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इंडियन टीम में शामिल होने के लिए पसीना बहा रहे छात्र, सुबह से शाम तक खेलते हैं क्रिकेट - पूजा वस्त्रकार

शहडोल के महात्मा गांधी क्रिकेट स्टेडियम में टीम इंडिया से खेलना का सपना लिए लड़के लड़कियां क्रिकेट खेलते दिखाई देते हैं. इसके लिए वो कड़ा अभ्यास भी करते हैं, इसका नतीजा है कि शहडोल के कई खिलाड़ी मध्यप्रदेश की क्रिकेट सहित देश के क्रिकेट में अपनी धमक बना रहे हैं.

Shahdol's cricketers are making the name illuminating
शहडोल के क्रिकेट खिलाड़ी कर रहे नाम रोशन
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Published : Jan 4, 2020, 12:02 PM IST

शहडोल। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो घर-घर में खेला जाता है. हमारे देश में जहां क्रिकेट एक खेल नहीं, बल्कि त्योहार की तरह मनाया जाता है. हर गली और मोहल्ले में खेलने वाला बच्चा विराट कोहली या महेंद्र सिंह धोनी होता है. वहीं शहड़ोल में भी ऐसा ही कुछ होता है. यहां भी क्रिकेट अपनी एक खास पकड़ रखता है.

शहडोल के क्रिकेट खिलाड़ी कर रहे नाम रोशन


क्योंकि यहीं से निकलकर पूजा वस्त्रकार जैसी क्रिकेटर भारतीय महिला टीम में बतौर ऑल राउंडर के रुप में चयन हुआ है. वहीं जिले के कई खिलाड़ी भी कमाल कर रहे हैं. अगर देखें तो मौज़ूदा समय में प्रदेश की रणजी टीम से लेकर प्रदेश के अलग अलग एज ग्रुप तक शहड़ोल के लड़के अपनी धमक दिखा रहे हैं.


जुनून और ज़िद से हुआ संभव
शहड़ोल जिला मुख्यालय के महात्मा गांधी क्रिकेट स्टेडियम में टीम इंडिया से खेलना का सपना लिए लड़के लड़कियां क्रिकेट खेलते दिखाई दे रहा है. इसी कड़े अभ्यास और लगन का नतीजा है कि शहडोल जो बहुत ही छोटी सी जगह है. मध्यप्रदेश क्रिकेट से लेकर अब भारतीय क्रिकेट तक अपनी खास पहचान रखता है. यहां की लड़कियां तो कमाल कर ही रही हैं. लड़के भी क्रिकेट के इस कड़े कम्पटीशन के बीच प्रदेश के अलग अलग उम्र वर्ग की टीम में अपनी जगह बनाकर अपनी धमक दिखा रहे हैं.


आलम ये है कि प्रदेश के अलग अलग एज ग्रुप की हर टीम में यहां के लड़के अपनी जगह बना रहे हैं. बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि डिवीज़न बनने के बाद तो हर उम्र वर्ग में प्रदेश की टीम में यहां के लड़के अपनी जगह बना रहे हैं.


सम्भागीय क्रिकेट संघ के सचिव अजय द्विवेदी कहते हैं कि मौज़ूदा साल मध्यप्रदेश की रणजी टीम में हिमांशु मंत्री जो विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. उन्होंने अपनी जगह बनाई, इसके अलावा शहड़ोल संभाग की टीम से खेलने वाले कुमार कार्तिकेय भी पिछले साल ही मध्यप्रदेश की रणजी टीम में अपनी जगह बना चुके हैं. लड़कियों के बाद यहां के लड़के भी अलग अलग उम्र वर्ग में कमाल कर रहे हैं जो हमारे डिवीज़न के लिए बहुत अच्छे संकेत हैं.

मौज़ूदा समय में प्रदेश की टीम में इन्होंने बनाई है जगह
रणजी टीम- हिमांशु मंत्री, कुमार कार्तिकेय
अंडर 23- अंकुश त्यागी
अंडर19- अपूर्व द्विवेदी, एमपी की वनडे टीम में अक्षत रघुवंशी, कूच बिहार ट्रॉफी में एमपी टीम में थे.
अंडर 16- वीनू मांकड़ ट्रॉफी में जो अभी हाल ही में खत्म हुई. उसमें सभागीय क्रिकेट संघ से 4 खिलाड़ी थे. यतेंद्र मोहन श्रीवास्तव, अक्षत द्विवेदी, हर्षित द्विवेदी, कार्तिक सिंह.
अंडर 14- राघवेंद्र सिंह आर्मो.


छोटी जगह में अच्छी सुविधा देने की कोशिश
शहड़ोल सम्भागीय क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सुनील खरे मानते है की यहां क्रिकेट में बच्चों की सफलता प्रतिशत बढ़ने के कई प्रयास किए जा रहे है. मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन और सेंट्रल जोन में जो अपना प्रभत्व बनाकर रखे हुए हैं. उसकी वजह सीमित संसाधनों के बाद भी बेहतर व्यवस्था है. सुनील खरे कहते हैं कि सीमित संसाधन होने के बाद भी छोटी छोटी व्यवस्था करके 6 विकेट दिये हैं. जिससे खिलाड़ी रेगुलर अभ्यास करते है. गौरतलब है की शहड़ोल भले ही बहुत छोटी सी जगह है लेकिन क्रिकेट जैसे कड़े कम्पटीशन के बीच इस तरह से यहां के बच्चों का सफलता हासिल करना क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी बात है.

शहडोल। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो घर-घर में खेला जाता है. हमारे देश में जहां क्रिकेट एक खेल नहीं, बल्कि त्योहार की तरह मनाया जाता है. हर गली और मोहल्ले में खेलने वाला बच्चा विराट कोहली या महेंद्र सिंह धोनी होता है. वहीं शहड़ोल में भी ऐसा ही कुछ होता है. यहां भी क्रिकेट अपनी एक खास पकड़ रखता है.

शहडोल के क्रिकेट खिलाड़ी कर रहे नाम रोशन


क्योंकि यहीं से निकलकर पूजा वस्त्रकार जैसी क्रिकेटर भारतीय महिला टीम में बतौर ऑल राउंडर के रुप में चयन हुआ है. वहीं जिले के कई खिलाड़ी भी कमाल कर रहे हैं. अगर देखें तो मौज़ूदा समय में प्रदेश की रणजी टीम से लेकर प्रदेश के अलग अलग एज ग्रुप तक शहड़ोल के लड़के अपनी धमक दिखा रहे हैं.


जुनून और ज़िद से हुआ संभव
शहड़ोल जिला मुख्यालय के महात्मा गांधी क्रिकेट स्टेडियम में टीम इंडिया से खेलना का सपना लिए लड़के लड़कियां क्रिकेट खेलते दिखाई दे रहा है. इसी कड़े अभ्यास और लगन का नतीजा है कि शहडोल जो बहुत ही छोटी सी जगह है. मध्यप्रदेश क्रिकेट से लेकर अब भारतीय क्रिकेट तक अपनी खास पहचान रखता है. यहां की लड़कियां तो कमाल कर ही रही हैं. लड़के भी क्रिकेट के इस कड़े कम्पटीशन के बीच प्रदेश के अलग अलग उम्र वर्ग की टीम में अपनी जगह बनाकर अपनी धमक दिखा रहे हैं.


आलम ये है कि प्रदेश के अलग अलग एज ग्रुप की हर टीम में यहां के लड़के अपनी जगह बना रहे हैं. बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि डिवीज़न बनने के बाद तो हर उम्र वर्ग में प्रदेश की टीम में यहां के लड़के अपनी जगह बना रहे हैं.


सम्भागीय क्रिकेट संघ के सचिव अजय द्विवेदी कहते हैं कि मौज़ूदा साल मध्यप्रदेश की रणजी टीम में हिमांशु मंत्री जो विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. उन्होंने अपनी जगह बनाई, इसके अलावा शहड़ोल संभाग की टीम से खेलने वाले कुमार कार्तिकेय भी पिछले साल ही मध्यप्रदेश की रणजी टीम में अपनी जगह बना चुके हैं. लड़कियों के बाद यहां के लड़के भी अलग अलग उम्र वर्ग में कमाल कर रहे हैं जो हमारे डिवीज़न के लिए बहुत अच्छे संकेत हैं.

मौज़ूदा समय में प्रदेश की टीम में इन्होंने बनाई है जगह
रणजी टीम- हिमांशु मंत्री, कुमार कार्तिकेय
अंडर 23- अंकुश त्यागी
अंडर19- अपूर्व द्विवेदी, एमपी की वनडे टीम में अक्षत रघुवंशी, कूच बिहार ट्रॉफी में एमपी टीम में थे.
अंडर 16- वीनू मांकड़ ट्रॉफी में जो अभी हाल ही में खत्म हुई. उसमें सभागीय क्रिकेट संघ से 4 खिलाड़ी थे. यतेंद्र मोहन श्रीवास्तव, अक्षत द्विवेदी, हर्षित द्विवेदी, कार्तिक सिंह.
अंडर 14- राघवेंद्र सिंह आर्मो.


छोटी जगह में अच्छी सुविधा देने की कोशिश
शहड़ोल सम्भागीय क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सुनील खरे मानते है की यहां क्रिकेट में बच्चों की सफलता प्रतिशत बढ़ने के कई प्रयास किए जा रहे है. मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन और सेंट्रल जोन में जो अपना प्रभत्व बनाकर रखे हुए हैं. उसकी वजह सीमित संसाधनों के बाद भी बेहतर व्यवस्था है. सुनील खरे कहते हैं कि सीमित संसाधन होने के बाद भी छोटी छोटी व्यवस्था करके 6 विकेट दिये हैं. जिससे खिलाड़ी रेगुलर अभ्यास करते है. गौरतलब है की शहड़ोल भले ही बहुत छोटी सी जगह है लेकिन क्रिकेट जैसे कड़े कम्पटीशन के बीच इस तरह से यहां के बच्चों का सफलता हासिल करना क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी बात है.

Intro:Note_ पैकेज में तीन वर्जन हैं पहला वर्जन बीसीसीआई के लेवल-1 के कोच आशुतोष श्रीवास्तव का है, दूसरा वर्जन सम्भागीय क्रिकेट संघ के सचिव अजय द्विवेदी का है और तीसरा वर्जन सम्भागीय क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सुनील खरे का है।


गजब- जगह है छोटी लेकिन मध्यप्रदेश क्रिकेट टीम के हर उम्र वर्ग में हर साल यहां के खिलाड़ियों की रहती है धमक

शहडोल- वैसे क्रिकेट हमारे देश में गली मोहल्ले तक अपनी खास पकड़ बनाये हुए है, इसी का नतीजा है कि क्रिकेट को लेकर क्रेजी देश कहा जाता है, और इसीलिए यहां क्रिकेट में हर जगह कड़ा कॉम्पटीशन होता है, बात मध्यप्रदेश के एक छोटे से जिले शहड़ोल की करें जो आदिवासी अंचल के अन्तर्गत आता है तो ये अंचल भी क्रिकेट को लेकर भी अपनी खास पकड़ रखता है।

क्योंकि यहीं से निकलकर पूजा वस्त्रकार जैसी क्रिकेटर भारतीय महिला टीम में बतौर ऑल राउंडर खेलती है, और कई लड़कियां भारतीय टीम में दस्तक देने के लिए लाइन पर खड़ी हुई हैं और इस बीच अब यहां के लड़के भी क्रिकेट में कमाल कर रहे हैं। अगर देखें तो मौज़ूदा समय में प्रदेश की रणजी टीम से लेकर प्रदेश के अलग अलग एज ग्रुप तक शहड़ोल के लड़के अपनी धमक दिखा रहे हैं।


Body:जुनून और ज़िद से हुआ संभव

शहड़ोल जिला मुख्यालय के महात्मा गांधी क्रिकेट स्टेडियम में सुबह शाम किसी भी वक्त आप यहां जाएंगे, तो काफी तादाद में क्रिकेट खेलने वाले लड़के लड़कियां यहां आपको मिल जाएंगी और सबका बस एक ही सपना टीम इंडिया से खेलना।

इनके इसी कड़े अभ्यास और लगन का नतीजा है कि शहडोल जो बहुत ही छोटी सी जगह है मध्यप्रदेश की क्रिकेट से लेकर अब भारतीय क्रिकेट तक अपनी खास पहचान रखता है। यहां की लड़कियां तो कमाल कर ही रही हैं लड़के भी क्रिकेट के इस कड़े कॉम्पटीशन के बीच प्रदेश के अलग अलग उम्र वर्ग की टीम में अपनी जगह बनाकर अपनी धमक दिखा रहे हैं। आलम ये है कि प्रदेश के अलग अलग एज ग्रुप की हर टीम में यहां के लड़के अपनी जगह बना रहे हैं। बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि डिवीज़न बनने के बाद तो हर उम्र वर्ग में प्रदेश की टीम में यहां के लड़के अपनी जगह बना रहे हैं।

सम्भागीय क्रिकेट संघ के सचिव अजय द्विवेदी कहते हैं कि मौज़ूदा साल मध्यप्रदेश की रणजी टीम में हिमांशु मंत्री जो विकेटकीपर बल्लेबाज हैं उन्होंने अपनी जगह बनाई, इसके अलावा शहड़ोल संभाग की टीम से खेलने वाले कुमार कार्तिकेय भी पिछले साल ही मध्यप्रदेश की रणजी टीम में अपनी जगह बना चुके हैं। लड़कियों के बाद यहां के लड़के भी अलग अलग उम्र वर्ग में कमाल कर रहे हैं जो हमारे डिवीज़न के लिए बहुत अच्छे संकेत हैं।

मौज़ूदा समय में प्रदेश की टीम में इन्होंने बनाई है जगह

रणजी टीम- हिमांशु मंत्री, कुमार कार्तिकेय

अंडर 23- अंकुश त्यागी

अंडर19- अपूर्व द्विवेदी, एमपी की वनडे टीम में, अक्षत रघुवंशी कूच बिहार ट्रॉफी में एमपी टीम में थे।

अंडर 16- वीनू मांकड़ ट्रॉफी में जो अभी हाल ही मे खत्म हुई उसमे सभागीय क्रिकेट संघ से 4 खिलाड़ी थे यतेंद्र मोहन श्रीवास्तव, अक्षत द्विवेदी, हर्षित द्विवेदी, कार्तिक सिंह।

अंडर 14- राघवेंद्र सिंह आर्मो।


छोटी जगह में अच्छी सुविधा देने की कोशिश

शहड़ोल सम्भागीय क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सुनील खरे मानते है की यहां क्रिकेट में बच्चों की सफलता प्रतिशत बढ़ने और मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन और सेंट्रल जोन में जो अपना प्रभत्व बनाकर रखे हुए हैं उसकी वजह सीमित संसाधनों के बाद भी बेहतर व्यबस्था है। सुनील खरे कहते हैं कि सीमित संसाधन होने के बाद भी छोटी छोटी व्यबस्था करके 6 विकेट दिये हैं। रेगुलर अभ्यास यहां होता है।






Conclusion:गौरतलब है की शहड़ोल भले ही बहुत छोटी सी जगह है लेकिन क्रिकेट जैसे कड़े कॉम्पीटिशन के बीच इस तरह से यहां के बच्चों का सफलता हासिल करना क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी बात है।
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