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सेना में भर्ती के लिए पसीना बहा रहीं चंबल की बेटियां, सुविधाओं के अभाव में कर रहीं प्रैक्टिस

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Published : Dec 17, 2019, 4:18 PM IST

Updated : Dec 17, 2019, 5:09 PM IST

चंबल की बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं, देशसेवा का जज्बा लिए यहां की युवतियां सीमा की निगेहबानी करने के लिए बेताब हैं, यही वजह है कि यहां की बेटियां दिन-रात पसीना बहा रहे हैं, ताकि सेना में भर्ती होकर देशसेवा कर सकें.

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भर्ती के लिए पसीना बहा रहीं चंबल की बेटियां

श्योपुर। बागी-बीहड़ के लिए बदनाम चंबल की माटी एक वक्त तक कुख्यात डकैतों की शरणस्थली मानी जाती थी, लेकिन बदलते दौर में इस माटी ने भी अपनी पहचान बदल दी है. यही वजह है कि प्रदेश के बाकी जिलों की तुलना में चंबल संभाग के जिलों के सबसे ज्यादा युवा सेना और पुलिस में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं, देशभक्ति का जज्बा चंबल की बेटियां में भी कम नहीं है. यहां बेटियां भी बॉर्डर पर जाने के लिए दिन रात पसीना बहा रही हैं.

भर्ती के लिए पसीना बहा रहीं चंबल की बेटियां

देश सेवा के लिए सेना और पुलिस की नौकरी हासिल करने के लिए चंबल संभाग के श्योपुर जिले की बेटियां दिन-रात मेहनत कर रही हैं. उनमें फोर्स में नौकरी पाने का ऐसा जुनून है कि वे सुबह 5:00 बजे फिजिकल फिटनेस के लिए कॉलेज के ग्राउंड पर पहुंच जाती हैं. जहां दौड़, लांग जंप, हाई जंप सहित वे सभी प्रैक्टिस करतीं हैं, जो सेना में शामिल होने के लिए जरुरी है. इसके अलावा जूड़ो-कराटे भी सीख रही हैं.

इन बेटियों को फिजिकल की तैयारी और सेल्फ डिफेंस सिखाने के लिए श्योपुर के पीजी कॉलेज की छात्रा कराटे चैंपियन रंजना राजोरिया खूब मेहनत कर रही हैं. वह खेल अधिकारी अरुण सिंह चौहान की मदद लेकर खुद तो सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रही हैं, साथ ही शहर के आसपास की युवतियों को फिजिकल और सेल्फ डिफेंस के गुर सिखा रही हैं. जिनके पीछे रंजना की सोच है कि उनकी तरह अन्य युवतियां भी अपनी सुरक्षा करना सीखें और सेना और फोर्स में भर्ती होकर बेटियां भी बेटों की तरह देश का गौरव बढ़ाएं.

नहीं मिल रही मदद
देशभक्ति का जज्बा रखने वाली चंबल संभाग के श्योपुर जिले की इन बेटियों को फिजिकल फिटनेस की तैयारी के लिए पीजी कॉलेज प्रबंधक ने किसी भी तरह की मदद या सामग्री उपलब्ध नहीं कराया है. ग्राउंड में लाइट तक नहीं है, ऐसे हालात में भी वह अपने मोबाइल के टॉर्च के सहारे तैयारी कर रही हैं. उनके हौसले इतने बुलंद हैं कि विपरीत परिस्थिति है, फिर भी इन बेटियों की भीतर देशभक्ति का इतना जज्बा है कि वह अपने खर्चे पर सेना और फोर्स की नौकरी पाने के लिए जमकर मेहनत कर रही हैं. इन बेटियों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें फिजिकल तैयारी के लिए सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं.

श्योपुर। बागी-बीहड़ के लिए बदनाम चंबल की माटी एक वक्त तक कुख्यात डकैतों की शरणस्थली मानी जाती थी, लेकिन बदलते दौर में इस माटी ने भी अपनी पहचान बदल दी है. यही वजह है कि प्रदेश के बाकी जिलों की तुलना में चंबल संभाग के जिलों के सबसे ज्यादा युवा सेना और पुलिस में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं, देशभक्ति का जज्बा चंबल की बेटियां में भी कम नहीं है. यहां बेटियां भी बॉर्डर पर जाने के लिए दिन रात पसीना बहा रही हैं.

भर्ती के लिए पसीना बहा रहीं चंबल की बेटियां

देश सेवा के लिए सेना और पुलिस की नौकरी हासिल करने के लिए चंबल संभाग के श्योपुर जिले की बेटियां दिन-रात मेहनत कर रही हैं. उनमें फोर्स में नौकरी पाने का ऐसा जुनून है कि वे सुबह 5:00 बजे फिजिकल फिटनेस के लिए कॉलेज के ग्राउंड पर पहुंच जाती हैं. जहां दौड़, लांग जंप, हाई जंप सहित वे सभी प्रैक्टिस करतीं हैं, जो सेना में शामिल होने के लिए जरुरी है. इसके अलावा जूड़ो-कराटे भी सीख रही हैं.

इन बेटियों को फिजिकल की तैयारी और सेल्फ डिफेंस सिखाने के लिए श्योपुर के पीजी कॉलेज की छात्रा कराटे चैंपियन रंजना राजोरिया खूब मेहनत कर रही हैं. वह खेल अधिकारी अरुण सिंह चौहान की मदद लेकर खुद तो सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रही हैं, साथ ही शहर के आसपास की युवतियों को फिजिकल और सेल्फ डिफेंस के गुर सिखा रही हैं. जिनके पीछे रंजना की सोच है कि उनकी तरह अन्य युवतियां भी अपनी सुरक्षा करना सीखें और सेना और फोर्स में भर्ती होकर बेटियां भी बेटों की तरह देश का गौरव बढ़ाएं.

नहीं मिल रही मदद
देशभक्ति का जज्बा रखने वाली चंबल संभाग के श्योपुर जिले की इन बेटियों को फिजिकल फिटनेस की तैयारी के लिए पीजी कॉलेज प्रबंधक ने किसी भी तरह की मदद या सामग्री उपलब्ध नहीं कराया है. ग्राउंड में लाइट तक नहीं है, ऐसे हालात में भी वह अपने मोबाइल के टॉर्च के सहारे तैयारी कर रही हैं. उनके हौसले इतने बुलंद हैं कि विपरीत परिस्थिति है, फिर भी इन बेटियों की भीतर देशभक्ति का इतना जज्बा है कि वह अपने खर्चे पर सेना और फोर्स की नौकरी पाने के लिए जमकर मेहनत कर रही हैं. इन बेटियों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें फिजिकल तैयारी के लिए सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं.

Intro:ऐंकर
श्योपुर, चंबल की यह माटी कल तक तो डकैतों के लिए जानी जाती थी लेकिन बदलती हुई समय की इस दौर मैं अब धीरे-धीरे इस माटी ने भी अपनी पहचान बदल दी है इसी का नतीजा है कि प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में चंबल संभाग के जिलों के सबसे ज्यादा युवा सेना और पुलिस फोर्स की नौकरी में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं देशभक्ति का जज्बा रखने में चंबल की बेटियां भी अब किसी से कम नहीं है बेटियां भी बॉर्डर पर जाने के लिए दिन रात मेहनत कर रही हैं देखिए यह खास रिपोर्ट


Body:वीओ-1
देश की सेवा करने के लिए सेना और पुलिस फोर्स की नौकरी हासिल करने के लिए चंबल संभाग के श्योपुर जिले की बेटियां दिन रात मेहनत करने में जुटी हुई है उनके भीतर फोर्स की नौकरी पाने का ऐसा जुनून है कि वह सुबह 5:00 बजे फिजिकल फिटनेस के लिए कॉलेज के ग्राउंड पर पहुंच जाती हैं और वहां घड़ी में टाइम सेट करके निर्धारित समय में दौड़ पूरी करने की तैयारी के साथ लोंग जंप हाई जंप सहित अन्य सभी अहर्ताओ को पूरा करने के लिए जी जान से जुटी हुई है इसके अलावा वह सेल्फ डिपेंड के गुण जूड़ों कराटे बगैरा भी सीख रही हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी और अपने देश की रक्षा कर सकें और दुश्मन को धूल चटा सके जिसे आप भी इन तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस तरह यह देश भक्ति का जज्बा रखने वाली यह युवतियां सुबह से ग्राउंड पर फिजिकल फिटनेस और सेल्फ डिपेंड में गुर सीख रही हैं जिन्हें देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि वह बेटों से किसी भी तरह से कम नहीं है इन बेटियों को फिजिकल की तैयारी और सेल्फ डिपेंड सिखाने के लिए श्योपुर के पीजी कॉलेज की छात्रा करंट चैंपियन रंजना राजोरिया खूब मेहनत कर रही है वह खेल विभाग अधिकारी अरुण सिंह चौहान की मदद लेकर खुद तो सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रही हैं बल्कि शहर के आसपास की युक्तियां को फिजिकल और सेल्फ डिफेंस के गुरु शिखा रही है जिनके पीछे रंजना की सोच है कि उनकी तरह अन्य युवतियां भी अपनी सुरक्षा करना सीखें और सेना और फोर्स की नौकरी में भर्ती होकर बेटियां भी बेटों की तरह देश का गौरव बढ़ाएं।

बाईट-अरुण सिंह चौहान (खेल अधिकारी श्योपुर)


Conclusion:वीओ-2 देश की सरहद पर पहरेदारी करने की इच्छा रखने वाली रंजना सहित उनकी अन्य साथी युवतीयो को देखकर शहर सहित आसपास के गांव से भी युवतियां पोस्ट की नौकरी में भर्ती होने के लिए रोजाना सुबह पीजी कॉलेज ग्राउंड में पहुंचकर फिजिकल फिटनेस और सेल्फ डिफेंस के तरीके सीख रही हैं रंजना और उनकी साथी युवतियों का कहना है कि वह सेना या पुलिस पोस्ट में भर्ती होकर देश के लिए कुछ करना चाहती हैं जिसके लिए वह फिजिकल की तैयारी कर रही हैं और खुद की आत्मरक्षा के लिए और देश की रक्षा जुड़े कराटे आदि सीख रही हैं।

बाईट-रंजना राजोरिया (छात्रा ट्रेनर)
बिनिता बेरवा छात्रा

वीओ-3 देशभक्ति का जज्बा रखने वाली चंबल संभाग के श्योपुर जिले की इन बेटियों को फिजिकल फिटनेस की तैयारी के लिए पीजी कॉलेज प्रबंधक द्वारा किसी भी तरह की मदद या सामग्री उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है ग्राउंड में लाइट तक नहीं है ऐसे हालातों में भी वह अपना मोबाइल की टॉर्च के सहारे तैयारी करने को मजबूर हैं उनकी हौसले इतने बुलंद हैं कि विपरीत परिस्थिति है फिर भी इन बेटियों की भीतर देश भक्ति का इतना जज्बा है कि वह अपने खर्चे पर सेना और फोर्स की नौकरियां पाने के लिए जमकर मेहनत कर रही हैं इन बेटियों के देशभक्ति के जज्बे और हौसले को देखकर अन्य बेटियां भी प्रोत्साहित हो रही हैं अन्य लोग भी इन बेटियों को सलूट करने लगे हैं इन बेटियों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें फिजिकल की तैयारी के लिए सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं।

श्योपुर से अमित शर्मा etv bharat
Last Updated : Dec 17, 2019, 5:09 PM IST
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