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पुलिस की वर्दी पहनने के लिए युवा बहा रहे पसीना, सुबह शाम घंटों कर रहे अभ्यास

मध्य प्रदेश के शहडोल में युवा अपने सपनों को साकार करने के लिए सुबह-शाम पसीना बहा रहे हैं. जुनून है पुलिस में भर्ती होने का, तो मेहनत चाहे जितनी क्यों न करनी पड़े. अभ्यास कर रहे ज्यादातर अभ्यार्थी लिखित परीक्षा पास कर चुके हैं और फिजिकल क्वालिफाई करने के लिए जीतोड़ प्रयास कर रहे हैं.

insistence of youth of MP Shahdol
एमपी शहडोल के युवाओं की जिद
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Published : May 5, 2022, 11:55 AM IST

शहडोल। शहडोल जिला मुख्यालय में इन दिनों स्टेडियम में सुबह और शाम एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है. काफी संख्या में युवक युवती यहां आपको दौड़ लगाते, शॉट पुट, लंबी कूद करते, अपने फिटनेस पर काम करते मिल जाएंगे. ये अभ्यार्थी यहां यूं ही अपने फिटनेस के लिए काम नहीं कर रहे हैं. इसके पीछे वजह है पुलिस बनने की जिद. इन सभी ने लिखित एग्जाम तो निकाल लिया है, लेकिन फिजिकल अभी बाकी है. जिसकी तैयारी में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के कोच के साथ ये युवा जमकर पसीना बहा रहे हैं.

पुलिस में भर्ती होने की जिद: शहडोल के गांधी स्टेडियम में इन दिनों सुबह 5:30 से 7:30 और शाम को 5:30 से 7:30 एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है, यूं तो इस स्टेडियम में काफी संख्या में लोग अपनी फिटनेस के लिए पहुंचते हैं. लेकिन कुछ युवक-युवती यहां अपनी जिद को हासिल करने के लिए पसीना बहाने पहुंच रहे हैं. दरअसल इन युवक-युवतियों का अभी फिजिकल टेस्ट बाकी है, जिसके लिए वे कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. कोच को भी इन पर भरोसा है कि इस बार इन बच्चों में से अधिकतर स्टूडेंट पुलिस विभाग के फिजिकल टेस्ट को पार कर ले जाएंगे.

युवाओं ने कहा इस बार नहीं चूकेंगे

युवाओं ने कहा इस बार नहीं चूकेंगे: अमृता सिंह जिन्होंने पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिटन तो निकाल लिया है और फिजिकल की तैयारी लगातार कर रही हैं. पिछले 1 महीने से बिना गैप किए हर दिन फिजिकल की तैयारी के लिए तय समय में सुबह और शाम स्टेडियम पहुंच रही हैं. अमृता ने बताया कि 2017 में भी उन्होनें रिटन परीक्षा पास कर ली थी किंतु फिजिकल में शॉट पुट में पीछे रह गईं और पास नहीं हो पाई थी. लेकिन इस बार तैयारी अच्छी है, पिछले एक महीने की तैयारी से कॉन्फिडेंस बढ़ा है और जो लोकल स्तर पर यहीं टेस्ट लिया गया तो उसमें क्वालीफाई हो जा रहा है, इसलिए इस बार उम्मीद है कि मेहनत रंग लाएगी.

ग्राउंड आने पर बढ़ा कॉन्फिडेंस: प्राची गौतम बताती हैं कि उन्होनें कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में रिटन तो निकाल लिया है और फिजिकल की तैयारी पिछले 1 महीने से चल रही है. इससे पहले जब वह ग्राउंड में आती थी, तो लगता था कि जीरो लेवल पर हैं, फिजिकल कैसे निकलेगा. लेकिन जब से ग्राउंड आना शुरू किया है और कोच के अंडर में प्रैक्टिस करनी शुरू की है, तो कॉन्फिडेंस लेवल भी हाई हुआ है और अभी जो हम लोगों ने टेस्ट दिया है, उसमें हम लोग निकल जा रहे हैं. उम्मीद है कि फिजिकल इस बार निकल जायेगा.

Increased confidence upon arrival at the training ground
ट्रेनिंग ग्राउंड आने पर बढ़ा कॉन्फिडेंस

नियम से हो रही फिजिकल की तैयारी: दिनेश साहू का कहना है कि वे एमपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिटन क्वालीफाई कर चुके हैं और फिजिकल की तैयारी कर रहे हैं. पहले फिजिकल देने में थोड़ी बहुत दिक्कत होती थी, लेकिन जब से ग्राउंड में आकर मेहनत कर प्रैक्टिस करना शुरु किया है. तब से काफी अच्छी तैयारी हो गई है. जब वो यहां पहुंचे थे और नियम से रनिंग करना शुरू किया था, तो वह भी ठीक तरह से हो पा रही थी, लेकिन अब सब बेस्ट हो गया है.

Preparation of physical test for two hours in morning and evening
सुबह शाम दो दो घंटे फिजिकल टेस्ट की तैयारी

कोच को कॉन्फिडेंस, ज्यादा से ज्यादा बच्चे करेंगे क्वालीफाई: खेल एवं युवा कल्याण विभाग शहडोल के एनआईएस कोच धीरेंद्र सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग से प्रदेश लेवल पर एक गाइडलाइन जारी की गई थी और जिला स्तर पर यहां के कलेक्टर ने भी आदेश जारी किया था. 1 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच में बच्चों को तैयार करना है, जो पुलिस हेड कांस्टेबल भर्ती में रिटन टेस्ट में पास हुए हैं, उनका फिजिकल टेस्ट कैसे निकले, बिना किसी इंजरी के और बिना किसी इलनेस के ऐसे कंडीशन में हम लोगों ने प्रयास किया और 1 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन चालू किया.

बच्चों के हित को देखते हुए रखा गया कंटीन्यू: वर्तमान समय में लगभग 72 बच्चे हैं, जिसमें से 12 बालिकाएं हैं. सुबह शाम यहां दो-दो घंटे अभ्यास कराया जाता हैं और लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं. हम लोगों ने जो ट्रेनिंग शेड्यूल यहां फॉलो किया है, उसका असर भी दिख रहा है. लगभग सभी स्टूडेंट का पांच से छह कि.ग्रा तक वेट लॉस हुआ है और परफॉर्मेंस फिटनेस इनकी बहुत अच्छी हुई है. अपने स्तर से हमने इनका टेस्ट भी लिया, दोनों टेस्ट में यह बेहतर परफॉर्म किए हैं. अभी रिसेंटली हम लोगों ने 30 अप्रैल को एक टेस्ट लिया, जिसमें 90% बच्चे पास हुए. यह जो अभ्यास है, 30 अप्रैल तक ही था. लेकिन बच्चों के हित को देखते हुए इसे अभी भी कंटिन्यू रखा गया है. 9 मई से बच्चों का फिजिकल टेस्ट होना शुरू हो जाएगा, ऐसे में उम्मीद है कि ट्रेनिंग के बाद ज्यादा से ज्यादा बच्चे फिजिकल टेस्ट निकालने में कामयाब रहेंगे.

शहडोल। शहडोल जिला मुख्यालय में इन दिनों स्टेडियम में सुबह और शाम एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है. काफी संख्या में युवक युवती यहां आपको दौड़ लगाते, शॉट पुट, लंबी कूद करते, अपने फिटनेस पर काम करते मिल जाएंगे. ये अभ्यार्थी यहां यूं ही अपने फिटनेस के लिए काम नहीं कर रहे हैं. इसके पीछे वजह है पुलिस बनने की जिद. इन सभी ने लिखित एग्जाम तो निकाल लिया है, लेकिन फिजिकल अभी बाकी है. जिसकी तैयारी में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के कोच के साथ ये युवा जमकर पसीना बहा रहे हैं.

पुलिस में भर्ती होने की जिद: शहडोल के गांधी स्टेडियम में इन दिनों सुबह 5:30 से 7:30 और शाम को 5:30 से 7:30 एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है, यूं तो इस स्टेडियम में काफी संख्या में लोग अपनी फिटनेस के लिए पहुंचते हैं. लेकिन कुछ युवक-युवती यहां अपनी जिद को हासिल करने के लिए पसीना बहाने पहुंच रहे हैं. दरअसल इन युवक-युवतियों का अभी फिजिकल टेस्ट बाकी है, जिसके लिए वे कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. कोच को भी इन पर भरोसा है कि इस बार इन बच्चों में से अधिकतर स्टूडेंट पुलिस विभाग के फिजिकल टेस्ट को पार कर ले जाएंगे.

युवाओं ने कहा इस बार नहीं चूकेंगे

युवाओं ने कहा इस बार नहीं चूकेंगे: अमृता सिंह जिन्होंने पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिटन तो निकाल लिया है और फिजिकल की तैयारी लगातार कर रही हैं. पिछले 1 महीने से बिना गैप किए हर दिन फिजिकल की तैयारी के लिए तय समय में सुबह और शाम स्टेडियम पहुंच रही हैं. अमृता ने बताया कि 2017 में भी उन्होनें रिटन परीक्षा पास कर ली थी किंतु फिजिकल में शॉट पुट में पीछे रह गईं और पास नहीं हो पाई थी. लेकिन इस बार तैयारी अच्छी है, पिछले एक महीने की तैयारी से कॉन्फिडेंस बढ़ा है और जो लोकल स्तर पर यहीं टेस्ट लिया गया तो उसमें क्वालीफाई हो जा रहा है, इसलिए इस बार उम्मीद है कि मेहनत रंग लाएगी.

ग्राउंड आने पर बढ़ा कॉन्फिडेंस: प्राची गौतम बताती हैं कि उन्होनें कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में रिटन तो निकाल लिया है और फिजिकल की तैयारी पिछले 1 महीने से चल रही है. इससे पहले जब वह ग्राउंड में आती थी, तो लगता था कि जीरो लेवल पर हैं, फिजिकल कैसे निकलेगा. लेकिन जब से ग्राउंड आना शुरू किया है और कोच के अंडर में प्रैक्टिस करनी शुरू की है, तो कॉन्फिडेंस लेवल भी हाई हुआ है और अभी जो हम लोगों ने टेस्ट दिया है, उसमें हम लोग निकल जा रहे हैं. उम्मीद है कि फिजिकल इस बार निकल जायेगा.

Increased confidence upon arrival at the training ground
ट्रेनिंग ग्राउंड आने पर बढ़ा कॉन्फिडेंस

नियम से हो रही फिजिकल की तैयारी: दिनेश साहू का कहना है कि वे एमपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिटन क्वालीफाई कर चुके हैं और फिजिकल की तैयारी कर रहे हैं. पहले फिजिकल देने में थोड़ी बहुत दिक्कत होती थी, लेकिन जब से ग्राउंड में आकर मेहनत कर प्रैक्टिस करना शुरु किया है. तब से काफी अच्छी तैयारी हो गई है. जब वो यहां पहुंचे थे और नियम से रनिंग करना शुरू किया था, तो वह भी ठीक तरह से हो पा रही थी, लेकिन अब सब बेस्ट हो गया है.

Preparation of physical test for two hours in morning and evening
सुबह शाम दो दो घंटे फिजिकल टेस्ट की तैयारी

कोच को कॉन्फिडेंस, ज्यादा से ज्यादा बच्चे करेंगे क्वालीफाई: खेल एवं युवा कल्याण विभाग शहडोल के एनआईएस कोच धीरेंद्र सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग से प्रदेश लेवल पर एक गाइडलाइन जारी की गई थी और जिला स्तर पर यहां के कलेक्टर ने भी आदेश जारी किया था. 1 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच में बच्चों को तैयार करना है, जो पुलिस हेड कांस्टेबल भर्ती में रिटन टेस्ट में पास हुए हैं, उनका फिजिकल टेस्ट कैसे निकले, बिना किसी इंजरी के और बिना किसी इलनेस के ऐसे कंडीशन में हम लोगों ने प्रयास किया और 1 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन चालू किया.

बच्चों के हित को देखते हुए रखा गया कंटीन्यू: वर्तमान समय में लगभग 72 बच्चे हैं, जिसमें से 12 बालिकाएं हैं. सुबह शाम यहां दो-दो घंटे अभ्यास कराया जाता हैं और लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं. हम लोगों ने जो ट्रेनिंग शेड्यूल यहां फॉलो किया है, उसका असर भी दिख रहा है. लगभग सभी स्टूडेंट का पांच से छह कि.ग्रा तक वेट लॉस हुआ है और परफॉर्मेंस फिटनेस इनकी बहुत अच्छी हुई है. अपने स्तर से हमने इनका टेस्ट भी लिया, दोनों टेस्ट में यह बेहतर परफॉर्म किए हैं. अभी रिसेंटली हम लोगों ने 30 अप्रैल को एक टेस्ट लिया, जिसमें 90% बच्चे पास हुए. यह जो अभ्यास है, 30 अप्रैल तक ही था. लेकिन बच्चों के हित को देखते हुए इसे अभी भी कंटिन्यू रखा गया है. 9 मई से बच्चों का फिजिकल टेस्ट होना शुरू हो जाएगा, ऐसे में उम्मीद है कि ट्रेनिंग के बाद ज्यादा से ज्यादा बच्चे फिजिकल टेस्ट निकालने में कामयाब रहेंगे.

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