शहडोल। खेती को लाभ का धंधा बानने के लिए सरकार के साथ- साथ किसान भी लगातार मेहनत कर रहे हैं. इसके लिए किसान लगातार नए- नए तरीके भी इस्तेमाल कर रहे हैं. खेती में नवाचार का इस्तेमाल करने की वजह से ही जिले के खेतौली गांव की महिला आदिवासी किसान द्रोपदी सिंह गोंड को जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चुना गया है.
द्रोपदी सिंह इस अवॉर्ड के मिलने से बहुत खुश हैं. उन्होंने बताया कि वो हर तरह की खेती करती हैं. खेती करने से उन्हें खुश मिलती हैं. क्योंकि इस खेती की बदौलत ही अब उनके पास सब कुछ है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं, कि खेतौली गांव की रहने वाली द्रोपदी सिंह गोंड़ ने पिछले कुछ साल में शानदार तरीके से खेती की है और सबको प्रभावित किया है. इनका आईएफएस मॉडल इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम बहुत ही अच्छा है. जिसस जिले के सभी किसानों को सीख लेनी चाहिए. मृगेंद्र सिंह ने बताया कि महिला किसान मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, बागवानी के साथ धान और गेूहं की फसल लगाती है.
कृषि के क्षेत्र में दिया जाने वाला ये राज्य स्तरीय अवार्ड इसलिए भी खास है. क्योंकि इसके लिए प्रदेश की सिर्फ तीन आदिवासी महिला कृषकों को चुना गया है. जिसमें शहडोल की महिला कृषक का भी नाम है. इस पुरस्कार के लिए शहडोल की कृषक द्रोपदी सिंह के अलावा डिंडौरी के पोंडी गांव की एक आदिवासी महिला कृषक और बैतूल जिले के बांसपुर की आदिवासी महिला कृषक को चुना गया है.
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के दिन यह पुरस्कार महिलाओं को दिया जाएगा, जिसमें स्मृति चिन्ह के साथ 10 हज़ार रुपये की राशि से सम्मानित किया जाएगा.