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युवाओं ने खुद संभाली जर्जर हो चुके हाईवे के गड्ढों को भरने की कमान, कर रहे श्रमदान

आगर में बारिश के बाद हाईवे में बड़े- बड़े गड्ढे की वजह से लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं, सरकार ने जब इस जर्जर हो चुके हाईवे की सुध नहीं ली, तो युवाओं ने एक टीम बनाकर गड्ढों को भरने की मुहिम शुरू कर दी है.

युवा मिलकर गड्ढों को भरने का काम कर रहे
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Published : Aug 31, 2019, 6:54 PM IST

आगर-मालवा। उज्जैन से झालावाड़ तक के जर्जर हाइवे और बड़े-बड़े गड्ढों को ग्राम निपानिया के कुछ युवा मिलकर भरने का काम कर रहे हैं. जिले में बारिश के बाद इस हाईवे की स्थिति ऐसी हो गई है, कि आये दिन राहगीर हादसों का शिकार हो रहे हैं. पूरे मार्ग पर हजारों की संख्या में बड़े- बड़े हो गड्ढे हो गए हैं, जब जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो गांव के युवाओं ने इन बड़े- बड़े गड्ढों को भरने की मुहिम शुरू कर दी.

युवा मिलकर गड्ढों को भरने का काम कर रहे

बता दे कि उज्जैन-आगर-कोटा-झालावाड़ मार्ग स्टेट हाईवे से नेशनल हाईवे में तब्दील हो चुकी है. यातायात के दबाव को देखते हुए इस हाईवे को फोरलेन करने की प्रक्रिया कई सालों से जारी थी. डीपीआर तैयार हो चुका था, साथ ही जमीन के अधिग्रहण की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी थी. लेकिन काम शुरू होने से पहले ग्रीन बेल्ट का हवाला देकर इस रूट से फोरलेन की सौगात छीन ली गई. ऐसी स्थिति में टू लेन की यह सड़क बारिश के बाद काफी जर्जर हो गई. बड़े- बड़े गड्ढे होने के कारण प्रतिदिन सड़क हादसे हो रहे हैं, जिससे चिंतित युवाओं की एक टोली ने बिना किसी की मदद लिए स्वयं की मेहनत से सड़क के गड्ढे व साइड शोल्डर भरने का जिम्मा संभाल लिया.

युवाओं ने बताया कि किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस सड़क की दयनीय हालत की सुध नहीं ली. लोग इन गड्ढों से बचे और हादसों का शिकार न हो, इसके लिए उनके द्वारा इन गड्ढों को भरने का काम किया जा रहा है.

आगर-मालवा। उज्जैन से झालावाड़ तक के जर्जर हाइवे और बड़े-बड़े गड्ढों को ग्राम निपानिया के कुछ युवा मिलकर भरने का काम कर रहे हैं. जिले में बारिश के बाद इस हाईवे की स्थिति ऐसी हो गई है, कि आये दिन राहगीर हादसों का शिकार हो रहे हैं. पूरे मार्ग पर हजारों की संख्या में बड़े- बड़े हो गड्ढे हो गए हैं, जब जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो गांव के युवाओं ने इन बड़े- बड़े गड्ढों को भरने की मुहिम शुरू कर दी.

युवा मिलकर गड्ढों को भरने का काम कर रहे

बता दे कि उज्जैन-आगर-कोटा-झालावाड़ मार्ग स्टेट हाईवे से नेशनल हाईवे में तब्दील हो चुकी है. यातायात के दबाव को देखते हुए इस हाईवे को फोरलेन करने की प्रक्रिया कई सालों से जारी थी. डीपीआर तैयार हो चुका था, साथ ही जमीन के अधिग्रहण की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी थी. लेकिन काम शुरू होने से पहले ग्रीन बेल्ट का हवाला देकर इस रूट से फोरलेन की सौगात छीन ली गई. ऐसी स्थिति में टू लेन की यह सड़क बारिश के बाद काफी जर्जर हो गई. बड़े- बड़े गड्ढे होने के कारण प्रतिदिन सड़क हादसे हो रहे हैं, जिससे चिंतित युवाओं की एक टोली ने बिना किसी की मदद लिए स्वयं की मेहनत से सड़क के गड्ढे व साइड शोल्डर भरने का जिम्मा संभाल लिया.

युवाओं ने बताया कि किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस सड़क की दयनीय हालत की सुध नहीं ली. लोग इन गड्ढों से बचे और हादसों का शिकार न हो, इसके लिए उनके द्वारा इन गड्ढों को भरने का काम किया जा रहा है.

Intro:आगर मालवा
-- बारिश के बाद हाइवे की जर्जर स्थिति और बड़े-बड़े गड्डो से प्रतिदिन हो रहे हादसों से चिंतित ग्राम निपानिया के कुछ युवाओं की टोली ने स्वयं ही इन गड्डो को भरने की कमान संभाल ली। जिम्मेदारों की अनदेखी का शिकार हुवे इस हाइवे की स्थिति ऐसी हो गई है कि आये दिन हो रही दुर्घटनाओं में काल के ग्रास में समा रहे है। वही निपानिया गांव के इन युवाओं की इस अच्छी पहल के बाद कही न कही वाहन सवारों का सफर सुगम हो गया है। गड्ढे भरने का युवाओ का यह काम प्रतिदिन जारी है।


Body:बता दे कि उज्जैन से झालावाड़ तक टू लेन वाला यह मार्ग स्टेट हाइवे से नेशनल हाइवे में तब्दील हो चुका है। यातायात के दबाव को देखते हुवे इस हाइवे को फोरलेन करने की प्रक्रिया कई सालों से जारी थी। डीपीआर तैयार की जाकर जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी थी लेकिन ऐनवक्त पर ग्रीनबेल्ट का हवाला देकर इस रूट से फोरलेन की सौगात छीन ली गई। ऐसी स्थिति में टू लेन की यह सड़क बारिश के बाद काफी जर्जर हो गई। बड़े-बड़े गड्डो के साथ ही सड़क के दोनों और कि साइड भी काफी गहरी हो गई इसके कारण प्रतिदिन सड़क हादसे घटित होने लग गए। ऐसे में इन हादसों से चिंतित युवाओ की एक टोली ने बिना किसी की मदद लिए स्वयं की मेहनत से सड़क के गड्ढे व साइड शोल्डर भरने का जिम्मा संभाल लिया। युवा इन गड्डो में मुरम डालकर सड़क संधारण में अपना योगदान दे रहे है।


Conclusion:युवाओं ने बताया कि प्रतिदिन हो रहे हादसों से वे चिंतित थे। लोग हादसों में अपनी जान गंवा रहे थे। सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन वालो को आ रही थी। किसी भी जिम्मेदार ने इस सड़क की दयनीय हालत पर ध्यान नही दिया। लोग इन गड्डो से बचे और हादसों का शिकार न हो इसके लिए हमारे द्वारा इन गड्डो को भरने का काम किया जा रहा है। पूरे मार्ग पर हजारो की संख्या में बड़े-बड़े गड्ढे है।
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