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ज्ञान सिंह के बागी तेवर ने बढ़ाई बीजेपी की मुसिबतें, जानें इस सीट का चुनावी समीकरण - himadri singh

शहडोल लोकसभा सीट से बीजपी उम्मीदवार हिमाद्रि सिंह के खिलाफ मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह ने मोर्चा खोल दिया है, उन्होंने न सिर्फ बीजेपी उम्मीदवार का प्रचार करने से इनकार कर दिया बल्की निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ने का भी एलान कर दिया है.

ज्ञान सिंह के बागी तेवर
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Published : Mar 27, 2019, 10:31 PM IST

शहडोल। शहडोल लोकसभा सीट में इन दिनों बीजेपी का माहौल गरमाया हुआ है. बीजेपी ने हिमाद्री को टिकट देकर सियासी पिच पर जहां मास्टर स्ट्रोक खेला था, तो वहीं अब मौजूदा बीजेपी सांसद ज्ञान सिंह का टिकट काट दिया गया है. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर, फिर से सियासत गरमा दी है. वहीं उन्हें मनाने की जिम्म्मेदारी पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को दी गई है.

ज्ञान सिंह के बागी तेवर


इस आदिवासी अंचल की राजनीति में ज्ञान सिंह बड़ा नाम


अदिवासी अंचल की ये लोकसभा सीट भी आदिवासी सीट है जहां मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह आदिवासियों के बीच अपनी बड़ी पैठ रखते हैं,अगर ज्ञान सिंह नाराज़ हो गए और वो निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए तो बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है. कई सांसदों का टिकट काटने और नए उम्मीदवारों पर दांव आजमाने वाली बीजेपी अपनी जीत को लेकर कोई रिक्स नहीं लेना चाहती.
ज्ञान सिंह कई बार विधायक रह चुके हैं, तीन बार सांसद और प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा क्षेत्र के बड़े आदिवासी नेता हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए खबर है कि बीजेपी ने पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को सांसद ज्ञान सिंह को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. जिसे लेकर मंत्री शुक्ल जल्द ही ज्ञान सिंह से मिल सकते है.

मुश्किल में पड़ सकती है भाजपा


वरिष्ठ पत्रकार शिवमंगल सिंह के मुताबिक सांसद ज्ञान सिंह काफी लंबे समय से इस आदिवासी क्षेत्र में राजनीति कर रहे हैं और यहां की आदिवासी समुदाय में उनकी काफी लंबी पैठ है, भाजपा के लिए ऐसे नेता का नाराज होना बुरी खबर है.हिमाद्रिसिंह अभी भाजपा में आई हैं, जिससे उनकी पार्टी और संगठन में पकड़ भी नहीं है, लेकिन जो उनके पति नरेंद्र मरावी और चाचा ससुर जयसिंह मरावी हैं दोनों ही भाजपा के पुराने नेता हैं, लेकिन फिर भी ज्ञान सिंह को टक्कर देना बड़ी चुनौती होगी.

हिमाद्री को हरा चुके हैं ज्ञान सिंह

ज्ञान सिंह वही नेता हैं जो शहडोल लोकसभा सीट में साल 2016 में हुए उपचुनाव में हिमाद्री सिंह को हरा चुके हैं, करीब 60, 383 वोट से हराने वाले ज्ञान सिंह फिर से हिमाद्रिके सामने हो सकते है. जिसे लेकर अब बीजेपी में बवाल मचा हुआ है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता अलाकमान के इस फैसले से खुश नहीं थे और अंदर ही अंदर विरोध कर रहे थे, लेकिन कोई भी नेता खुलकर सामने नहीं आ रहा था.

शहडोल। शहडोल लोकसभा सीट में इन दिनों बीजेपी का माहौल गरमाया हुआ है. बीजेपी ने हिमाद्री को टिकट देकर सियासी पिच पर जहां मास्टर स्ट्रोक खेला था, तो वहीं अब मौजूदा बीजेपी सांसद ज्ञान सिंह का टिकट काट दिया गया है. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर, फिर से सियासत गरमा दी है. वहीं उन्हें मनाने की जिम्म्मेदारी पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को दी गई है.

ज्ञान सिंह के बागी तेवर


इस आदिवासी अंचल की राजनीति में ज्ञान सिंह बड़ा नाम


अदिवासी अंचल की ये लोकसभा सीट भी आदिवासी सीट है जहां मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह आदिवासियों के बीच अपनी बड़ी पैठ रखते हैं,अगर ज्ञान सिंह नाराज़ हो गए और वो निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए तो बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है. कई सांसदों का टिकट काटने और नए उम्मीदवारों पर दांव आजमाने वाली बीजेपी अपनी जीत को लेकर कोई रिक्स नहीं लेना चाहती.
ज्ञान सिंह कई बार विधायक रह चुके हैं, तीन बार सांसद और प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा क्षेत्र के बड़े आदिवासी नेता हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए खबर है कि बीजेपी ने पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को सांसद ज्ञान सिंह को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. जिसे लेकर मंत्री शुक्ल जल्द ही ज्ञान सिंह से मिल सकते है.

मुश्किल में पड़ सकती है भाजपा


वरिष्ठ पत्रकार शिवमंगल सिंह के मुताबिक सांसद ज्ञान सिंह काफी लंबे समय से इस आदिवासी क्षेत्र में राजनीति कर रहे हैं और यहां की आदिवासी समुदाय में उनकी काफी लंबी पैठ है, भाजपा के लिए ऐसे नेता का नाराज होना बुरी खबर है.हिमाद्रिसिंह अभी भाजपा में आई हैं, जिससे उनकी पार्टी और संगठन में पकड़ भी नहीं है, लेकिन जो उनके पति नरेंद्र मरावी और चाचा ससुर जयसिंह मरावी हैं दोनों ही भाजपा के पुराने नेता हैं, लेकिन फिर भी ज्ञान सिंह को टक्कर देना बड़ी चुनौती होगी.

हिमाद्री को हरा चुके हैं ज्ञान सिंह

ज्ञान सिंह वही नेता हैं जो शहडोल लोकसभा सीट में साल 2016 में हुए उपचुनाव में हिमाद्री सिंह को हरा चुके हैं, करीब 60, 383 वोट से हराने वाले ज्ञान सिंह फिर से हिमाद्रिके सामने हो सकते है. जिसे लेकर अब बीजेपी में बवाल मचा हुआ है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता अलाकमान के इस फैसले से खुश नहीं थे और अंदर ही अंदर विरोध कर रहे थे, लेकिन कोई भी नेता खुलकर सामने नहीं आ रहा था.

Intro:नोट- हिमाद्री की फोटो मेल कर दिया हूं, बाकी सभी के विसुअल मोजो से ही भेज दिया गया है।

एक बाईट है जो यहां के वरिष्ठ पत्रकार शिवमंगल सिंह जी की है।



प्रदेश की इस आदिवासी सीट ने बीजेपी की बढ़ाई मुश्किल, हाई प्रोफाइल हो गई है सीट, जानिए पूरा राजनीतिक समीकरण


शहडोल- राजनीति में कब कहाँ की हवा बदल जाये कुछ कह नहीं सकते, शहडोल की राजनीतिक फ़िज़ा भी इन दिनों बदली बदली सी है, शहडोल लोकसभा सीट में इन दिनों बीजेपी का माहौल गरमाया हुआ है, बीजेपी ने हिमाद्री को टिकट देकर सियासी पिच पर जहां मास्टर स्ट्रोक खेला था, तो वहीं अब मौज़ूदा बीजेपी सांसद जिनका टिकट काट दिया गया है उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर, फिर से सियासत गरमा दी है, राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मच गया है। खबर ये भी है कि उन्हें मनाने की जिम्म्मेदारी पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को दी गई है। आइए जानते हैं यहां की पूरी सियासी समीकरण।


Body:एक एलान से फिर बदली सियासत

शहडोल लोकसभा सीट में बीजेपी ने मौज़ूदा सांसद ज्ञान सिंह का टिकट काट कर हिमाद्री सिंह को टिकट देकर सबको चौका दिया था, एक तरह से देखा जाए तो राजनीति की पिच पर मास्टर स्ट्रोक खेलने की कोशिश की थी, लेकिन सांसद ज्ञान सिंह के एक बयान जिसमें उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कह दी है यहां की सियासत में भूचाल ला दिया है, सियासत फिर गरमा गई है, और बीजेपी मुश्किल में नज़र आ रही है।

इस आदिवासी अंचल की राजनीति में ज्ञान सिंह बड़ा नाम

शहडोल अदिवासी अंचल है, और ये लोकसभा सीट भी आदिवासी सीट है, और मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह के बारे में ऐसा माना जाता है कि वो आदिवासियों के बीच अपनी बड़ी पैठ रखते हैं, ये बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को भी पता है कि अगर ज्ञान सिंह नाराज़ हो गए और वो निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए तो बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है, और जिस तरह से बीजेपी पूरे देश में टिकट वितरण कर रही है कई सांसदों का टिकट काट रही है उसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी अपनी जीत को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।
लेकिन ज्ञान सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कहकर बीजेपी खेमे में भूचाल ला दिया है क्योंकि बीजेपी को भी ये बात पता है कि ज्ञान सिंह की नाराजगी उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है।ज्ञान सिंह कई बार विधायक रह चुके हैं, तीन बार सांसद, और प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं, इसके अलावा क्षेत्र के बड़े आदिवासी नेता हैं। और इसी को ध्यान में रखते हुए खबर है कि बीजेपी ने पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को सांसद ज्ञान सिंह को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है और जो खबर सूत्रों के हवाले से मिल रही है उसके मुताबिक वो जल्द ही ज्ञान सिंह से मिल भी सकते हैं।

मुश्किल में पड़ सकती है भाजपा

वरिष्ठ पत्रकार शिवमंगल सिंह भी कहते हैं कि सांसद ज्ञान सिंह काफी लंबे समय से इस आदिवासी क्षेत्र में राजनीति कर रहे हैं, और यहां की आदिवासी समुदाय में उनकी काफी लंबी पैठ है, भाजपा के लिए ऐसे नेता का नाराज़ होना बुरी खबर है।
एक तरह से देखा जाए तो हिमाद्री सिंह अभी भाजपा में आई हैं, जिससे उनकी पार्टी और संगठन में पकड़ भी नहीं है, लेकिन जो उनके पति नरेंद्र मरावी और चाचा ससुर जयसिंह मरावी हैं दोनों ही भाजपा के पुराने नेता हैं। इसके बाद भी ज्ञान सिंह की काफी पकड़ है, और वो अगर इसी तरह नाराज रहे तो भाजपा के लिए दिक्कत खड़ी कर सकते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार शिवमंगल सिंह कहते हैं कि ज्ञान सिंह मृदुभाषी है, मिलनसार हैं, पुराना चेहरा हैं ऐसे में अगर भाजपा ज्ञान सिंह को नहीं मना पाती और चुनाव लड़ने से नहीं रोक पाती तो भाजपा के लिए बड़ी दिक्कत हो सकती है।


Conclusion:हिमाद्री को हरा चुके हैं ज्ञान सिंह

ज्ञान सिंह वही नेता हैं जो शहडोल लोकसभा सीट में साल 2016 में हुए उपचुनाव में हिमाद्री सिंह को हरा चुके हैं, इस चुनाव में ज्ञान सिंह ने कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ने वाली, हिमाद्री सिंह को करीब 60, 383 वोट से हराया था, और अब जब 2019 में फिर से लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, तो बीजेपी ने ज्ञान सिंह का टिकट काट दिया और 2016 में उनसे हारने वाली हिमाद्री को टिकट दे दिया, जिसे लेकर अब बीजेपी में बवाल मचा हुआ है।

गौरतलब है कि हिमाद्री को बीजेपी से टिकट मिलने के बाद जो सियासी गलियारे से खबर मिल रही थी उसके मुताबिक बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता अलाकमान के इस फैसले से खुश नहीं थे, और अंदर ही अंदर विरोध कर रहे थे, लेकिन कोई भी नेता खुलकर सामने नहीं आ रहा था, लेकिन अब जब बीजेपी सांसद ज्ञान सिंह ने बगावत करते हुए, निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है उससे बीजेपी मुश्किल में फंसती नज़र आ रही है।
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