शहडोल। जिले में गणपति बप्पा की तकरीबन 10वीं और 11वीं सदी की कलचुरी कालीन मूर्तियां स्थापित हैं. लोगों का मानना है कि इस जिले को गजानन का विशेष आशीर्वाद मिला हुआ है. यही वजह है कि यहां कभी भी किसी तरह की कोई प्राकृतिक आपदा नहीं हुई है.
हर कोने में है बप्पा का वास
शहडोल के बुढ़ार चौक पर स्थित गणेश मंदिर, कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थित शिव गणेश मंदिर, आईटीआई कॉलेज के पास स्थित गणेश मन्दिर और बाणगंगा के पास स्थित गणेश मंदिर. एक तरह से देखा जाए, तो शहर के चारों दिशाओं में भगवान गणेश का वास है. चारों दिशाओं में स्थित इन गणेश मंदिरों में भक्तों का भी तांता लगता है और भक्तों की मनोकामना भी पूरी होती है.
पुरातत्वविद रामनाथ सिंह परमार बताते हैं कि ये सभी मूर्तियां लगभग 10वीं और 11वीं शताब्दी की हैं. ये प्रतिमाएं एक ही कलाकार की बनाई हुई लगती हैं, क्योंकि चारों दिशाओं में स्थित इन मूर्तियों का शिल्प भी एक ही तरह का है.
शिव गणेश मंदिर के पुजारी सुरेंद्र प्रसाद द्विवेदी बताते हैं कि नगर के चारों दिशाओं में जो सदियों पुराने गणपति विराजमान हैं, उसी के चलते शहडोल जिले में बहुत शांति है. यहां कभी किसी तरह की आपदा-विपदा नहीं आती और ये शहर दिनोंदिन तरक्की कर रहे हैं.