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श्योपुरः धान खरीदी से किसान परेशान, नहीं मिल रहा उचित दाम - Paddy Procurement Center

श्योपुर में किसानों के धान का अच्छा भाव नहीं मिल रहा, जिससे किसान काफी परेशान है. साथ ही बड़े जमींदारों ने धान का स्टॉक करना शुरू कर दिया है, जिन किसानों के पास धान रखने की जगह नहीं है या फिर जिन किसानों को साहूकार का कर्ज चुकाना है वहीं अपनी धान लेकर मंडियों की ओर जा रहें है. इस मामले में किसानों ने सरकार के प्रति नराजगी भी जाहिर की है.

Farmer upset over paddy purchase
धान खरीदी से किसान परेशान
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Published : Jan 22, 2021, 12:01 AM IST

श्योपुर। शहर से जुड़े क्षेत्र के किसानों को धान का अच्छा भाव नहीं मिल रहा है. इतना ही नहीं मंडियों में बोली लगाने वालों के सामने भी किसानों को गिड़गिड़ाना पड़ता है. हालात ऐसे है कि जिले में इस वर्ष धान खरीदी तो शुरू हो गई है, लेकिन किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत नहीं मिलने से किसान परेशान है.

बता दें कि इस वर्ष जिले की मंडी में धान खरीदी आरंभ होने से किसानों को राजस्थान के कोटा, बारा, मंडी में धान नहीं बेचने नहीं जाना पड़ रहा है. इसी उम्मीद में किसानों ने पहले की अपेक्षा इस बार अधिक धान लगाई थी, लेकिन किसानों को 1800 रुपये धान का भाव था जो कि अब 2500 रुपए प्रति क्विटंल आ गया.

साथ ही छोटे किसान अपनी धान को लेकर मंडी में जाते है, तो आढ़तियों बोली लगाने के लिए तैयार नहीं हो रहे है. पहले बारिश ना होने की वजह से किसानों ने अपना पैसा डीजल से सिंचाई में खूब बहाया, लेकिन इस बार उचित भाव ना मिलने की वजह से किसानों की सरकार के प्रति नाराजगी है.

बताया जा रहा है कि मंडी में चल रही गड़बड़ी पर सरकार का ध्यान ही नहीं है. हैरानी की बात तो ये के बड़े जमींदारों ने धान का स्टॉक करना शुरू कर दिया है, जिन किसानों के पास धान रखने की जगह नहीं है या फिर जिन किसानों को साहूकार का कर्ज चुकाना है वहीं अपनी धान लेकर मंडियों की ओर जा रहें है.

किसानों की माने तो पिछले वर्ष तक उन्हें राजस्थान के कोटा और बारा में धान को बेचने जाना पड़ता था, जिससे तो निजात मिल गई है. लेकिन धान की उचित कीमत ना मिलने के कारण से साल भर की लागत किसानों को नहीं निकल पा रही है. जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि मंडी में खरीद कर रहें व्यापारियों द्वारा एक ही धान की डबल कीमत लगाई जाती है, ऐसे में मंडी व्यापारियों की एक मनमानी चल रही है और वहीं क्विंटल पर 1 किलो का कटोतरा अलग से लिया जा रहा है.

श्योपुर। शहर से जुड़े क्षेत्र के किसानों को धान का अच्छा भाव नहीं मिल रहा है. इतना ही नहीं मंडियों में बोली लगाने वालों के सामने भी किसानों को गिड़गिड़ाना पड़ता है. हालात ऐसे है कि जिले में इस वर्ष धान खरीदी तो शुरू हो गई है, लेकिन किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत नहीं मिलने से किसान परेशान है.

बता दें कि इस वर्ष जिले की मंडी में धान खरीदी आरंभ होने से किसानों को राजस्थान के कोटा, बारा, मंडी में धान नहीं बेचने नहीं जाना पड़ रहा है. इसी उम्मीद में किसानों ने पहले की अपेक्षा इस बार अधिक धान लगाई थी, लेकिन किसानों को 1800 रुपये धान का भाव था जो कि अब 2500 रुपए प्रति क्विटंल आ गया.

साथ ही छोटे किसान अपनी धान को लेकर मंडी में जाते है, तो आढ़तियों बोली लगाने के लिए तैयार नहीं हो रहे है. पहले बारिश ना होने की वजह से किसानों ने अपना पैसा डीजल से सिंचाई में खूब बहाया, लेकिन इस बार उचित भाव ना मिलने की वजह से किसानों की सरकार के प्रति नाराजगी है.

बताया जा रहा है कि मंडी में चल रही गड़बड़ी पर सरकार का ध्यान ही नहीं है. हैरानी की बात तो ये के बड़े जमींदारों ने धान का स्टॉक करना शुरू कर दिया है, जिन किसानों के पास धान रखने की जगह नहीं है या फिर जिन किसानों को साहूकार का कर्ज चुकाना है वहीं अपनी धान लेकर मंडियों की ओर जा रहें है.

किसानों की माने तो पिछले वर्ष तक उन्हें राजस्थान के कोटा और बारा में धान को बेचने जाना पड़ता था, जिससे तो निजात मिल गई है. लेकिन धान की उचित कीमत ना मिलने के कारण से साल भर की लागत किसानों को नहीं निकल पा रही है. जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि मंडी में खरीद कर रहें व्यापारियों द्वारा एक ही धान की डबल कीमत लगाई जाती है, ऐसे में मंडी व्यापारियों की एक मनमानी चल रही है और वहीं क्विंटल पर 1 किलो का कटोतरा अलग से लिया जा रहा है.

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