शहडोल। मध्यप्रदेश की रणजी टीम पहली बार चैंपियन बनी तो हर जगह खिलाड़ियों की तारीफ हो रही है, युवाओं से भरी इस टीम ने कमाल दिखाया और इतिहास बना दिया. रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले में प्रदेश शहडोल के रहने वाले विकेट कीपर बल्लेबाज हिमांशु मंत्री अचानक ही अपनी शतकीय पारी के साथ सुर्खियों में आए. हिमांशु मंत्री ने टीम के लिए उस वक्त ये पारी खेली जब मध्य प्रदेश की टीम को शुरुआती झटके लग चुके थे, टीम को उस वक्त एक बड़ी पारी की जरूरत थी बाद में उस मैच में हिमांशु मंत्री मैन ऑफ द मैच बने. अब युवा मैच विनर खिलाडी हिमांशु मंत्री से ईटीवी भारत ने बात की है, सुनिए युवा चैंपियन की जुबानी टीम के चैंपियन बनने की कहानी. (Ranji Trophy 2022) (wicket keeper Himanshu Mantri) (MP Ranji Team)
जीत में सभी का कंट्रीब्यूशन: रणजी ट्रॉफी का अपना सफर बताते हुए हिमांशु ने कहा कि, "जब कोई भी टीम फाइनल तक पहुंचती है, तो उसमें बहुत सारे मूवमेंट रहते हैं कुछ अच्छे रहते हैं कुछ चैलेंजिंग रहते हैं. हमारे लिए दोनों ही अच्छे थे, क्योंकि चैलेंजिंग मूवमेंट जो थे उसे हमने बहुत ज्यादा एंजॉय किया और ज्यादा दम से एज ए टीम आए, कई सारे अच्छे मोमेंट्स थे. अगर कोई एक टीम फाइनल खेल रही है, तो उसमें एक का नहीं बल्कि हर एक का कंट्रीब्यूशन होता है. 2019 मेरा रणजी डेब्यू हुआ था, लेकिन वह सीजन मेरे लिए बहुत अच्छा नहीं गया था. हालांकि कोविड-19 का दौर शुरू हो गया, तो हमें भी थोड़ी समय मिल गया. हम घर पर रह सके, थोड़ी अपनी कुछ कमजोरियों पर काम करना था उस पर फोकस कर पाए. वो टाइम मेरे लिए पर्सनली बहुत हेल्पफुल था, क्योंकि कुछ चीजें ऐसी थी जिसे मैंने सुधारी और वह मुझे रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में बहुत फायदा दिया."
रणजी ट्रॉफी तक का सफर: शहडोल से रणजी ट्रॉफी तक का सफर फिर चैंपियन बन जाने के सवाल पर हिमांशु कहते हैं कि, "अच्छा सफर था इस चैलेंज को मैंने बहुत इंजॉय किया, आजकल कोई भी आप काम करिए उसमें चैलेंज तो रहेगा ही, चाहे पढ़ाई कर लो, बिजनेस कर लो या कोई भी जॉब कर लो. हर चीज में चैलेंज है, लेकिन मेरे साथ ये अच्छी चीज है कि यह काम मुझे शुरू से पसंद था तो यह काम करने में मेरे को कभी भी दिक्कत नहीं हुई. सुबह उठने में मुझे कभी कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी, यह जर्नी मैंने बहुत इंजॉय की."
एमपी टीम ने पहले ही देख ली थी जीत: मध्य प्रदेश की रणजी टीम युवा थी, जब रणजी ट्रॉफी की शुरुआत हुई थी तो क्या लग रहा था कि चैंपियन बन जाएंगे के सवाल पर हिमांशु ने कहा कि, "देखें पूरी टीम कॉन्फिडेंट थी, यह जो ट्रॉफी हम जीते तो उसकी पिक्चर हम 1 साल पहले से देख रहे थे. हमारी एक फाइल बनती थी, जिसमें हम हर दिन के इनपुट्स डालते हैं. उसका पहला पेज जो था वो ट्रॉफी था, मतलब हम कोई भी काम करते हैं तो हमें वह ट्रॉफी दिखती रहती है. टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही इस बार चैंपियन बनने के लिए हम सभी कॉंफिडेंट थे."