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अजब एमपी में गजब विकास, मरने के बाद भी नहीं मिला 'रास्ता'

श्योपुर जिले के ग्रामीण इलाके से मानवता शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक शव यात्रा को ग्रामीण सड़क न होने के कारण कीचड़ भरे रास्ते से लेकर श्मशान तक जा रहे हैं.

Funeral procession in mud
कीचड़ में शवयात्रा
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Published : Jan 7, 2020, 9:41 PM IST

श्योपुर। सड़क ने होने के कारण शव यात्रा को को कीचड़ में से निकलने का मामला सामने आया है. मामला बडौदा तहसील इलाके के पांडोली गांव का है जहां से आईं तस्वीरें मानवता को शर्मसार कर देने वाली हैं. इन तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह ग्रामीण अर्थी को कीचड़ में लेकर गुजर रहे हैं.

शर्म करो सरकार


पांडोली गांव में मंगलवार की सुबह लंबी बीमारी के चलते बुजुर्ग मलखान का निधन हो गया था. उनकी शव यात्रा के दौरान रास्ता नहीं होने की वजह से अर्थी को कीचड़ से भरे हुए खेतों से होकर शांतिधाम तक ले जाना पड़ा है. इस दौरान ग्रामीणों को कीचड़ में फिसलकर अर्थी के जमीन पर गिरने का जोखिम बना रहा, लेकिन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीण सारे जोखिम उठाकर उसे शांतिधाम ले पहुंचे और अंतिम संस्कार किया.


ग्रामीणों की माने तो उनके गांव में जब भी किसी की मौत होती है तो अंतिम संस्कार करने के लिए इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ये परेशानियां बारिश के दिनों में और भी बढ़ जाती है. इस समस्या की जानकारी जानकारी इलाके के जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को है, लेकिन इनमें से कोई भी गांव के शांतिधाम के लिए पक्की सड़क तो दूर मोरम-मिट्टी सड़क भी नहीं बनवा पा रहा है.


बडौदा तहसील इलाके के पांडोली गांव के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उनके गांव के शांतिधाम तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण करवाया जाए. ताकि उन्हे परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.

श्योपुर। सड़क ने होने के कारण शव यात्रा को को कीचड़ में से निकलने का मामला सामने आया है. मामला बडौदा तहसील इलाके के पांडोली गांव का है जहां से आईं तस्वीरें मानवता को शर्मसार कर देने वाली हैं. इन तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह ग्रामीण अर्थी को कीचड़ में लेकर गुजर रहे हैं.

शर्म करो सरकार


पांडोली गांव में मंगलवार की सुबह लंबी बीमारी के चलते बुजुर्ग मलखान का निधन हो गया था. उनकी शव यात्रा के दौरान रास्ता नहीं होने की वजह से अर्थी को कीचड़ से भरे हुए खेतों से होकर शांतिधाम तक ले जाना पड़ा है. इस दौरान ग्रामीणों को कीचड़ में फिसलकर अर्थी के जमीन पर गिरने का जोखिम बना रहा, लेकिन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीण सारे जोखिम उठाकर उसे शांतिधाम ले पहुंचे और अंतिम संस्कार किया.


ग्रामीणों की माने तो उनके गांव में जब भी किसी की मौत होती है तो अंतिम संस्कार करने के लिए इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ये परेशानियां बारिश के दिनों में और भी बढ़ जाती है. इस समस्या की जानकारी जानकारी इलाके के जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को है, लेकिन इनमें से कोई भी गांव के शांतिधाम के लिए पक्की सड़क तो दूर मोरम-मिट्टी सड़क भी नहीं बनवा पा रहा है.


बडौदा तहसील इलाके के पांडोली गांव के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उनके गांव के शांतिधाम तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण करवाया जाए. ताकि उन्हे परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.

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श्योपुर,रास्ता नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को एक बुजुर्ग की अर्थी को कीचड से भरे हुए खेतों से होकर शांतिधाम तक ले जाना पड़ा है। इस दौरान ग्रामीणों को कीचड में फिसलकर अर्थी के जमीन पर गिरने का जोखिम बना रहा। लेकिन म्रतक के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीण सारे जोखिम उठाकर अर्थी को शांतिधाम ले पहुंचे और वहां म्रतक के शव का अंतिम संस्कार किया।
   मामला बडौदा तहसील इलाके के पांडोली गांव का है जहां मंगलवार की सुबह लंबी बीमारी के चलते पांडोली ग्राम निवासी बुजुर्ग मलखान का निधन हो गया था। Body:इसके बाद जब उनके परिजन और ग्रामीण शव को अर्थी पर रखकर गांव के शांतिधाम तक ले जाने लगे तो शांति धाम के लिए रास्ता नहीं होने की वजह से उन्हे अर्थी को पानी भरे और कीचड से सने हुए खेतों से होकर लेकर जाना पडा। ग्रामीणों को कॉफी परेशानियां उठानी पडी। ग्रामीणों की मानें तो उनके गांव में जब भी कोई गमी होती है तो उन्हे अंतिम संस्कार करने के लिए इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनकी परेशानियां बारिश के दिनों में तो और भी ज्यादा बढ़ जाती है। जिसकी जानकारी इलाके के जनप्रतिनिधि और Conclusion:अधिकारियों को भी है। लेकिन पंचायत के सरपंच-सचिव से लेकर अन्य आला अधिकारियों द्वारा उनके गांव के शांतिधाम के लिए पक्की सड़क तो दूर मोरम-मिट्टी सड़क भी नहीं बनवा रहे है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उनके गांव के शांतिधाम तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण करवाया जाए। ताकि उन्हे परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

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