शहडोल। जिला अस्पताल एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. मामला कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल की लापरवाही से जुड़ा है. आरोप है कि उपचार के लिए भर्ती 55 साल की एक महिला को गलत ब्लड ग्रुप का ब्लड चढ़ाया गया.
जिला अस्पताल पर फिर लगे आरोप
दरअसल, शहडोल की रहने वाली 55 वर्षीय महिला को बुखार और खून की कमी की शिकायत थी. जिसके चलते उसे उपचार के लिए कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल (Kusha Bhau Thackeray District Hospital) में भर्ती कराया गया था. खून की कमी के चलते उन्हें डॉक्टर्स ने खून चढ़ाने की सलाह दी. महिला का ब्लड ग्रुप बी पॉजीटिव था. आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने महिला को बी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने की बजाय ओ पॉजिटिव खून चढ़ा दिया.इसी बात को लेकर परिवार वालों को कटघरे में खड़ा कर दिया है. अब इस पूरे मसले पर डॉक्टर ने अपने बचाव में कहा है कि चूंकि बी पॉजिटिव ब्लड युनिवर्सल है सो दिक्कत की बात नहीं है.
नर्स ने कही ये बात
वहीं इस पूरे मामले में नर्स ने कहा कि मरीज को जिस दिन ब्लड चढ़ा था उस दिन किसी भी पेशेंट को ब्लड नहीं चढ़ाया गया है. मैने उन्हीं का ब्लड निकालकर उन्हीं के अटेंडर के हाथ में दिया था और वहां से जो मुझे ब्लड मिला मैंने वही मरीज को लगाया. और तब ओ ब्लड ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के लिए दिया गया जिसकी मेरे पास रिपोर्ट भी है. लेकिन हाल ही में मरीज का ब्लड टेस्ट कराया गया है, तो मुझे पता चला कि मरीज का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव है.
क्या होगा अगर चढ़ा दिया जाए गलत ब्लड ग्रुप का खून?
अगर किसी मरीज को मैचिंग ब्लड ग्रुप का ब्लड ना मिले, और उसे दूसरे ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया जाए, तो क्या होगा? इस सवाल का जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि, जिस व्यक्ति को ब्लड चढ़ाया जा रहा है उसका ब्लड ग्रुप क्या है. दरअसल, हमारे रक्त में एंटीजेन्स होते हैं, ये ब्लड सेल्स (Blood Cells) की ऊपरी सतह पर मौजूद तत्व हैं जो, एलर्जिक रिएक्शन्स (Allergic Reactions) की वजह बन सकते हैं. यदि किसी व्यक्ति को गलत ब्लड चढ़ा दिया जाए तो व्यक्ति का इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है. जिसमें, बाहर से चढ़ाए गए रक्त को इम्यून सिस्टम अपनी ओर खींचता है. इससे, ब्लड सेल्स अलग-अलग हो जाती हैं, शरीर में हानिकारक केमिकल्स का बहुत अधिक निर्माण होने लगता है और वह व्यक्ति गम्भीर रूप से बीमार हो सकता है. गलत खून चढ़ाने से व्यक्ति की किडनियां फेल हो सकती हैं और कुछ समय बाद पूरी तरह से काम करना बंद कर सकती हैं.
तत्काल की जाएगी कार्रवाई
वहीं इस पूरे मामले में सीएमएचओ डॉक्टर मेघ सिंह सागर (CMHO Dr Megh Singh Sagar) का कहना है कि अभी तक उनके संज्ञान में यह मामला नहीं था. उन्होंने जांच कर दोषियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की बात कही है.