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गेहूं की फसल में लगा 'जड़ महू' रोग, यूरिया की कमी से किसान परेशान

गेहूं के फसल में जरूरत भर की यूरिया का छिड़काव नहीं होने के कारण फसलों में इल्लियां लगने लग गई हैं, वहीं गेहू में 'जड़ महू' रोग भी लग गया है.

jadh mahu disease in wheat crop in sehor
गेहूं की फसल में लगा 'जड़ महू' रोग
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Published : Dec 14, 2019, 12:53 PM IST

Updated : Dec 14, 2019, 2:54 PM IST

सीहोर। खरीफ की फसल बारिश में चौपट हो जाने के कारण किसान पहले से ही हताश हैं, और अब यूरिया की कमी होने से भी रबी की फसल को लेकर परेशान हो रहा है. फसलों को जरूरत के हिसाब से यूरिया नहीं मिल पाने के कारण सीहोर जिले में गेहूं की फसलों पर 'जड़ महू' रोग फाल रहा है और इल्लियां भी लगने लग गई हैं.

गेहूं की फसल में लगा 'जड़ महू' रोग

जिले में इस बार कृषि विभाग ने 3 लाख 92 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोवनी का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसमें लगभग 90 फीसदी बोवनी हो चुकी है, लेकिन प्रारंभिक बोवनी के बाद अंकुरित गेंहू में यूरिया के अभाव से 'जड़ महू' रोग फैलने से फसल पीली होकर सूखने लगी है. इस बीमारी के कारण गेंहू की जड़ में एक विशेष प्रकार की इल्ली लग गई है जो गेंहू की जड़ को अंदर ही अंदर नष्ट कर रही है.

इस समस्या को लेकर जिले का किसान परेशान हो रहा है. और सरकार की तरफ आस लगाकर देख रहा है. किसानों का कहना है कि शुरूआती दौर में 30 से 50 प्रतिशत का नुकसान हो चुका है. वहीं कृषि वैज्ञानिक भी मान रहे हैं कि गेंहू की जड़ में महू की बीमारी के प्रकोप के कारण गेंहू प्रभावित हो रहा है.

सीहोर। खरीफ की फसल बारिश में चौपट हो जाने के कारण किसान पहले से ही हताश हैं, और अब यूरिया की कमी होने से भी रबी की फसल को लेकर परेशान हो रहा है. फसलों को जरूरत के हिसाब से यूरिया नहीं मिल पाने के कारण सीहोर जिले में गेहूं की फसलों पर 'जड़ महू' रोग फाल रहा है और इल्लियां भी लगने लग गई हैं.

गेहूं की फसल में लगा 'जड़ महू' रोग

जिले में इस बार कृषि विभाग ने 3 लाख 92 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोवनी का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसमें लगभग 90 फीसदी बोवनी हो चुकी है, लेकिन प्रारंभिक बोवनी के बाद अंकुरित गेंहू में यूरिया के अभाव से 'जड़ महू' रोग फैलने से फसल पीली होकर सूखने लगी है. इस बीमारी के कारण गेंहू की जड़ में एक विशेष प्रकार की इल्ली लग गई है जो गेंहू की जड़ को अंदर ही अंदर नष्ट कर रही है.

इस समस्या को लेकर जिले का किसान परेशान हो रहा है. और सरकार की तरफ आस लगाकर देख रहा है. किसानों का कहना है कि शुरूआती दौर में 30 से 50 प्रतिशत का नुकसान हो चुका है. वहीं कृषि वैज्ञानिक भी मान रहे हैं कि गेंहू की जड़ में महू की बीमारी के प्रकोप के कारण गेंहू प्रभावित हो रहा है.

Intro:सीहोर
बुधनी मुकेश मेहता
गेहू की फसल में यूरिया सही समय पर नही मिलने की बजह से गेहू में जड़ महू रोग से ग्रसित हो कर पौधे पिले पड़ने लगे हैBody:बुधनी /सीहोर
ANCHOR - सीहोर जिले में यूरिया के अभाव से रबी सीजन में अंकुरित गेंहू की फसल जड़ माहू रोग से संक्रमित होकर पीली पड़कर ख़राब होने लगी है .... ऐसे में परेशान किसान अभी से गेंहू को बचाने कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करने लगा है .... किसान गेंहू की मुख्य फसल की बर्बादी देखकर काफी खिन्न नजर आ रहा है .....

v/o 1 - जिले में इस बार कृषि विभाग ने 3 लाख 92 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में बोवनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया ...लगभग 90 प्रतिशत बोवनी पूर्ण भी हो चुकी है .... लेकिन प्रारंभिक बोवनी के बाद अंकुरित गेंहू में यूरिया के अभाव से जड़ माहू रोग फैलने से फसल पीली होकर सूखने लगी है ...इस बीमारी के कारण गेंहू की जड़ में एक विशेष प्रकार की इल्ली लग गई है जो गेंहू की जड़ को अंदर ही अंदर नष्ट कर फसल को पीली कर सुखाने लगी है ...

bite 1 - इन्दर सिंह मेवाड़ा , किसान

v/o 2 - किसान इस बार गेंहू में संक्रमण के रूप में उभरी जड़ माहू की बीमारी से हो रहे नुकसान को देखकर किसान का मानना है की इस बीमारी के कारण प्रारंभिक स्तर 30 से 50 प्रतिशत नुक्सान का आंकलन कर रहा है ...

bite 2 - संतोष सिंह , किसान

v/o 3 - अब ऐसे में जिले के कृषि वैज्ञानिक भी मान रहे है की गेंहू की जड़ में जड़ माहू की बीमारी के प्रकोप के कारण गेंहू के काफी बड़ा रकबा प्रभावित हो रहा है ....

bite 3 - संदीप शर्मा , वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक गेंहू , आर ए के कृषि कालेज सीहोर
Conclusion:
Last Updated : Dec 14, 2019, 2:54 PM IST
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