भोपाल : इस साल मॉनसून को लेकर मौसम विभाग द्वारा लगाए गए सभी पूर्वानुमान सटीक बैठे हैं. औसत से ज्यादा बारिश और मॉनसून के आगमन की सटीक भविष्यवाणी के बाद मॉनसून की विदाई का पूर्वानुमान भी सही साबित हुआ है. मौसम विभाग ने सितंबर के अंत से मॉनसून की विदाई के संकेत दे दिए थे. भारतीय मौसम विभाग के डायरेक्टर मृत्युंजय महापात्र ने कहा था कि सितंबर के अंत में उत्तरी राज्यों के बाद मॉनसून धीरे-धीरे मध्यभारत और फिर दक्षिणी राज्यों से विदा लेना शुरू कर देगा. वहीं आधे से ज्यादा मध्य प्रदेश से भी मॉनसून की विदाई हो चुकी है.
एमपी में कहां से विदा हुआ मॉनसून?
बुधवार को मौसम विभाग ने श्योपुर, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया और शिवपुरी से मॉनसून के लौटने की घोषणा कर दी. वहीं गुरुवार को उज्जैन, इंदौर, रतलाम व उसके आसपास के जिलों से मॉनसून विदा हो सकता है. मॉनसून सबसे आखिर में सिवनी, छिंदवाड़ा, जबलपुर, रीवा और शहडोल से विदा होगा. इस दौरान हल्की बारिश व बूंदाबांदी भी हो सकती है.
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 19 मई, 2024 को मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ा, जिसमें निचले क्षोभमंडल में मजबूत पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी हवाओं (20 समुद्री मील तक) की मदद मिली। निकोबार द्वीप समूह पर व्यापक… pic.twitter.com/6WFItgijKv
— India Meteorological Department (@Indiametdept) October 1, 2024
एक महीने ज्यादा मेहरबान रहा मॉनसून
स्कायमेट की रिपोर्ट के अनुसार इस साल मॉनसून सीजन देश के लिए शानदार रहा. मॉनसून 2024 में 115 प्रतिशत बारिश हुई है. स्कायमेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात के उन इलाकों में भी जबर्दस्त बारिश हुई जो पिछले कई सीजन में बारिश के लिए तरसे हैं. बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां औसत से 18 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई. खास बात ये रही कि मध्य प्रदेश को इस बार सितंबर का महीना बोनस के रूप में मिला. आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में सितंबर में 112 प्रतिशत बारिश हुई. मध्यप्रदेश में भी शुरुआती और अंत के दिनों में मॉनसून ने रौद्र रूप भी दिखाया. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश पर मॉनसून एक महीना ज्यादा मेहरबान रहा.
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डैमों को किया लबालब
पिछले वर्ष अल नीनो के प्रभाव से प्रदेश में कम बारिश हुई थी और सभी डैम पूरी तरह से नहीं भर पाए थे. लेकिन इसके विपरीत इस बार ला नीना के प्रभाव से रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई जिसने प्रदेश के सभी डैमों को अपने फुल टैंक लेवल तक पहुंचा दिया. स्थिति ऐसी भी बनीं कि प्रदेश के कई प्रमुख और बड़े डैमों के गेट बार-बार खोलने पड़े. जल स्तर नियंत्रित करने का ये क्रम सितंबर अंत तक भी चला और कई नदियां-नाले उफान पर रहे. मॉनसून के जाते-जाते पश्चिमी जिलों में बाढ़ जैसे हालात तक बन गए.
डैम | फुल टैंक लेवल | वर्तमान जलस्तर |
इंदिरा सागर | 262.13 मी. | 262.00 मी. |
कलियासोत डैम | 505.67 मी. | 505.51 मी. |
कोलार डैम | 462.20 मी. | 462.17 मी. |
ओमकारेश्वर | 196.60 मी. | 194.52 मी. |
बरगी डैम | 422.76 मी. | 422.70 मी. |
कुछ दिन पड़ेगी तेज गर्मी
मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के मुताबिक मॉनसून की विदाई के साथ मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बूंदाबांदी के आसार हैं. इससे दिन के तापमान में राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. दिन में उमस व तीखी धूप खासा परेशान कर सकती है पर रात कुछ ठंडी होंगी. बात करें राजधानी भोपाल की तो बुधवार को भोपाल में दिन का तापमान सामान्य से दो डिग्री ज्यादा 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं रात का तापमान सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा 24.6 डिग्री रहा. जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर जैसे प्रमुख शहरों में भी कुछ ऐसा ही हाल है. 15 अक्टूबर तक दिन में तीखी धूप परेशान कर सकती है. इसके बाद तापमान में गिरावट की संभावना है, जिससे राहत मिलेगी.