श्योपुर। जिला मुख्यालय के बाईपास इलाके पर स्थित सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास के रहने वाले दिव्यांग छात्रों को स्कूल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दरअसल छात्रावास से स्कूल ले जाने के लिए बस नहीं होने के चलते छात्रों को पैदल ही हाईवे से होते हुए स्कूल जाना पड़ता हैं. छात्रावास से स्कूल की दूरी लगभग दो किलोमीटर हैं.
जान हथेली पर लेकर स्कूल जाने को मजबूर दिव्यांग छात्र, प्रशासन नहीं ले रहा सुध
श्योपुर में दिव्यांग छात्रों को स्कूल जाने के लिए वाहन नहीं होने के चलते खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. छात्रावास से स्कूल की दूरी लगभग दो किलोमीटर है.जिसके चलते छात्रों को जान का खतरा लेकर स्कूल जाना पड़ता हैं.
स्कूल जाने के लिए संघर्ष कर रहे दिव्यांग छात्र
श्योपुर। जिला मुख्यालय के बाईपास इलाके पर स्थित सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास के रहने वाले दिव्यांग छात्रों को स्कूल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दरअसल छात्रावास से स्कूल ले जाने के लिए बस नहीं होने के चलते छात्रों को पैदल ही हाईवे से होते हुए स्कूल जाना पड़ता हैं. छात्रावास से स्कूल की दूरी लगभग दो किलोमीटर हैं.
Intro:ऐंकर
श्योपुर, तालामी देने के नाम पर दिव्यांग छात्रों का मजाक बनाया जा रहा है हालत ऐसी है कि दिव्यांग छात्रों को छात्रावास से दब हाईवे पर हाथ पैर केबल की सीट की सीट पर जाना पढ़ रहा है स्कूल की दूरी भी डेढ़ से 2 किलोमीटर के करीब है ऐसे में बच्चों को परेशानियां उठाने के साथ-साथ हादसे होने का भी खतरा बना रहता है
Body:वीओ-1 मामला जिला मुख्यालय के बाईपास इलाके में स्थित सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास का है जहां दिव्यांग बच्चे रहते हैं जिनमें कोई मानसिक कमजोर है तो किसी के हाथ या पैर नहीं है तो कई ऐसी हैं जिन्हें दिखाई ही नहीं देता है इन बच्चों का स्कूल छात्रावास से करीबन डेढ़ से 2 किलोमीटर दूरी पर है इस वजह से प्रशासन द्वारा भी तेज दो साल पहले बच्चों को छात्रावास स्कूल लाने ले जाने के लिए बस मैया करवाई गई थी लेकिन प्रशासन ने संचालक को 3 महीने से बस का भाड़ा नहीं दिया गया है इस वजह से बस संचालक ने बीते 4 दिन पहले अपनी बस को छात्रावास से हटा लिया है ऐसे हालातों में अब बीते 4 दिनों से इस दिव्यांग छात्रों को हाईवे पर की शर्ट गिफ्ट कर परेशानियां उठाकर छात्रावास स्कूल पहुंचना पड़ रहा है जिसे आप इन तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस तरह से यह बच्चे जिनका एक पैर नहीं है वह एक पैर से उछल उछल कर जा रहे हैं और जब थक जाते हैं तब हाथ पैर की बल्कि सटकी सेट कर जाने लग जाते हैं इनके अलावा मानसिक दिव्यांग और नेत्रहीन बच्चे भी हाईवे से होकर जान का जोखिम उठाकर स्कूल जा रहे हैं लेकिन लापरवाह अधिकारी बंद हुई बस को शुरू कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं
Conclusion:वीओ-2 परेशानी और जोखिम उठाकर स्कूल जा रही दिव्यांग बच्चों से जब ईटीवी भारत में बात की तो वह अपनी परेशानी बताते हुए बोले कि कोई व्यवस्था नहीं है और बहुत परेशानी आ रही है वहीं छात्रावास की वार्डन का कहना है कि 3 महीने से बजट नहीं होने की वजह से यह दिक्कत हो रही है
बाईट सिवम राजपूत छात्र
सीमा सिवहरे वार्डन सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास
वीओ-3 दिव्यांग बच्चों की परेशानी को लेकर ईटीवी भारत ने जब जिले के जिला शिक्षा अधिकारी वकील रावत से बात की तो वह अपनी लापरवाही को छुपाते हुए बोले दिव्यांग बच्चों के लिए बस के इंतजाम हैं बस क्यों बंद हो गई है इसका पता किया जाएगा
बाइट वकील रावत जिला शिक्षा अधिकारी
वीओ-4 शिक्षा के नाम पर दिव्यांग बच्चों का मजाक उड़ाए जाने का मामला उजागर होने के बाद जिम्मेदार खुद की लापरवाही पर पर्दा डालकर जिम्मेदारी से बस्ती का प्रयास भले ही कर ली लेकिन देखना होगा कि शिक्षा विभाग मंत्री इस पर क्या एक्शन लेते हैं
अमित शर्मा ईटीवी भारत श्योपुर
श्योपुर, तालामी देने के नाम पर दिव्यांग छात्रों का मजाक बनाया जा रहा है हालत ऐसी है कि दिव्यांग छात्रों को छात्रावास से दब हाईवे पर हाथ पैर केबल की सीट की सीट पर जाना पढ़ रहा है स्कूल की दूरी भी डेढ़ से 2 किलोमीटर के करीब है ऐसे में बच्चों को परेशानियां उठाने के साथ-साथ हादसे होने का भी खतरा बना रहता है
Body:वीओ-1 मामला जिला मुख्यालय के बाईपास इलाके में स्थित सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास का है जहां दिव्यांग बच्चे रहते हैं जिनमें कोई मानसिक कमजोर है तो किसी के हाथ या पैर नहीं है तो कई ऐसी हैं जिन्हें दिखाई ही नहीं देता है इन बच्चों का स्कूल छात्रावास से करीबन डेढ़ से 2 किलोमीटर दूरी पर है इस वजह से प्रशासन द्वारा भी तेज दो साल पहले बच्चों को छात्रावास स्कूल लाने ले जाने के लिए बस मैया करवाई गई थी लेकिन प्रशासन ने संचालक को 3 महीने से बस का भाड़ा नहीं दिया गया है इस वजह से बस संचालक ने बीते 4 दिन पहले अपनी बस को छात्रावास से हटा लिया है ऐसे हालातों में अब बीते 4 दिनों से इस दिव्यांग छात्रों को हाईवे पर की शर्ट गिफ्ट कर परेशानियां उठाकर छात्रावास स्कूल पहुंचना पड़ रहा है जिसे आप इन तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस तरह से यह बच्चे जिनका एक पैर नहीं है वह एक पैर से उछल उछल कर जा रहे हैं और जब थक जाते हैं तब हाथ पैर की बल्कि सटकी सेट कर जाने लग जाते हैं इनके अलावा मानसिक दिव्यांग और नेत्रहीन बच्चे भी हाईवे से होकर जान का जोखिम उठाकर स्कूल जा रहे हैं लेकिन लापरवाह अधिकारी बंद हुई बस को शुरू कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं
Conclusion:वीओ-2 परेशानी और जोखिम उठाकर स्कूल जा रही दिव्यांग बच्चों से जब ईटीवी भारत में बात की तो वह अपनी परेशानी बताते हुए बोले कि कोई व्यवस्था नहीं है और बहुत परेशानी आ रही है वहीं छात्रावास की वार्डन का कहना है कि 3 महीने से बजट नहीं होने की वजह से यह दिक्कत हो रही है
बाईट सिवम राजपूत छात्र
सीमा सिवहरे वार्डन सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास
वीओ-3 दिव्यांग बच्चों की परेशानी को लेकर ईटीवी भारत ने जब जिले के जिला शिक्षा अधिकारी वकील रावत से बात की तो वह अपनी लापरवाही को छुपाते हुए बोले दिव्यांग बच्चों के लिए बस के इंतजाम हैं बस क्यों बंद हो गई है इसका पता किया जाएगा
बाइट वकील रावत जिला शिक्षा अधिकारी
वीओ-4 शिक्षा के नाम पर दिव्यांग बच्चों का मजाक उड़ाए जाने का मामला उजागर होने के बाद जिम्मेदार खुद की लापरवाही पर पर्दा डालकर जिम्मेदारी से बस्ती का प्रयास भले ही कर ली लेकिन देखना होगा कि शिक्षा विभाग मंत्री इस पर क्या एक्शन लेते हैं
अमित शर्मा ईटीवी भारत श्योपुर
Last Updated : Feb 2, 2020, 12:28 PM IST