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पलायन कर रहे मजदूरों के लिए शहडोल प्रशासन की अनोखी पहल, भोजन से वाहन तक सब करा रहे मुहैया

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Published : May 13, 2020, 11:39 PM IST

शहडोल में मजदूरों के लिए प्रशासन ने एक अभिनव पहल की है. शहडोल में प्रशासन दूसरे-दूसरे राज्यों से आ रहे मजदूरों को खाना खिलाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवा रहे हैं. इसके अलावा इनको वाहन आदि मुहैया कराकर उनके घर के लिए रवाना कर रहे हैं.

shahdol administration help migrants
मजदूरों के लिए शहडोल प्रशासन की अनोखी पहल

शहडोल। कोरोना काल और लॉकडाउन के इस दौर में मजदूरों की स्थिति से हर कोई वाकिफ है. दूसरे जगहों पर काम कर रहे मजदूर अपने घर वापसी को लेकर किस तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है. देश में लॉकडाउन 3.0 भी खत्म होने को है, लेकिन अभी भी मजदूरों के अपने घर वापसी का दौर जारी है. कोई पैदल, कोई साइकल तो कोई किसी और साधन के जरिए पलायन करने को मजबूर है. ऐसे में अब शहडोल से होकर गुजरने वाले मजदूरों की मदद करने के लिए जिला प्रशासन ने अभिनव पहल की है.

मजदूरों के लिए शहडोल प्रशासन की अनोखी पहल

ये भी पढें- गर्भवती पत्नी, साथ में बेटी, रस्सी की गाड़ी के सहारे तय किया 800 किलोमीटर का सफर

मजदूरों की मदद के लिए अभिनव पहल

शहडोल जिला मुख्यालय से होकर रोजाना हजारों की संख्या में मजदूर अपने घर वापसी के लिए निकल रहे हैं और हर मजदूर की अपनी समस्या है. कोई पैदल ही चल रहा है तो कोई साइकल से जा रहा. वहीं कोई किसी और जरिए से जा रहा है. इस दौरान कोई भूखा जा रहा है, अब इन मजदूरों की सहायता करने के लिए शहडोल जिला प्रशासन ने अभिनव पहल की है, जिसके तहत शहडोल जिला मुख्यालय के नए बस स्टैंड को ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए कैंप की तरह बना दिया गया है, जहां उनके आराम करने, खाने और फिर स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा वहां से उन्हें प्रशासन वाहन भी मुहैया कराके उनके गृह नगर के लिये रवाना करता है.

अब पैदल नहीं चलना पड़ेगा, मिलेगी सबको मदद

मौके पर मौजूद तहसीलदार बी के मिश्रा बताते हैं कि ये तमाम बाहर से जो मजदूर आ रहे हैं, इनके लिए कलेक्टर साहब के निर्देशन में नए बस स्टैंड पर एक कैंप तैयार किया गया है. यहीं पर हम लोग इनके खाने-पीने की व्यवस्था और इनके परिवहन की व्यवस्था करते हैं. इस काम के लिए 24 घंटे हमारे 8 से 10 कर्मचारी यहां पर मौजूद रहते हैं और उनकी लिस्टिंग करते हैं, उनकी स्कैनिंग करवाते हैं, उनके खाने-पीने की व्यवस्था करवाते हैं. अगर मजदूर छत्तीसगढ़ वाले हैं तो उन्हें बॉर्डर तक छोड़ते हैं और जो इलाहाबाद-रीवा तरफ के हैं उनको भी बॉर्डर तक छोड़ने का काम हम लोग करते हैं.

कहीं के भी श्रमिक, मजदूर हो हम उनको पहुंचाने का प्रयास करते हैं हमारे जो मजदूर हैं उनको इस गर्मी में पैदल न चलना पड़े इसलिए रुकने की यहां पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है. नए बस स्टैंड में दरी आदि डलवा दी गई हैं, जहां पर मजदूर आराम करते हैं. इनका खाना-पीना होने के बाद, स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर इनको वाहन आदि से रवाना कर देते हैं.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन की पीड़ा: रास्ते में हुई डिलीवरी, 2 घंटे बाद पैदल तय करना पड़ा 150 किमी. दर्द का सफर

शहडोल के नए बस स्टैंड में मजदूरों के लिए ये जो व्यवस्था की गई है वो काबिले तारीफ है, इससे मजदूर इस तपती गर्मी में पैदल चलने से बचेंगे. साथ ही उनके खाने की व्यवस्था भी हो रही है. इसके अलावा जहां उन्हें जाना है वहां के बॉर्डर तक जाने के लिए परिवहन की भी व्यवस्था की जा रही है, जो इन परेशान राहगीरों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है.

शहडोल। कोरोना काल और लॉकडाउन के इस दौर में मजदूरों की स्थिति से हर कोई वाकिफ है. दूसरे जगहों पर काम कर रहे मजदूर अपने घर वापसी को लेकर किस तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है. देश में लॉकडाउन 3.0 भी खत्म होने को है, लेकिन अभी भी मजदूरों के अपने घर वापसी का दौर जारी है. कोई पैदल, कोई साइकल तो कोई किसी और साधन के जरिए पलायन करने को मजबूर है. ऐसे में अब शहडोल से होकर गुजरने वाले मजदूरों की मदद करने के लिए जिला प्रशासन ने अभिनव पहल की है.

मजदूरों के लिए शहडोल प्रशासन की अनोखी पहल

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मजदूरों की मदद के लिए अभिनव पहल

शहडोल जिला मुख्यालय से होकर रोजाना हजारों की संख्या में मजदूर अपने घर वापसी के लिए निकल रहे हैं और हर मजदूर की अपनी समस्या है. कोई पैदल ही चल रहा है तो कोई साइकल से जा रहा. वहीं कोई किसी और जरिए से जा रहा है. इस दौरान कोई भूखा जा रहा है, अब इन मजदूरों की सहायता करने के लिए शहडोल जिला प्रशासन ने अभिनव पहल की है, जिसके तहत शहडोल जिला मुख्यालय के नए बस स्टैंड को ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए कैंप की तरह बना दिया गया है, जहां उनके आराम करने, खाने और फिर स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा वहां से उन्हें प्रशासन वाहन भी मुहैया कराके उनके गृह नगर के लिये रवाना करता है.

अब पैदल नहीं चलना पड़ेगा, मिलेगी सबको मदद

मौके पर मौजूद तहसीलदार बी के मिश्रा बताते हैं कि ये तमाम बाहर से जो मजदूर आ रहे हैं, इनके लिए कलेक्टर साहब के निर्देशन में नए बस स्टैंड पर एक कैंप तैयार किया गया है. यहीं पर हम लोग इनके खाने-पीने की व्यवस्था और इनके परिवहन की व्यवस्था करते हैं. इस काम के लिए 24 घंटे हमारे 8 से 10 कर्मचारी यहां पर मौजूद रहते हैं और उनकी लिस्टिंग करते हैं, उनकी स्कैनिंग करवाते हैं, उनके खाने-पीने की व्यवस्था करवाते हैं. अगर मजदूर छत्तीसगढ़ वाले हैं तो उन्हें बॉर्डर तक छोड़ते हैं और जो इलाहाबाद-रीवा तरफ के हैं उनको भी बॉर्डर तक छोड़ने का काम हम लोग करते हैं.

कहीं के भी श्रमिक, मजदूर हो हम उनको पहुंचाने का प्रयास करते हैं हमारे जो मजदूर हैं उनको इस गर्मी में पैदल न चलना पड़े इसलिए रुकने की यहां पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है. नए बस स्टैंड में दरी आदि डलवा दी गई हैं, जहां पर मजदूर आराम करते हैं. इनका खाना-पीना होने के बाद, स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर इनको वाहन आदि से रवाना कर देते हैं.

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शहडोल के नए बस स्टैंड में मजदूरों के लिए ये जो व्यवस्था की गई है वो काबिले तारीफ है, इससे मजदूर इस तपती गर्मी में पैदल चलने से बचेंगे. साथ ही उनके खाने की व्यवस्था भी हो रही है. इसके अलावा जहां उन्हें जाना है वहां के बॉर्डर तक जाने के लिए परिवहन की भी व्यवस्था की जा रही है, जो इन परेशान राहगीरों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है.

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