ETV Bharat / state

आदिवासी महिला कृषक को मिलेगा राज्य स्तरीय पुरस्कार, खेती में नवाचार लाने पर किया जाएगा सम्मानित

शहडोल की महिला आदिवासी किसान द्रोपदी सिंह गोंड को जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चुना गया है.

आदिवासी महिला कृषक को मिलेगा पुरस्कार
author img

By

Published : Sep 30, 2019, 11:35 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 11:59 PM IST

शहडोल। खेती को लाभ का धंधा बानने के लिए सरकार के साथ- साथ किसान भी लगातार मेहनत कर रहे हैं. इसके लिए किसान लगातार नए- नए तरीके भी इस्तेमाल कर रहे हैं. खेती में नवाचार का इस्तेमाल करने की वजह से ही जिले के खेतौली गांव की महिला आदिवासी किसान द्रोपदी सिंह गोंड को जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चुना गया है.

आदिवासी महिला कृषक को मिलेगा पुरस्कार

द्रोपदी सिंह इस अवॉर्ड के मिलने से बहुत खुश हैं. उन्होंने बताया कि वो हर तरह की खेती करती हैं. खेती करने से उन्हें खुश मिलती हैं. क्योंकि इस खेती की बदौलत ही अब उनके पास सब कुछ है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं, कि खेतौली गांव की रहने वाली द्रोपदी सिंह गोंड़ ने पिछले कुछ साल में शानदार तरीके से खेती की है और सबको प्रभावित किया है. इनका आईएफएस मॉडल इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम बहुत ही अच्छा है. जिसस जिले के सभी किसानों को सीख लेनी चाहिए. मृगेंद्र सिंह ने बताया कि महिला किसान मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, बागवानी के साथ धान और गेूहं की फसल लगाती है.

कृषि के क्षेत्र में दिया जाने वाला ये राज्य स्तरीय अवार्ड इसलिए भी खास है. क्योंकि इसके लिए प्रदेश की सिर्फ तीन आदिवासी महिला कृषकों को चुना गया है. जिसमें शहडोल की महिला कृषक का भी नाम है. इस पुरस्कार के लिए शहडोल की कृषक द्रोपदी सिंह के अलावा डिंडौरी के पोंडी गांव की एक आदिवासी महिला कृषक और बैतूल जिले के बांसपुर की आदिवासी महिला कृषक को चुना गया है.

बता दें कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के दिन यह पुरस्कार महिलाओं को दिया जाएगा, जिसमें स्मृति चिन्ह के साथ 10 हज़ार रुपये की राशि से सम्मानित किया जाएगा.

शहडोल। खेती को लाभ का धंधा बानने के लिए सरकार के साथ- साथ किसान भी लगातार मेहनत कर रहे हैं. इसके लिए किसान लगातार नए- नए तरीके भी इस्तेमाल कर रहे हैं. खेती में नवाचार का इस्तेमाल करने की वजह से ही जिले के खेतौली गांव की महिला आदिवासी किसान द्रोपदी सिंह गोंड को जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चुना गया है.

आदिवासी महिला कृषक को मिलेगा पुरस्कार

द्रोपदी सिंह इस अवॉर्ड के मिलने से बहुत खुश हैं. उन्होंने बताया कि वो हर तरह की खेती करती हैं. खेती करने से उन्हें खुश मिलती हैं. क्योंकि इस खेती की बदौलत ही अब उनके पास सब कुछ है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं, कि खेतौली गांव की रहने वाली द्रोपदी सिंह गोंड़ ने पिछले कुछ साल में शानदार तरीके से खेती की है और सबको प्रभावित किया है. इनका आईएफएस मॉडल इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम बहुत ही अच्छा है. जिसस जिले के सभी किसानों को सीख लेनी चाहिए. मृगेंद्र सिंह ने बताया कि महिला किसान मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, बागवानी के साथ धान और गेूहं की फसल लगाती है.

कृषि के क्षेत्र में दिया जाने वाला ये राज्य स्तरीय अवार्ड इसलिए भी खास है. क्योंकि इसके लिए प्रदेश की सिर्फ तीन आदिवासी महिला कृषकों को चुना गया है. जिसमें शहडोल की महिला कृषक का भी नाम है. इस पुरस्कार के लिए शहडोल की कृषक द्रोपदी सिंह के अलावा डिंडौरी के पोंडी गांव की एक आदिवासी महिला कृषक और बैतूल जिले के बांसपुर की आदिवासी महिला कृषक को चुना गया है.

बता दें कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के दिन यह पुरस्कार महिलाओं को दिया जाएगा, जिसमें स्मृति चिन्ह के साथ 10 हज़ार रुपये की राशि से सम्मानित किया जाएगा.

Intro:Note_ पहला वर्जन आदिवासी महिला कृषक द्रोपदी सिंह का है दूसरा वर्जन कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह का है।

जिले की इस आदिवासी महिला कृषक को मिलेगा ये खास सम्मान, प्रदेश की तीन महिला किसान इस पुरस्कार के लिए हुए हैं सेलेक्ट

शहडोल- शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है और यहां के आदिवासी भी भारी तादाद में खेती किसानी करते हैं, नए नए तरीके से खेती करते हैं और खेती में अपने इन्हीं नवाचार की वजह से ही जिले के खेतौली गांव की महिला आदिवासी किसान द्रोपदी सिंह गोंड़ ने कमाल कर दिया है। इन्हें जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चुना गया है।
द्रोपदी सिंह गोंड़ को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय कुलपति पहचान पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इस पुरस्कार के लिए इनका सेलेक्शन आदिवासी महिला कृषक वर्ग में हुआ है।


Body:जानिए इस पुरस्कार के बारे में

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय अपने स्थापना दिवस के दिन ऐसे प्रगतिशील किसानों को चिन्हित करता है, और उन्हें कुलपति पहचान पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार में इनको स्मृति चिन्ह, 10 हज़ार रुपये की राशि से सम्मानित किया जाएगा इसके अलावा इन्हें जेएनकेवीवी फेलोफॉरमर कहा जाता है।

प्रदेश में तीन महिला कृषक सेलेक्ट

कृषि के क्षेत्र में दिया जाने वाला ये राज्य स्तरीय अवार्ड इसलिए भी खास है क्योंकि इसके लिए प्रदेश की सिर्फ तीन आदिवासी महिला कृषकों को चुना गया है जिसमें शहडोल की महिला कृषक का भी नाम है। इस वर्ग के पुरस्कार के लिए शहडोल की कृषक द्रोपदी सिंह के अलावा डिंडोरी के पोंडी गांव की एक आदिवासी महिला कृषक और बैतूल जिले के बांसपुर की आदिवासी महिला कृषक को चुना गया है।

द्रोपदी को इसलिए मिला अवार्ड

कृषि विज्ञान केंद्र शहडोल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि खेतौली गांव की रहने वाली द्रोपदी सिंह गोंड़ ने पिछले कुछ साल में शानदार तरीके से खेती की है और सबको प्रभावित किया है। इनका आईएफएस मॉडल इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम बहुत ही अच्छा है इनके पास अब सभी चीजें हैं।

अब ये महिला किसान मछली पालन भी करती हैं, बकरी पालन भी है, मुर्गी पालन भी है, बागवानी फसलें भी ले रहे हैं, और साथ में फील्ड क्रॉप्ट भी ले रहे हैं मतलब धान गेंहूँ आदि फसलें।

ये किसान बहुत प्रगतिशील किसान हैं मतलब अगर कृषि के क्षेत्र में कोई नई चीज आई है तो ये किसान इसे जल्दी अडॉप्ट करते हैं, इनके यहां लीची के भी पौधे हैं तो आम के पौधे भी हैं इन्होंने मधुमक्खी पालन भी किया तो वहीं पिछले साल नई फसल कीनोव की फसल से भी मुनाफा कमाया।


Conclusion:अवार्ड मिलने से खुश

द्रोपदी सिंह इस अवॉर्ड के मिलने से बहुत खुश हैं, उन्होने बताया कि वो हर तरह की खेती करती हैं और खेती से खुश हैं क्योंकि इस खेती की बदौलत ही अब उनके पास सबकुछ है।
Last Updated : Sep 30, 2019, 11:59 PM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.