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कर्मचारियों की कमी से बिगड़ रही ट्रामा सेंटर की व्यवस्था - शाजापुर जिला मुख्यालय

शाजापुर जिला मुख्यालय पर लोगों के बेहतर उपचार के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर ट्रामा सेंटर बनाया गया था, लेकिन कर्मचारियों के अभाव में अब ट्रामा सेंटर में अव्यवस्था का शिकार पड़ा है.

Clutter in trauma center
ट्रामा सेंटर में अव्यवस्था
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Published : Dec 26, 2020, 2:33 PM IST

शाजापुर। शाजापुर जिला मुख्यालय के ट्रामा सेंटर में कर्मचारियों की कमी के चलते व्यवस्था खस्ताहाल है. आलम यह है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण आवारा मवेशी ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों के कमरों तक पहुंच रहे हैं. तो वहीं ऑटो और टैक्सी चालकों ने ट्रामा सेंटर परिसर को अवैध पार्किंग का अड्डा बना दिया है.

अव्यवस्थाओं का शिकार हुआ ट्रामा सेंटर

ट्रामा सेंटर में घूम रहे मवेशी

शाजापुर जिला मुख्यालय पर लोगों के बेहतर उपचार के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर ट्रामा सेंटर बनाया गया था. लेकिन कर्मचारियों के अभाव में अब ट्रामा सेंटर अब ड्रामा सेंटर बनता जा रहा है. ट्रामा सेंटर के आसपास बाउंड्री वॉल और सुरक्षा कर्मचारियों की कमी के कारण मवेशी ट्राम सेंटर में घूम रहे हैं. इसके साथ ही करीब एक दर्जन से अधिक चाय के ठेले वाले भी सुबह-शाम ट्रामा सेंटर परिसर में कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए चाय और नाश्ता भेजते हुए दिखाई देते हैं. जब चाय बेचने वालों को बाहर निकालने की मुहिम छेड़ी तो विवाद की स्थिति बन गई.

ट्रामा सेंटर में सुरक्षा गार्ड की किल्लत

ट्रामा सेंटर की अव्यवस्थाओं के बारे सिविल सर्जन डॉ. शुभम गुप्ता का कहना है कि ट्रामा सेंटर में केवल 12 सुरक्षा गार्ड है. जिसमें से तीन महिला सुरक्षा गार्ड है. जो मेटरनिटी वार्ड के बाहर तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं. तो वहीं नौ पुरुष सुरक्षा गार्ड है. जिनके के हवाले ट्रामा सेंटर, अस्पताल पुराना और ट्रामा सेंटर के तीन सेक्शन की जिम्मेदारी है. पहले 12 सुरक्षा गार्डों के द्वारा पुराना जिला अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था दी जाती थी, लेकिन अब पुराने अस्पताल के साथ-साथ ट्रामा सेंटर और एबी सेक्शन सहित कोविड अस्पताल में गार्ड की जरूरत पड़ रही हैं. वर्तमान में जो सुरक्षा गार्ड हमारे पास है. वह काफी कम है. सुरक्षा गार्ड बढ़ाए जाने की लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. वही ट्रामा सेंटर की बाउंड्री वाल के लिए भी कलेक्टर और सीएमएचओ को अवगत कराया गया है. शीघ्र ट्रामा सेंटर की बाउंड्री वॉल हो जाएगी.

शाजापुर। शाजापुर जिला मुख्यालय के ट्रामा सेंटर में कर्मचारियों की कमी के चलते व्यवस्था खस्ताहाल है. आलम यह है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण आवारा मवेशी ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों के कमरों तक पहुंच रहे हैं. तो वहीं ऑटो और टैक्सी चालकों ने ट्रामा सेंटर परिसर को अवैध पार्किंग का अड्डा बना दिया है.

अव्यवस्थाओं का शिकार हुआ ट्रामा सेंटर

ट्रामा सेंटर में घूम रहे मवेशी

शाजापुर जिला मुख्यालय पर लोगों के बेहतर उपचार के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर ट्रामा सेंटर बनाया गया था. लेकिन कर्मचारियों के अभाव में अब ट्रामा सेंटर अब ड्रामा सेंटर बनता जा रहा है. ट्रामा सेंटर के आसपास बाउंड्री वॉल और सुरक्षा कर्मचारियों की कमी के कारण मवेशी ट्राम सेंटर में घूम रहे हैं. इसके साथ ही करीब एक दर्जन से अधिक चाय के ठेले वाले भी सुबह-शाम ट्रामा सेंटर परिसर में कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए चाय और नाश्ता भेजते हुए दिखाई देते हैं. जब चाय बेचने वालों को बाहर निकालने की मुहिम छेड़ी तो विवाद की स्थिति बन गई.

ट्रामा सेंटर में सुरक्षा गार्ड की किल्लत

ट्रामा सेंटर की अव्यवस्थाओं के बारे सिविल सर्जन डॉ. शुभम गुप्ता का कहना है कि ट्रामा सेंटर में केवल 12 सुरक्षा गार्ड है. जिसमें से तीन महिला सुरक्षा गार्ड है. जो मेटरनिटी वार्ड के बाहर तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं. तो वहीं नौ पुरुष सुरक्षा गार्ड है. जिनके के हवाले ट्रामा सेंटर, अस्पताल पुराना और ट्रामा सेंटर के तीन सेक्शन की जिम्मेदारी है. पहले 12 सुरक्षा गार्डों के द्वारा पुराना जिला अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था दी जाती थी, लेकिन अब पुराने अस्पताल के साथ-साथ ट्रामा सेंटर और एबी सेक्शन सहित कोविड अस्पताल में गार्ड की जरूरत पड़ रही हैं. वर्तमान में जो सुरक्षा गार्ड हमारे पास है. वह काफी कम है. सुरक्षा गार्ड बढ़ाए जाने की लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. वही ट्रामा सेंटर की बाउंड्री वाल के लिए भी कलेक्टर और सीएमएचओ को अवगत कराया गया है. शीघ्र ट्रामा सेंटर की बाउंड्री वॉल हो जाएगी.

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