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देशी-विदेशी नोटों से सजा खजांची मंदिर, 50 साल से चल रही परंपरा - मंदिर की नोटों से विशेष सजावट

समरी- शाजापुर के खजांची मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर मंदिर की नोटों से विशेष सजावट की जाती है.

खजांची मंदिर
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Published : Aug 25, 2019, 3:39 AM IST

शाजापुर। जिले के प्रसिद्ध खजांची मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई. यह मंदिर राजस्थान स्थित झालरिया मठ डीडवाना के खजांची मंदिर की तर्ज बना है, जो 200 साल पुराना है. जन्माष्टमी के पर्व पर मंदिर में नोटों से विशेष सजावट की गई, जिसमें भारतीय मुद्रा सहित कई विदेशी मुद्राएं शामिल थीं.

देशी-विदेशी नोटों से सजा शाजापुर का खजांची मंदिर

मंदिर की विशेष सजावट को देखने के लिए हजारों की संख्या में मंदिर पहुंचे. मंदिर के पुजारी सीताराम तिवारी ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र के चलते भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव 24 अगस्त को मनाया जा रहा है. इस अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से नोटों से सजाया जाता है, जिसमें भारतीय मुद्रा के साथ अमेरिका, भूटान, मालदीव और सऊदी अरब की मुद्राएं भी शामिल होती हैं.

पुजारी ने कहा कि हम साल भर की मेहनत जन्माष्टमी पर्व पर झोंक देते हैं. मंदिर को नोटों से सजाने की परंपरा 50 सालों से लगातार चली आ रही है.

शाजापुर। जिले के प्रसिद्ध खजांची मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई. यह मंदिर राजस्थान स्थित झालरिया मठ डीडवाना के खजांची मंदिर की तर्ज बना है, जो 200 साल पुराना है. जन्माष्टमी के पर्व पर मंदिर में नोटों से विशेष सजावट की गई, जिसमें भारतीय मुद्रा सहित कई विदेशी मुद्राएं शामिल थीं.

देशी-विदेशी नोटों से सजा शाजापुर का खजांची मंदिर

मंदिर की विशेष सजावट को देखने के लिए हजारों की संख्या में मंदिर पहुंचे. मंदिर के पुजारी सीताराम तिवारी ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र के चलते भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव 24 अगस्त को मनाया जा रहा है. इस अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से नोटों से सजाया जाता है, जिसमें भारतीय मुद्रा के साथ अमेरिका, भूटान, मालदीव और सऊदी अरब की मुद्राएं भी शामिल होती हैं.

पुजारी ने कहा कि हम साल भर की मेहनत जन्माष्टमी पर्व पर झोंक देते हैं. मंदिर को नोटों से सजाने की परंपरा 50 सालों से लगातार चली आ रही है.

Intro:शाजापुर। रोहिणी नक्षत्र को ध्यान में रखकर 24 अगस्त को शाजापुर में खजांची मंदिर में भगवान कृष्ण का जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया. जहां देसी के साथ-साथ विदेशी मुद्राओं से भगवान कृष्ण के मंदिर को सजाया गया.Body:




शाजापुर मे झालरिया मठडीडवाना राजस्थान में स्थित खजांची मंदिर की तर्ज पर एक खजांची मंदिर है. जो लगभग 200 साल पुराना है. इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां पर भगवान श्री कृष्ण का जन्माष्टमी पर्व विशेष ढंग से मनाया जाता है .इस बार रोहिणी नक्षत्र को ध्यान में रखते हुए जन्माष्टमी पर्व 23 की बजाय 24 अगस्त को धूमधाम से मनाया गया.
मंदिर के पुजारी पंडित सीताराम तिवारी जी ने बताया कि हम प्रतिवर्ष भगवान श्री कृष्ण का जन्माष्टमी पर्व को विशेष बनाने के लिए भगवान के आवास स्थल को देसी के साथ-साथ विदेशी मुद्राओं से भी सजाते हैं.
ऐसा हम लगभग 50 सालों से करते आ रहे हैं .धीरे धीरे विभिन्न देशों की मुद्राओं का हम लोग उपयोग करने लगे हैं .जिसमें अमेरिका भूटान मालदीव सऊदी अरब की मुद्राएं भी शामिल है .
भगवान के मंदिर को विभिन्न देशों की मुद्राओं से सजाने से उसका आकर्षक और अधिक बढ़ जाता है और लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बन जाता है.
हम पूरे साल भर की मेहनत जन्माष्टमी पर्व पर झोक देते हैं .जिससे हमारी मेहनत शहर वासियों को दिखाई दे .और भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद हमारे ऊपर बना रहे हैं.Conclusion:



देसी के साथ-साथ विदेशी मुद्राओं से भगवान के आवास स्थल को सजाया गया
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