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मनमानी: Housing board की जमीन पर कब्जा, हटाने गए तो मचाया शोर

श्योपुर हाउसिंग बोर्ड पर जबरन कब्जा कर बैठे लोगों को जमीन खाली कराने गए प्रशासनिक अधिकारियों को तगड़ी मशक्कत करनी पड़ी. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटित जमीन की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है.

administration removed the people living by making huts
झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों को प्रशासन ने हटवाया
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Published : Jun 19, 2021, 7:04 AM IST

श्योपुर। सरकारी जमीन को खाली कराने गए दस्ते के उस समय होश फाख़्ता हो गए जब उन्हें कब्जाधारियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. जबरदस्ती कब्जे पर उतारू लोगों ने प्रशासनिक अमले के काम में बाधा डाली. जिसके बाद पुलिस की मदद से जमीन खाली कराई गई. जमीन की कीमत 20 करोड़ के करीब बताई जा रही है.

दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ये जमीन आवंटित है जो काफी दिनों से खाली पड़ी थी. लगातार मिल रही शिकायतों पर अमल करते हुए जब तहसीलदार अपनी टीम के साथ पहुंचे तो खबर पाते ही वहां कब्जाधारी बड़ी संख्या में जुट गए. प्रशासनिक काम में बाधा डालने के साथ ही उन्होंने कच्ची दीवार बनानी शुरू कर दी. मामले की गंभीरता को देखते हुए ADM रुपेश उपाध्याय को पुलिस बुलानी पड़ी. पुलिस की मदद से हाउसिंग बोर्ड की 20 करोड़ की भूमि को मुक्त कराया गया.

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गौरतलब है कि पॉलीटेक्निक कॉलेज के सामने पड़ी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की भूमि सर्वे क्रमांक 500/2 रकबा 0.884 व सर्वे क्रमांक 500/1 रकबा 1.913 है. कुल रकबा 2.797 है. यह जमीन हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी को प्रधानमंत्री आवास के लिए आवंटित है. हाउसिंग बोर्ड पर कोई प्रोजेक्ट नहीं होने के कारण यह जमीन कुछ समय से खाली पड़ी थी. जिस पर कब्जे की नीयत से लोग झोपड़ी बनाकर रह रहे थे. ADM रुपेश उपाध्याय ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड कर्मचारी की शिकायत पर ही ये कार्रवाई की गई.

श्योपुर। सरकारी जमीन को खाली कराने गए दस्ते के उस समय होश फाख़्ता हो गए जब उन्हें कब्जाधारियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. जबरदस्ती कब्जे पर उतारू लोगों ने प्रशासनिक अमले के काम में बाधा डाली. जिसके बाद पुलिस की मदद से जमीन खाली कराई गई. जमीन की कीमत 20 करोड़ के करीब बताई जा रही है.

दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ये जमीन आवंटित है जो काफी दिनों से खाली पड़ी थी. लगातार मिल रही शिकायतों पर अमल करते हुए जब तहसीलदार अपनी टीम के साथ पहुंचे तो खबर पाते ही वहां कब्जाधारी बड़ी संख्या में जुट गए. प्रशासनिक काम में बाधा डालने के साथ ही उन्होंने कच्ची दीवार बनानी शुरू कर दी. मामले की गंभीरता को देखते हुए ADM रुपेश उपाध्याय को पुलिस बुलानी पड़ी. पुलिस की मदद से हाउसिंग बोर्ड की 20 करोड़ की भूमि को मुक्त कराया गया.

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गौरतलब है कि पॉलीटेक्निक कॉलेज के सामने पड़ी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की भूमि सर्वे क्रमांक 500/2 रकबा 0.884 व सर्वे क्रमांक 500/1 रकबा 1.913 है. कुल रकबा 2.797 है. यह जमीन हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी को प्रधानमंत्री आवास के लिए आवंटित है. हाउसिंग बोर्ड पर कोई प्रोजेक्ट नहीं होने के कारण यह जमीन कुछ समय से खाली पड़ी थी. जिस पर कब्जे की नीयत से लोग झोपड़ी बनाकर रह रहे थे. ADM रुपेश उपाध्याय ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड कर्मचारी की शिकायत पर ही ये कार्रवाई की गई.

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