शाजापुर। जिले में 2 दिन पहले एक बैंक महिला कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकली थी. जिसके बाद महिला के संपर्क में आने वाले 70 लोगों को ट्रेस किया गया और इन सभी को जांच के पश्चात होम क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है. लेकिन इसमें कियोस्क संचालित करने वाले पिता पुत्र भी शामिल थे जिन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था.
लेकिन कुछ दिन बाद सिविल सर्जन ने इन्हें घर जाने को कह दिया था वहीं जब दोनों पिता पुत्र चले गए तो उन्हें फरार घोषित कर दिया गया. जब इसकी जानकारी पिता पुत्र को लगी तो वह आइसोलेशन वार्ड में पहुंच गए और भूख हड़ताल शुरू कर दी. आईसोलेशन वार्ड से पुत्र ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया है और आरोप लगाया कि वह बैंक महिला कर्मचारी के संपर्क में नहीं आए थे, बावजूद इसके उन्हें केवल आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था.
पूरा मामला:
शाजापुर में पिता पुत्र दोनों कियोस्क सेंटर का संचालन करते हैं भारतीय स्टेट बैंक की चौक बाजार शाखा में कार्यरत एक महिला कर्मचारी की 2 दिन पहले कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. जिसके बाद महिला बिना बताए महाराष्ट्र अपने घर चली गई वहीं स्वास्थ्य विभाग ने महिला के संपर्क में आने वाले लोगों की सूची तैयार की, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक के तीन बैंकों के अधिकारी कर्मचारी एवं महिला कर्मचारी के पड़ोसी शामिल थे. 70 लोगों की सूची में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन ने इन दोनों पिता-पुत्र का भी नाम शामिल किया था.
इन दोनों की भी जांच की गई और इन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया, महिला कर्मचारी के संपर्क में आने वाले 70 लोगों की जांच के बाद उन सभी को होम क्वॉरेंटाइन किया गया लेकिन दोनों पिता पुत्र को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. पुत्र ने आइसोलेशन वार्ड से वीडियो वायरल किया और उसमें जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग पर आरोप लगाया है कि बैंक कर्मचारी महिला से हम दोनों संपर्क में ही नहीं आए थे, उन्होंने कहा की वह महिला कर्मचारी के संपर्क में भी नहीं थे उसके बाद भी उनका नाम सूची में जोड़ दिया गया और आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया.
भर्ती करने के बाद उन्हें घर जाने को कहा था और जब वह घर गए तो उन्हें फरार बता दिया गया. वहीं दोनों प्रशासन से सवाल कर रहे हैं की आखिर क्यों उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था और जब तक इस बात का जवाब नहीं मिल जाता तब तक वह भूख हड़ताल पर रहेंगे. इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ और सिविल सर्जन भी अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.
सीएमएचओ का कहना है कि जिस डॉक्टर ने इन्हें आइसोलेशन वार्ड में भेजा है उनसे पूछा जाए, वहीं सिविल सर्जन भी उक्त मामले में कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं उनका कहना है कि तापमान ज्यादा था इसलिए इन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल 70 लोगों में केवल पिता पुत्र को ही क्यों आइसोलेशन वार्ड में रखा गया अभी तक इनकी जांच रिपोर्ट भी नहीं आई है.