शहडोल। जिला मुख्यालय में मकर संक्रांति के दिन से लगने वाले बाणगंगा मेले की तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है. मेला मैदान में दुकानें सजने लगी हैं. बड़े-बड़े झूले लग चुके हैं. और मौत का कुआं बन रहा है. मेला मैदान में पहुंचते ही तरह-तरह के आधुनिक जमाने के झूले मिल जाएंगे. दुकानदार अपनी दुकानों को सजाने में लगे हैं, मेला 14 जनवरी को लगेगा.
मेले का ऐतिहासिक महत्त्व
बाणगंगा मेले का ऐतिहासिक महत्व है और ये मेला आसपास के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखता है. मकरसंक्रांति के दिन लोग मेले का आनंद लेने के लिए दूर दूर से आते हैं. इसके अलावा मकरसंक्रांति के पावन मौके पर बाणगंगा कुंड में स्नान करते हैं. विराट मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करते हैं, और पुण्य कमाते हैं. साथ ही मेले का दिनभर आनंद लेते हैं.
कुंड की सफाई शुरू
बाणगंगा कुंड की सफाई भी नगरपालिका ने शुरू कर दी है, क्योंकि बाणगंगा कुंड में काफी संख्या में लोग मकरसंक्रांति के दिन स्नान करते हैं.
सिकुड़ता जा रहा मेला
गौरतलब है कि शहडोल का बाणगंगा मेला काफी प्रसिद्ध मेला है, और इसकी पहचान दूर-दूर तक है. हालांकि ये मेला बदलते वक्त के साथ अब धीरे-धीरे सिकुड़ता जा रहा है. क्योंकि पहले जितनी जगह में मेला लगता था, वो जगह कम हो चुकी है. फिलहाल इस मेले का ऐतिहासिक महत्व है. तो लोग आज भी इस मेले का आनंद उठाने से पीछे नहीं रहते हैं.