शाजापुर। जिला अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. यहां एक बेड पर दो मरीजों लेटे हुए हैं. इतना ही नहीं बेड के पास मरीजों के परिजन भी मौजूद हैं. अस्पताल की ये हालत मुसीबत को न्योता दे रही है. अगर कोई मरीज संक्रमित हैं, तो स्थिति कितनी भयावह हो सकती है इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. एक तरफ स्वास्थ्य विभाग का महकमा फील्ड पर कोरोना से लड़ाई रह रहा है. वहीं दूसरी तरफ जिला अस्पताल में इतनी बड़ी लापरवाही चिंता का विषय है.
सरकारी अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उठाई जा रही हैं. कोरोना के चलते पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है, लोगों को आइसोलेट और क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. ऐसे में जिला अस्पताल में इतनी बड़ी लापरवाही इन तमाम कोशिशों पर पानी फेर सकती हैं. अस्पताल में एक ही बेड पर दो गर्भवती महिलाएं लेटी हुई हैं. उनके परिजन भी आस-पास ही बैठे हैं. सोशल डिस्टेंस का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा.
अब जरा सिविल सर्जन शुभम गुप्ता की भी सुनिए, उनका कहना है कि जिला अस्पताल में 200 बेड की क्षमता है. हम शासन से 300 बेड की मांग कब से कर रहे हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल बंद होने से ज्यादा मरीज आ रहे हैं. चौकाने वाली बात ये है कि इस अस्पताल में वेंटिलेटर की व्यवस्था भी नहीं है. स्टॉफ की कमी है. ऐसे में जिला अस्पताल में ये लापरवाही मरीजों को भारी न पड़ जाए.