यूपी, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और यहां तक की बंगाल तक होती है. ऐसे में मटर का यहां काफी बड़ा कारोबार होता है.

ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत

मटर का यह पूरा कारोबार जबलपुर के विजयनगर के कृषि उपज मंडी में होता है लेकिन अब यह कृषि उपज मंडी जबलपुर शहर के बीच में आ गई है और किसानों को मंडी तक पहुंचाने और यहां से माल की डिलीवरी में ट्रैफिक एक बहुत बड़ी समस्या बन जाता है. पिछले साल किसानों के एक छोटे से आंदोलन की वजह से ट्रैफिक जाम लग गया और इसके बाद जब ट्रैफिक जाम खोला गया तब तक मटर की सैकड़ों गाड़ियां फंस गईं और इनमें लदा हुआ मटर सढ़ गया था. इसलिए जिला प्रशासन ने इस साल इस समस्या का निदान करने के लिए जबलपुर के बायपास के पास औरैया गांव में 17 एकड़ जमीन पर मटर मंडी की शुरुआत करने की बात कही है.

जानकारी देते जबलपुर कलेक्टर (Etv Bharat)

प्रशासन का क्या है कहना?

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के मुताबिक, '' शहर में पिछले साल ट्रैफिक और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति निर्मित हुई थी, जिसके बाद मंडी को शहर के बाहर शिफ्ट करने की योजना है. इसे रीडेंसिफिकेशन के तहत किया जा रहा है. नई जगह बायपास में है और यहां किसानों को अपना माल लाने और व्यापारियों को अपना माल ले जाने में सहूलियत होगी. इससे किसी का नुकसान नहीं होगा.'' हालांकि, व्यापारी इस बात के लिए तैयार नहीं हैं. व्यापारियों का कहना है कि यह पूरा कारोबार नगर में होता है और शहर के बाहर नगद पैसा लाना और ले जाना खतरे से खाली नहीं है. लेकिन जिला प्रशासन ने व्यापारियों को समझाइए दी है कि उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है और पुलिस उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करवाएगी. 30 नवंबर से जबलपुर की नई मटर मंडी में खरीद बिक्री शुरू की जाएगी.

137 एकड़ में बन रही पूरी मंडी

जबलपुर जिला प्रशासन का कहना है कि औरैया के पास 137 एकड़ में एक स्मार्ट नई मंडी बनाई जा रही है. इस नई मंडी में अनाज, फल, सब्जी आदि फसलों का पूरा व्यापार एक साथ हो सकेगा. इस अत्याधुनिक मंडी में कई नई व्यवस्थाएं करने की बात कही जा रही है.

नई मंडी को लेकर जहां किसान उत्साहित हैं तो वहीं व्यापारियों में चिंता की लहर है क्योंकि व्यापारी नहीं चाहते कि उन्हें नई जगह पर जाकर अपनी नई दुकान शुरू करनी पड़े लेकिन जबलपुर जिला प्रशासन रीडेंसिफिकेशन स्कीम के तहत शहर के भीतर से कई संस्थाओं को शहर के बाहर कर रहा है. शहर के विस्तार और विकास के लिए यह कदम जरूरी है.

जबलपुर : इस बार जबलपुर के मटर उत्पादक किसानों को औरैया गांव में 17 एकड़ में नई मटर मंडी मिल रही है. व्यापारी भले ही इस मंडी का विरोध कर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन ने तय कर लिया है कि अब शहर के अंदर कृषि उपज मंडी में मटर का व्यापार नहीं होगा. जबलपुर की मटर पूरे देश में मशहूर है और यहां सैंकड़ों एकड़ जमीन में हरा मटर उगाया जाता है, जिसकी डिमांड यूपी, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और यहां तक की बंगाल तक होती है. ऐसे में मटर का यहां काफी बड़ा कारोबार होता है.

ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत

मटर का यह पूरा कारोबार जबलपुर के विजयनगर के कृषि उपज मंडी में होता है लेकिन अब यह कृषि उपज मंडी जबलपुर शहर के बीच में आ गई है और किसानों को मंडी तक पहुंचाने और यहां से माल की डिलीवरी में ट्रैफिक एक बहुत बड़ी समस्या बन जाता है. पिछले साल किसानों के एक छोटे से आंदोलन की वजह से ट्रैफिक जाम लग गया और इसके बाद जब ट्रैफिक जाम खोला गया तब तक मटर की सैकड़ों गाड़ियां फंस गईं और इनमें लदा हुआ मटर सढ़ गया था. इसलिए जिला प्रशासन ने इस साल इस समस्या का निदान करने के लिए जबलपुर के बायपास के पास औरैया गांव में 17 एकड़ जमीन पर मटर मंडी की शुरुआत करने की बात कही है.

जानकारी देते जबलपुर कलेक्टर (Etv Bharat)

प्रशासन का क्या है कहना?

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के मुताबिक, '' शहर में पिछले साल ट्रैफिक और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति निर्मित हुई थी, जिसके बाद मंडी को शहर के बाहर शिफ्ट करने की योजना है. इसे रीडेंसिफिकेशन के तहत किया जा रहा है. नई जगह बायपास में है और यहां किसानों को अपना माल लाने और व्यापारियों को अपना माल ले जाने में सहूलियत होगी. इससे किसी का नुकसान नहीं होगा.'' हालांकि, व्यापारी इस बात के लिए तैयार नहीं हैं. व्यापारियों का कहना है कि यह पूरा कारोबार नगर में होता है और शहर के बाहर नगद पैसा लाना और ले जाना खतरे से खाली नहीं है. लेकिन जिला प्रशासन ने व्यापारियों को समझाइए दी है कि उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है और पुलिस उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करवाएगी. 30 नवंबर से जबलपुर की नई मटर मंडी में खरीद बिक्री शुरू की जाएगी.

137 एकड़ में बन रही पूरी मंडी

जबलपुर जिला प्रशासन का कहना है कि औरैया के पास 137 एकड़ में एक स्मार्ट नई मंडी बनाई जा रही है. इस नई मंडी में अनाज, फल, सब्जी आदि फसलों का पूरा व्यापार एक साथ हो सकेगा. इस अत्याधुनिक मंडी में कई नई व्यवस्थाएं करने की बात कही जा रही है.

नई मंडी को लेकर जहां किसान उत्साहित हैं तो वहीं व्यापारियों में चिंता की लहर है क्योंकि व्यापारी नहीं चाहते कि उन्हें नई जगह पर जाकर अपनी नई दुकान शुरू करनी पड़े लेकिन जबलपुर जिला प्रशासन रीडेंसिफिकेशन स्कीम के तहत शहर के भीतर से कई संस्थाओं को शहर के बाहर कर रहा है. शहर के विस्तार और विकास के लिए यह कदम जरूरी है.

Last Updated : 2 hours ago
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