शहडोल। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित शहडोल लोकसभा सीट पर 29 अप्रैल को बंपर वोटिंग हुई. जिसके चलते सभी में इस बात की उत्सुकता है कि इस बढ़े हुए मतदान प्रतिशत का किसे फायदा मिलेगा. शहडोल लोकसभा सीट पर इस बार 74.57 फीसदी मतदान हुआ है. जबकि 2014 के चुनाव में यहां कुल 62.08 प्रतिशत मतदान हुआ था.
शहडोल लोकसभा सीट पर अबतक हुए मतदान के इतिहास पर नज़र डाली जाए तो साल 2009 के चुनाव में 49.50 मतदान, 2004 के चुनाव में 39.93 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि 1999 में 49.76 प्रतिशत, 1998 में 60.82 प्रतिशत, 1996 में 57.49, 1991 में 35.63, 1989 में 46.59, 1984 में 46.28 प्रतिशत, 1980 में 42.03 प्रतिशत, 1977 में 42.93 प्रतिशत, 1971 में 35.09 प्रतिशत, 1967 में 40.52 प्रतिशत, 1962 में 30.77 प्रतिशत, और 1957 में 24.4 प्रतिशत मतदान हुआ था.
जबकि इस बार के मतदान का आंकड़ा पिछले सभी चुनावों से ज्यादा है, ऐसे में दोनों ही दलों का कहना है कि इस बढ़े हुए मतदान प्रतिशत का फायदा उन्हें मिलने वाला है. वरिष्ठ पत्रकार शिवमंगल सिंह का कहना है कि अब तक इस सीट पर बढ़े हुए मतदान प्रतिशत का फायदा विपक्षी दल को मिलता रहा है, लेकिन इस बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि इस बार युवा वोटरों ने जमकर वोटिंग की है चुनाव आयोग के अवेयरनेस का नतीजा है, कि इस बार वोटिंग परसेंटेज बढ़ा है. ऐसे इसका फायदा किसे मिलता है यह देखने वाली बात होगी. खास बात यह है कि शहडोल संसदीय क्षेत्र की दोनों प्रत्याशियों के क्षेत्र में बंपर वोटिंग हुई है. हालांकि यह तो 23 मई को ही खुलासा होगा कि शहडोल इस बढ़े हुए मतदान का फायदा किसे मिलता है.