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सुनिए उन छात्रों की जुबानी, यूक्रेन से भारत लौटने की कहानी, जानिये कैसे भारतीय झंडे ने की मदद ?

शहडोल जिले के भी 9 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे, जिसमें से 4 छात्रों की सकुशल घर वापसी हो चुकी है. अभी भी पांच बच्चे यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं. अभी हाल ही में दो और छात्रों की शहडोल वापसी हुई है. दोनों बुढार के रहने वाले हैं और चेचेरे भाई हैं. (shahdol student return india form ukraine)

shahdol student
शहडोल छात्र
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Published : Mar 10, 2022, 12:36 PM IST

शहडोल। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में कई भारतीय छात्र अभी भी फंसे हैं, तो कई भारतीय छात्रों की घर वापसी हो गई है. अभी भी ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय छात्रों की वापसी कराई जा रही है. शहडोल जिले के भी 9 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे, जिसमें से 4 छात्रों की सकुशल घर वापसी हो चुकी है. अभी भी पांच बच्चे यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं. अभी हाल ही में दो और छात्रों की शहडोल वापसी हुई है. दोनों बुढार के रहने वाले हैं और चेचेरे भाई हैं. (shahdol student return india form ukraine)

शहडोल छात्र ने बतायी हकीकत

यूक्रेन से लौटे छात्र, परिजनों में खुशी की लहर
शहडोल के बुढार नगर के रहने वाले दो चचेरे भाई ऋषिकेश त्रिपाठी और इशांक त्रिपाठी अपने-अपने घर पहुंच गए हैं. बच्चों को सुरक्षित घर में देखकर परिजनों के भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. ऋषिकेश त्रिपाठी बुढार नगर के रहने वाले हैं, जिनके पिता का नाम महेंद्र त्रिपाठी है. वहीं ईशांक त्रिपाठी डॉ. राजेश त्रिपाठी के बेटे हैं. (indian student stuck in ukraine)

यूक्रेन में फंसे डिंडौरी के छात्र की घर वापसी, आपरेशन गंगा के लिए सरकार को कहा धन्यवाद

बूढ़ार नगर लौटे ऋषिकेश त्रिपाठी बताते हैं कि वो विनिस्तिया शहर में फंसे हुए थे, जहां से स्लोवाकिया बॉर्डर पहुंचे. वहां से 50 बच्चों के लिए 3.5 लाख रुपये में बस की. बस से स्लोवाकिया बॉर्डर पहुंचे. सभी छात्रों ने पहले अपने जूनियर्स को पहुंचाया. उन्हें ज्यादा कुछ पता नहीं था. बस में इंडियन फ्लैग जरूरी था, जिससे हमें वहां बहुत मदद मिल रही थी. रसियन और यूक्रेन आर्मी दोनों में से कोई नहीं रोक रहा था. पीएम नरेंद्र मोदी को छात्रों ने धन्यवाद भी कहा है. इसके बाद स्लोवाकिया बॉर्डर में इंडियन एम्बेसी के लोग मिले. वहां से हम लोग घर वापस आ गए.

शहडोल। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में कई भारतीय छात्र अभी भी फंसे हैं, तो कई भारतीय छात्रों की घर वापसी हो गई है. अभी भी ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय छात्रों की वापसी कराई जा रही है. शहडोल जिले के भी 9 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे, जिसमें से 4 छात्रों की सकुशल घर वापसी हो चुकी है. अभी भी पांच बच्चे यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं. अभी हाल ही में दो और छात्रों की शहडोल वापसी हुई है. दोनों बुढार के रहने वाले हैं और चेचेरे भाई हैं. (shahdol student return india form ukraine)

शहडोल छात्र ने बतायी हकीकत

यूक्रेन से लौटे छात्र, परिजनों में खुशी की लहर
शहडोल के बुढार नगर के रहने वाले दो चचेरे भाई ऋषिकेश त्रिपाठी और इशांक त्रिपाठी अपने-अपने घर पहुंच गए हैं. बच्चों को सुरक्षित घर में देखकर परिजनों के भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. ऋषिकेश त्रिपाठी बुढार नगर के रहने वाले हैं, जिनके पिता का नाम महेंद्र त्रिपाठी है. वहीं ईशांक त्रिपाठी डॉ. राजेश त्रिपाठी के बेटे हैं. (indian student stuck in ukraine)

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बूढ़ार नगर लौटे ऋषिकेश त्रिपाठी बताते हैं कि वो विनिस्तिया शहर में फंसे हुए थे, जहां से स्लोवाकिया बॉर्डर पहुंचे. वहां से 50 बच्चों के लिए 3.5 लाख रुपये में बस की. बस से स्लोवाकिया बॉर्डर पहुंचे. सभी छात्रों ने पहले अपने जूनियर्स को पहुंचाया. उन्हें ज्यादा कुछ पता नहीं था. बस में इंडियन फ्लैग जरूरी था, जिससे हमें वहां बहुत मदद मिल रही थी. रसियन और यूक्रेन आर्मी दोनों में से कोई नहीं रोक रहा था. पीएम नरेंद्र मोदी को छात्रों ने धन्यवाद भी कहा है. इसके बाद स्लोवाकिया बॉर्डर में इंडियन एम्बेसी के लोग मिले. वहां से हम लोग घर वापस आ गए.

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