शाजापुर। जिले में अधिकतर किसान पंरपरागत खेती पर ज्यादा विश्वास करते हैं, लेकिन जिले के शुजालपुर के खेड़ी मण्डलखा गांव के एक किासन शरद भण्डावद हमेशा कुछ नया करने की सोच के साथ खेती करते हैं. भण्डावद ने ऐसी मिसाल कायम की कि अब हर किसान उनसे उन्नत खेती की प्रेरणा ले रहे हैं. शरद भण्डावद ने परम्परागत खेती से हटकर 5 हेक्टेयर क्षेत्र में काले गेहूं बोया और 325 क्विंटल गेहूं का उत्पादन पाया. इससे उसने लगभग 13 लाख रूपए की शुद्ध आय हुई.
उन्नत किसान शरद भण्डावद ने बताया कि कि उन्होंने विगत दिनों इन्दौर में जौ एवं गेहूं विषय पर प्रशिक्षण में भाग लिया था. इसमें राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक उपस्थित थे. कृषि वैज्ञानिक डॉ. मोनिका गर्ग से चर्चा कर उन्होंने उनकी प्रेरणा से नाबी-1 काला गेहूं लगाने का मन बनाया. इसके लिए उन्होंने पंजाब के नाबी से 5 हेक्टेयर रकबे के लिए 10 हजार रूपये प्रति क्विंटल की दर से बीज मंगवाया. भण्डावद ने 5 हेक्टेयर क्षेत्र में इस बीज की बुआई की, जिससे उसे 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से कुल 325 क्विंटल गेहूं का उत्पादन प्राप्त हुआ. गेहूं की ग्रेडिंग के पश्चात उच्च गुणवत्ता का 300 क्विंटल गेहूं 5000 रूपये प्रति क्विंटल की दर से विक्रय कर दिया. इससे उन्हें कुल 15 लाख रूपये प्राप्त हुए, जिसमें से लागत एवं मजदूरी कुल 2 लाख रूपये घटाने के पश्चात 13 लाख रूपए की शुद्ध आमदनी हुई.
काला गेहूं साधारण गेहूं की तुलना में 4 गुना ज्यादा गुणवत्ता वाला है. इसकी खास बात है कि यह गेहूं पौष्टिक होने के साथ-साथ इसमें कई औषधीय गुणों की मात्रा पाई जाती है. जो कि कैंसर, ब्लड प्रेशर, मोटापा, शुगर समेत कई बीमारियों से लडऩे की क्षमता प्रदान करता है. इस गेहूं में जिंक एवं आयरन, एन्थ्रो ऑक्सीजन की मात्रा साधारण गेहूं से 15 से 20 गुना अधिक होती है. यह शरीर में उपस्थित विषेले तत्वों को बाहर करता है. शुगर की मात्रा कम होने से यह शुगर के रोगियों के लिए लाभदायक है. काला गेहूं साधारण गेहूं की तुलना में 4 गुना ज्यादा गुणवत्ता वाला है.