शहडोल। शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने सोमवार को एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. जहां उन्होंने बच्चों से लेकर युवाओं तक को संबोधित किया. उन्होंने मोबाइल युग से लेकर पहनावे तक के लिए कई अहम बातें कहीं. इस दौरान उन्होंने आजकल के पहनावे को लेकर भी अपने विचार रखे. इस दौरान उन्होंने जीन्स कपड़े को लेकर ऐसी बात कह दी जो अब चर्चा का विषय बन गई है.
जीन्स कपड़े को लेकर बोले कमिश्नर: शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने एक कार्यक्रम में जींस कपड़े को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि "जींस धोने में बहुत झंझट होती है, उसको उठाकर ढंग से आप धो भी नहीं सकते हो, और पानी भी बहुत लगता है. जींस हमारा कपड़ा नहीं है, हमारा कपड़ा है धोती. आदमी भी धोती पहन लेता है और महिलाएं भी धोती पहनती हैं. धोती अलग-अलग इलाके में मौसम के हिसाब से अलग तरीके से पहनी जाती है. कहीं पर धोती 16 से 20 हाथ की तो कहीं पर 22 से 24 हाथ की धोती पहनी जाती है. गर्मी की वजह से तो कहीं-कहीं पर 4 हाथ की भी धोती लोग पहनते हैं. अंग्रेजों ने हमको बताया कि हमारी सभी चीजें खराब हैं जो एक भ्रांति है. हमारे देश की जलवायु गर्म है, इसके लिए धोती कुर्ता जैसे वस्त्र सुखदायक हैं, लेकिन हम दुख देने वाले जींस पहनते हैं. पोशाक मौसम के अनुसार होने चाहिए."
युवाओं के हित में कही कई बातें: कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने आज कई अहम बातें कहीं. दरअसल सोमवार को आईजेक के अति पिछड़ी जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए आयोजित कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमाण पत्र वितरण समारोह को कमिश्नर ने संबोधित किया. यहां उन्होंने बैगा समाज के छात्रों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण लेते देख काफी खुशी जाहिर की. साथ ही उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए उनके हित से जुड़ी कई बातें कहीं.
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मोबाइल को लेकर बोले कमिश्नर: राजीव शर्मा ने कहा कि "मोबाइल तरक्की और बर्बादी दोनों का रास्ता है. मोबाइल का उपयोग सकारात्मक रूप से करें. आप की सबसे बड़ी ताकत ये है कि आप जमीन से जुड़े रहे हैं और गांव से निकल कर आए हैं. अपनी जड़ों को न भूले गांव से जुड़े रहना है." कमिश्नर ने खान-पान को लेकर कहा कि "हमारे लिए महुआ काजू से ज्यादा पौष्टिक है. खाने के नाम पर शादी और पार्टियों में कचरा खिलाया जा रहा है, लेकिन हमारी जो देहाती चीजें हैं वह शरीर के लिए पौष्टिक हैं."