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आवारा पशुओं से परेशान किसान पहुंचे कमिश्नर ऑफिस, कहा- नहीं लगी रोक तो छोड़ देंगे किसानी

उमरिया के किसान इन दिनों आवारा पशुओं से परेशान हैं, ये आवारा पशु किसानों की खेतों में खड़ी फसल नष्ट कर रहे हैं. इसी समस्या को लेकर सलैया गांव के किसान मथुरा प्रसाद कई किसानों के साथ कमिश्नर कार्यालय पहुंचे.

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Published : Mar 5, 2019, 9:57 PM IST

परेशान किसान

शहडोल। मध्यप्रदेश सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना के चर्चे तो चौतरफा हैं, लेकिन इन किसानों की असल परेशानी तो कुछ और ही है. उमरिया के सलैया गांव के किसान इन दिनों आवारा पशुओं से परेशान हैं. इसी समस्या को लेकर गांव के किसान कमिश्नर कार्यालय पहुंचे थे.

उमरिया के किसान इन दिनों आवारा पशुओं से परेशान हैं, ये आवारा पशु किसानों की खेतों में खड़ी फसल नष्ट कर रहे हैं. इसी समस्या को लेकर सलैया गांव के किसान मथुरा प्रसाद कई किसानों के साथ कमिश्नर कार्यालय पहुंचे. किसानों की शिकायत है कि वो आवारा मवेशियों और उनकी ऐरा प्रथा से परेशान हैं और अब उनको कोई रास्ता ही नजर नहीं आ रहा है.

परेशान किसान

उनका कहना है कि खेतों की फसलें आवारा पशु नष्ट कर रहे हैं. बैंक से कर्ज लेकर उन्होंने खेती की थी, लेकीन सारी फसल नष्ट हो गयी है, अब वो कैसे कर्ज चुकाएंगे. उनका कहना है कि किसी भी वक्त मवेशी खेतों में आ जाते हैं. ऐसे में उनकी नींद भी हराम हो गई है. एक किसान ने बताया कि आधी रात में वो आवारा मवेशियों को खेतों से हटा रहे थे. तभी वो गिर गए और उनके जबड़े में गंभीर चोट आ गई, जबकि दूसरे किसान का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो वे खेती करना छोड़ देंगे.

शहडोल। मध्यप्रदेश सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना के चर्चे तो चौतरफा हैं, लेकिन इन किसानों की असल परेशानी तो कुछ और ही है. उमरिया के सलैया गांव के किसान इन दिनों आवारा पशुओं से परेशान हैं. इसी समस्या को लेकर गांव के किसान कमिश्नर कार्यालय पहुंचे थे.

उमरिया के किसान इन दिनों आवारा पशुओं से परेशान हैं, ये आवारा पशु किसानों की खेतों में खड़ी फसल नष्ट कर रहे हैं. इसी समस्या को लेकर सलैया गांव के किसान मथुरा प्रसाद कई किसानों के साथ कमिश्नर कार्यालय पहुंचे. किसानों की शिकायत है कि वो आवारा मवेशियों और उनकी ऐरा प्रथा से परेशान हैं और अब उनको कोई रास्ता ही नजर नहीं आ रहा है.

परेशान किसान

उनका कहना है कि खेतों की फसलें आवारा पशु नष्ट कर रहे हैं. बैंक से कर्ज लेकर उन्होंने खेती की थी, लेकीन सारी फसल नष्ट हो गयी है, अब वो कैसे कर्ज चुकाएंगे. उनका कहना है कि किसी भी वक्त मवेशी खेतों में आ जाते हैं. ऐसे में उनकी नींद भी हराम हो गई है. एक किसान ने बताया कि आधी रात में वो आवारा मवेशियों को खेतों से हटा रहे थे. तभी वो गिर गए और उनके जबड़े में गंभीर चोट आ गई, जबकि दूसरे किसान का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो वे खेती करना छोड़ देंगे.

Intro:सुनिए इन किसानों का दर्द, ये ऋण माफी के लिए परेशान नहीं हैं, बल्कि इनकी परेशानी तो कुछ और है...

शहडोल- किसान और किसानी दोनों आज के समय में सबसे बड़े राजनीतिक मुद्दे हैं, कोई भी चुनाव हो, किसान और खेती मुद्दा न बने ऐसा हो ही नहीं सकता। मौज़ूदा प्रदेश सरकार ने चुनाव के दौरान फसल ऋण माफी का वचन दिया था, और इन दिनों वही फसल ऋण माफी सुर्खियों में है।

लेकिन आज शहडोल संभाग के कमिश्नर कार्यलय पहुंचे ये किसान न ही ऋण माफी के लिए, और न ही फसल के मुआवजे के लिए आये हैं, ये किसान आवारा पशुओं से पीड़ित हैं, और इतने पीड़ित हैं कि अब तो उनको कोई रास्ता ही नज़र नहीं आता।




Body:उमरिया जिले के पाली तहसील के सलैया गांव के किसान मथुरा प्रसाद कई किसानों के साथ कमिश्नर कार्यलय पहुंचे थे, इन किसानों की शिकायत थी कि वो आवारा मवेशियों से परेशान हैं, जानवरों के ऐरा प्रथा से परेशान हैं, मथुरा प्रसाद अपना दर्द बयां करते हुए कहते हैं कि खेतों के सारे फसल आवारा जानवर नष्ट कर दिए, किसानों ने कहा कि बैंक से कर्ज लेकर उन्होंने खेती की थी, अब सब नष्ट हो गया वो कैसे कर्ज़ चुकाएंगे, जिस तरह से रात में 2 बजे 3 बजे रात को मवेसी खेतों में आते हैं वो क्या करें, एक किसान तो बताते हैं कि आधी रात में वो आवारा मवेसियों को खेतों से हटा रहे थे तभी वो गिर गए और उनके जबड़े में ही टाँका लग गया।

एक किसान कहते हैं कि अगर ऐसा ही रहा तो वो अब तो वो खेती करना ही छोड़ देंगे।

ये सभी किसान आवारा मवेशियों से परेशान हैं, और उससे निजात पाने के लिए कमिश्नर से शिकायत करने पहुंचे हुए थे। किसानों ने कहा कि ये उनकी समस्या बस नहीं है ये मौज़ूदा दौर में कई किसानों की समस्या है।


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