शहडोल। शहडोल लोकसभा सीट में इन दिनों बीजेपी का माहौल गरमाया हुआ है. बीजेपी ने हिमाद्री को टिकट देकर सियासी पिच पर जहां मास्टर स्ट्रोक खेला था, तो वहीं अब मौजूदा बीजेपी सांसद ज्ञान सिंह का टिकट काट दिया गया है. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर, फिर से सियासत गरमा दी है. वहीं उन्हें मनाने की जिम्म्मेदारी पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को दी गई है.
इस आदिवासी अंचल की राजनीति में ज्ञान सिंह बड़ा नाम
अदिवासी अंचल की ये लोकसभा सीट भी आदिवासी सीट है जहां मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह आदिवासियों के बीच अपनी बड़ी पैठ रखते हैं,अगर ज्ञान सिंह नाराज़ हो गए और वो निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए तो बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है. कई सांसदों का टिकट काटने और नए उम्मीदवारों पर दांव आजमाने वाली बीजेपी अपनी जीत को लेकर कोई रिक्स नहीं लेना चाहती.
ज्ञान सिंह कई बार विधायक रह चुके हैं, तीन बार सांसद और प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा क्षेत्र के बड़े आदिवासी नेता हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए खबर है कि बीजेपी ने पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को सांसद ज्ञान सिंह को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. जिसे लेकर मंत्री शुक्ल जल्द ही ज्ञान सिंह से मिल सकते है.
मुश्किल में पड़ सकती है भाजपा
वरिष्ठ पत्रकार शिवमंगल सिंह के मुताबिक सांसद ज्ञान सिंह काफी लंबे समय से इस आदिवासी क्षेत्र में राजनीति कर रहे हैं और यहां की आदिवासी समुदाय में उनकी काफी लंबी पैठ है, भाजपा के लिए ऐसे नेता का नाराज होना बुरी खबर है.हिमाद्रिसिंह अभी भाजपा में आई हैं, जिससे उनकी पार्टी और संगठन में पकड़ भी नहीं है, लेकिन जो उनके पति नरेंद्र मरावी और चाचा ससुर जयसिंह मरावी हैं दोनों ही भाजपा के पुराने नेता हैं, लेकिन फिर भी ज्ञान सिंह को टक्कर देना बड़ी चुनौती होगी.
हिमाद्री को हरा चुके हैं ज्ञान सिंह
ज्ञान सिंह वही नेता हैं जो शहडोल लोकसभा सीट में साल 2016 में हुए उपचुनाव में हिमाद्री सिंह को हरा चुके हैं, करीब 60, 383 वोट से हराने वाले ज्ञान सिंह फिर से हिमाद्रिके सामने हो सकते है. जिसे लेकर अब बीजेपी में बवाल मचा हुआ है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता अलाकमान के इस फैसले से खुश नहीं थे और अंदर ही अंदर विरोध कर रहे थे, लेकिन कोई भी नेता खुलकर सामने नहीं आ रहा था.