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दावे अनेक! मौत बनकर सड़कों पर घूम रहीं बेसहारा गाय

प्रदेश सरकार गायों की देखरेख के लिए गौ-कैबिनेट का गठन करने का काम कर रही है, लेकिन श्योपुर जिले में पशुपालन विभाग के अफसर सड़कों पर घूम रही बेसहारा गायों की सुध लेने की बजाय लापरवाही बरत रहे है. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Feb 3, 2021, 10:23 PM IST

Cows are not safe
सुरक्षित नहीं है गाय

श्योपुर। एक तरफ जहां प्रदेश सरकार गायों की देखरेख के लिए गौ-कैबिनेट का गठन करने का काम कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग के अफसर सड़कों पर घूम रही बेसहारा गायों की सुध नहीं ले रहे हैं. इससे सैकड़ों निराश्रित गाय कभी भूख प्यास से, तो कभी हादसे का शिकार हो जा रहे है. अब विपक्ष के नेता सरकार की कथनी और करनी पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

गौरतलब है कि, जिले में तीन लाख से ज्यादा गाय हैं, जिसमें से एक लाख की करीबन निराश्रित है, जो जिला मुख्यालय से लेकर बीरपुर, श्यामपुर, कराहल, गोरखपुर, विजयपुर इलाके में बड़ी संख्या में घूमती रहती हैं. आए दिन हादसे का शिकार भी हो जाती हैं. गर्मियों के सीजन में इन गायों की परेशानी और भी बढ़ जाती है, क्योंकि ज्यादातर नदी-नाले सूख जाते है. साथ ही फसलें भी मूरझा जाती है. इसके बाद गायों के लिए चारा-पानी मिल पाना और भी मुश्किल हो जाता है. प्रदेश सरकार भले ही गायों की इस समस्या को लेकर बेहद गंभीर हों, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी पहले की तरह लापरवाह बने हुए हैं.

सुरक्षित नहीं है गाय
गौशालाओं में भी नहीं है सुरक्षित गोवंशजिले में ज्यादातर गौशालाएं बंद पड़ी है. हालांकि जो गौशालाएं वर्तमान स्थिति में संचालित हो रही हैं, उसमें क्षमता से भी कम गाय है, लेकिन उसके बावजूद भी गोवंश का ठीक प्रकार से रखरखाव नहीं हो पा रहा है. आए दिन गौशालाओं में मृत्यु दर में इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में कहीं न कहीं गौशालाओं का संचालन करने के लिए समाजसेवियों की मदद लेनी पड़ रही है. गाय की खुराक का बजट 20 से घटाकर 1.60 पर कर दियामध्य प्रदेश की सियासत में हर बार गाय को मुद्दा बनाया जाता है. गाय और गौशालाओं को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं. इस समय जिले भर में लगभग तीन लाख से अधिक गोवंश हैं, जिसमें से एक लाख गोवंश निराश्रित हैं. बताया जा रहा है कि, पिछली कमलनाथ सरकार ने बजट में प्रति गाय 20 रुपये दिए थे, लेकिन वर्तमान में 1.60 रुपये बजट दिया जा रहा है, जिससे संचालन करने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.प्रदेश में नहीं थम रही गौ हत्याकांग्रेस विधायक बाबू चंदेल ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा गौ-कैबिनेट गठित करने से कुछ नहीं होता है. अभी भी सड़कों पर आवारा गाय घूम रही है, जिससे कई लोगों की मौत हो चुकी है, तो कई गाय मर चुकी हैं. सरकार ने बजट को ही कम कर दिया है, जो कांग्रेस सरकार में 20 रुपए था, वह एक रुपए 60 पैसे रख दिया है. पशुपालन विभाग के उप संचालक आरएस सिकरवार का कहना है कि हमारे द्वारा आसाराम और गोपाल गौशालाओं में कुछ गायों को भिजवाया गया था. अब एक बार फिर निराश्रित गायों को अन्य गौशालाओं में भिजवा दिया जाएगा.

श्योपुर। एक तरफ जहां प्रदेश सरकार गायों की देखरेख के लिए गौ-कैबिनेट का गठन करने का काम कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग के अफसर सड़कों पर घूम रही बेसहारा गायों की सुध नहीं ले रहे हैं. इससे सैकड़ों निराश्रित गाय कभी भूख प्यास से, तो कभी हादसे का शिकार हो जा रहे है. अब विपक्ष के नेता सरकार की कथनी और करनी पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

गौरतलब है कि, जिले में तीन लाख से ज्यादा गाय हैं, जिसमें से एक लाख की करीबन निराश्रित है, जो जिला मुख्यालय से लेकर बीरपुर, श्यामपुर, कराहल, गोरखपुर, विजयपुर इलाके में बड़ी संख्या में घूमती रहती हैं. आए दिन हादसे का शिकार भी हो जाती हैं. गर्मियों के सीजन में इन गायों की परेशानी और भी बढ़ जाती है, क्योंकि ज्यादातर नदी-नाले सूख जाते है. साथ ही फसलें भी मूरझा जाती है. इसके बाद गायों के लिए चारा-पानी मिल पाना और भी मुश्किल हो जाता है. प्रदेश सरकार भले ही गायों की इस समस्या को लेकर बेहद गंभीर हों, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी पहले की तरह लापरवाह बने हुए हैं.

सुरक्षित नहीं है गाय
गौशालाओं में भी नहीं है सुरक्षित गोवंशजिले में ज्यादातर गौशालाएं बंद पड़ी है. हालांकि जो गौशालाएं वर्तमान स्थिति में संचालित हो रही हैं, उसमें क्षमता से भी कम गाय है, लेकिन उसके बावजूद भी गोवंश का ठीक प्रकार से रखरखाव नहीं हो पा रहा है. आए दिन गौशालाओं में मृत्यु दर में इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में कहीं न कहीं गौशालाओं का संचालन करने के लिए समाजसेवियों की मदद लेनी पड़ रही है. गाय की खुराक का बजट 20 से घटाकर 1.60 पर कर दियामध्य प्रदेश की सियासत में हर बार गाय को मुद्दा बनाया जाता है. गाय और गौशालाओं को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं. इस समय जिले भर में लगभग तीन लाख से अधिक गोवंश हैं, जिसमें से एक लाख गोवंश निराश्रित हैं. बताया जा रहा है कि, पिछली कमलनाथ सरकार ने बजट में प्रति गाय 20 रुपये दिए थे, लेकिन वर्तमान में 1.60 रुपये बजट दिया जा रहा है, जिससे संचालन करने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.प्रदेश में नहीं थम रही गौ हत्याकांग्रेस विधायक बाबू चंदेल ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा गौ-कैबिनेट गठित करने से कुछ नहीं होता है. अभी भी सड़कों पर आवारा गाय घूम रही है, जिससे कई लोगों की मौत हो चुकी है, तो कई गाय मर चुकी हैं. सरकार ने बजट को ही कम कर दिया है, जो कांग्रेस सरकार में 20 रुपए था, वह एक रुपए 60 पैसे रख दिया है. पशुपालन विभाग के उप संचालक आरएस सिकरवार का कहना है कि हमारे द्वारा आसाराम और गोपाल गौशालाओं में कुछ गायों को भिजवाया गया था. अब एक बार फिर निराश्रित गायों को अन्य गौशालाओं में भिजवा दिया जाएगा.
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