श्योपुर। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए देश भर में महिला सशक्तिकरण अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ड्रेसर पर मेहरबानी के लिए महिला फार्मासिस्ट से दूसरे काम करा रहे हैं, दूसरी तरफ कराहल सामदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्रेसर की कमी से भी जूझना पड़ रहा है और ये ड्रेसर कई सालों से स्टोर रूम का प्रभारी बना बैठा है.
ड्रेसर बन गया स्टोर प्रभारी
कराहल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ड्रेसर जीके भटनागर को स्वास्थ्य विभाग के मुख्य दवा स्टोर का प्रभारी बनाया गया है, जो पिछले कई सालों से ड्रेसिंग का काम छोड़ मेडिकल स्टोर का प्रभार संभाल रहा है, जबकि नियमानुसार इस पद के लिए फार्मासिस्ट को प्रभारी बनाया जाना चाहिए और सीएमएचओ कार्यालय में एक महिला फार्मासिस्ट भी लंबे समय से पदस्थ है. फिर भी जिम्मेदार ऊंची पहुंच वाले ड्रेसर को इस पद पर बैठाने के लिए महिला फार्मासिस्ट की अनदेखी कर रहे हैं. जोकि स्वास्थ्य विभाग के नियमों का उल्लंघन है.
कराहल में डॉक्टर-नर्स कर रहे ड्रेसिंग
ड्रेसर जीके भटनागर की मूल पदस्थापना कराहल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में है, लेकिन ये कई सालों से जिला दवा स्टोर का प्रभारी बनकर बैठा है, जिससे कराहल में ड्रेसिंग का काम डॉक्टर और नर्सों को करना पड़ रहा है. पर अधिकारी ड्रेसर पर इतने मेहरबान हैं कि वो ड्रेसर से उसका मूल काम कराना ही नहीं चाहते हैं, जिससे ड्रेसर के हौसले बुलंद हैं और वह खुद को अधिकारी समझने लगा है.
ड्रेसर के पक्ष में सीएचएमओ
सीएमएचओ एआर करोड़िया का कहना है कि ड्रेसर हो या कोई भी हो व्यवस्था के अनुसार हम चाहे जिसे भी जहां भी बैठा सकते हैं, ऐसा कुछ नहीं है कि महिला फार्मासिस्ट ही होना चाहिए.