शहडोल। पिछले दो-तीन दिनों से मौसम का मिजाज बदला बदला सा नजर आ रहा है, आसमान में घने बादल छाए हैं, यहां-वहां छिटपुट बारिश भी हो रही है, जिस बारिश का इंतजार किसानों को लंबे समय से है, वैसी अब तक नहीं हुई है, आसमान में बादल तो घने आते हैं, पर वह भी धोखा दे जाते हैं. आलम ये है कि उमस और गर्मी से लोग परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर किसानों के धान की फसल की नर्सरी तैयार है, पानी नहीं होने की वजह से नर्सरी का ट्रांसप्लांट भी किसान नहीं कर पा रहे हैं. अब तो लोगों का यही कहना है कि न जाने ये बदरा कब बरसेंगे?
नर्सरी तैयार, बिन पानी कैसे हो रोपाई?
वैसे तो शहडोल में मानसून इस बार जल्दी आ गया था और झमाझम बारिश भी शुरुआत में हुई थी, जिससे किसानों को इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद थी, जिसके चलते किसानों ने धान की नर्सरी पहले ही लगा दी थी, तभी अचानक बदरा रूठ गए और किसानों का इंतजार बढ़ने लगा. अब तो फसलें भी सूखने लगी हैं. पिछले दो-तीन दिन से मौसम भी बदला है, पर अब भी रिमझिम फुहार ही पड़ रही है, जबकि किसानोंं को तेज बारिश का इंतजार है क्योंकि रोपाई के लिए खेतों में ज्यादा पानी चाहिए.
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आसमान में लगातार घने बादल छाए रहे और रिमझिम फुहार के बाद लोग उमस और गर्मी से बेहाल हैं. मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि अगले 5 दिनों तक शहडोल जिले में बादल छाए रहने और हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है. इस दौरान गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने की भी संभावना है.
क्या कहता है मौसम रिपोर्ट?
मौजूदा साल में बारिश का यह इंतजार प्रतिदिन किसानों के लिए भारी पड़ रहे हैं, वजह है शहडोल जिले में सबसे ज्यादा रकबे में धान की खेती की जाती है और रोपाई के लिए इन दिनों सबसे ज्यादा पानी की जरूरत रहती है क्योंकि नर्सरी भी अब ज्यादा दिन की हो रही है, रोपाई में देरी से उत्पादन पर असर पड़ेगा. ऐसे में किसान चिंतित हैं कि आखिर आसमान में घने बादल तो छाए हैं, पर यह बदरा जमकर कब बरसेंगे, क्योंकि अब तो सावन भी आने को है.