शहडोल। पिछले कुछ दिन की लगातार बारिश के बाद जिल में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है. जो किसान बोवनी का काम सही तरीके से नहीं कर पा रहे थे. वे अब सही करीके से बोवनी कर सकते हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि दलहनी और सोयाबीन की खेती करने वाले किसान इन खास बातों का ध्यान रखें तो नुकसान से बच सकते हैं.
किसान न हों परेशान, बस इन बातों का रखें ध्यान
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के मुताबिक मौसम ने अभी किसानों को बोनी का काम पूरा करने के लिए बेहतर मौका दिया है. वे जल्द खेती का काम कर लें क्योंकि एक दो दिन में फिर बारिश की संभावना बन रही है. कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि अभी जिले में 172 एमएम के करीब बारिश हो चुकी है. दलहनी के फसलों की बोनी के लिये ये बहुत ही उपयुक्त समय है. दलहनी की कोई भी फसल हो मूंग, उड़द, अरहर किसी भी तरह के फसल के लिय यह बेहतर मौका है.
सोयाबीन की फसल वाले किसान किस्म बदलें
शहडोल जिले के करीब 25 से 30 गांव ऐसे हैं, जहां सोयाबीन की की खेती की जाती है. इसी फसल के उत्पादन से क्षेत्र के कई किसान समृद्ध हुए हैं. पिछले कुछ साल से किसान परेशान हैं, क्योंकि बदले मौसम चक्र से सोयाबीन की फसल लेने वाले किसानों को नुकसान हो रहा है. सोयाबीन की खेती करने वाले ज्यादातर किसान जेएस 335 किस्म की बीज लगाते हैं.
जो बहुत पुरानी हो चुकी है. सोयाबीन की अब अच्छी और अपडेटेड किस्म आ गई है, जो कम दिन की है.सोयाबीन की पुरानी किस्म में तापमान बढ़ने नमी आने से चारकोल रॉड का प्रकोप देखने को मिलने लगा है. इसलिए नए किस्म के बीज का ही इस्तेमाल करें जिसमें ये दिक्कतें नहीं हैं.
ऐसी जमीन पर सिर्फ धान ही लगाएं
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह का कहना है कि यहां के किसान उचहन खेतों में भी धान की फसल लगाते हैं. ऐसे जमीन पर दलहन की फ़सल लगाएं तो ज्यादा फायदा मिलेगा. दलहन में मूंग, अरहर, उड़द किसी भी तरह के दलहनी फसल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
गौरतलब है कि शहडोल में बारिश देरी से शुरू हुई है. जिससे किसानों की खेती देरी से स्टार्ट हुई है. पिछले कुछ दिन से लगातार हो रही बारिश से भी किसान बोनी का काम नहीं कर पा रहे थे. अब मौसम के खुल जाने से किसानों को भी शानदार मौका मिला है.