ETV Bharat / state

6 बच्चों की मौत पर सियासत, पीड़ित परिवार ने ETV BHARAT से साझा किया दर्द

शहडोल जिला अस्पताल में 6 बच्चों की मौत के मामले में मंत्री लगातार दौरा कर रहे हैं, लेकिन जिन परिवारों ने अपने कलेजे के टुकड़े को खोया है, उनका दर्द किसी ने भी जानने की जहमत नहीं उठाई.

No one knows the pain of the suffering family
किसी ने नहीं जाना पीड़ित परिवार का दर्द
author img

By

Published : Jan 16, 2020, 5:37 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 10:24 PM IST

शहडोल। जिला अस्पताल में 6 मासूमों के मौत के बाद मामला गरमाता जा रहा है, पिछले दो दिन में कमलनाथ सरकार के तीन मंत्री जिला अस्पताल का निरीक्षण कर चुके हैं. अस्पताल में विधायक से लेकर मंत्रियों का जमावड़ा लगा रहा, जबकि इस मामले पर खूब राजनीति हुई, लेकिन उन परिवारों का हाल जानने कोई नहीं पहुंचा, जिसने अपने बच्चों को खोया है.

किसी ने नहीं जाना पीड़ित परिवार का दर्द

शहडोल जिला अस्पताल में 6 मासूमों की मौत हो गई थी, जिसके बाद मंत्री से लेकर नेताओं तक का जमावड़ा अस्पताल में लगा रहा, लेकिन पीड़ित परिवारों के घर उनका हाल जानने अबतक कोई नहीं पहुंचा. जिस काली रात में 6 मासूमों की मौत हुई, उनमें से एक परिवार शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर पडमनिया कला में रहता है. जब ईटीवी भारत की टीम पीड़ित परिवार के घर पहुंची तो परिवार ने अपना दर्द साझा किया.

अस्पताल से दो दिन बाद दे दी थी छुट्टी
6 बच्चों में से एक बच्चा पडमनिया कला गांव के रानी बैगा और संतलाल बैगा का था, उसकी बड़ी मां कलाबाई बैगा ने बताया कि जिस बच्चे की मौत हुई है, वो लगभग 1 महीने 10 दिन का था. बच्चे को निमोनिया होने पर 6 दिन जिला अस्पताल में ही एडमिट करके रखा गया. उसके बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन बच्चा ठीक नहीं हुआ था, परिजनों ने ये भी आरोप लगाते हुए कहा कि जब इसका उन्होंने विरोध किया कि बच्चा अभी ठीक नहीं हुआ तो बोले दिन खत्म हो गया, क्या अस्पताल में ही रखे रहेंगे.
परिवार का दर्द
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद परिजन बच्चे को घर लेकर आ गए, फिर 2 दिन बाद ही बच्चे की हालत बिगड़ गई और आधी रात में ही बच्चे को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई. पीड़ित परिजन बताते हैं कि उनसे मिलने अब तक कोई नहीं पहुंचा और न ही किसी ने कोई मदद की. मंत्री मिनिस्टर छोड़िए यहां सरपंच तक मिलने नहीं आया.

उन दो बड़े साहबों का आज भी इंतजार
पीड़ित बैगा परिवार ने कहा कि उन्हें बुधवार को दोपहर में दो पुलिस वाले आकर कह गए थे कि भोपाल से दो साहब आएंगे मिलने, लेकिन आजतक कोई नहीं आया, इस परिवार को आज भी आस है कि भोपाल के वो दो साहब आज भी शायद मिलने पहुंचे. दो दिन पहले जिला अस्पताल में निमोनिया से 6 बच्चों की मौत हो गई थी. घटना के पहले दिन कमलेश्वर पटेल, दूसरे दिन जिले के प्रभारी मंत्री ओमकार सिंह मरकाम और तुलसी सिलावट भी पहुंच गए, सभी ने अस्पताल का निरीक्षण भी किया और जांच होगी, कार्रवई होगी, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन परिजनों का दर्द जानने कोई नहीं पहुंचा.

शहडोल। जिला अस्पताल में 6 मासूमों के मौत के बाद मामला गरमाता जा रहा है, पिछले दो दिन में कमलनाथ सरकार के तीन मंत्री जिला अस्पताल का निरीक्षण कर चुके हैं. अस्पताल में विधायक से लेकर मंत्रियों का जमावड़ा लगा रहा, जबकि इस मामले पर खूब राजनीति हुई, लेकिन उन परिवारों का हाल जानने कोई नहीं पहुंचा, जिसने अपने बच्चों को खोया है.

किसी ने नहीं जाना पीड़ित परिवार का दर्द

शहडोल जिला अस्पताल में 6 मासूमों की मौत हो गई थी, जिसके बाद मंत्री से लेकर नेताओं तक का जमावड़ा अस्पताल में लगा रहा, लेकिन पीड़ित परिवारों के घर उनका हाल जानने अबतक कोई नहीं पहुंचा. जिस काली रात में 6 मासूमों की मौत हुई, उनमें से एक परिवार शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर पडमनिया कला में रहता है. जब ईटीवी भारत की टीम पीड़ित परिवार के घर पहुंची तो परिवार ने अपना दर्द साझा किया.

अस्पताल से दो दिन बाद दे दी थी छुट्टी
6 बच्चों में से एक बच्चा पडमनिया कला गांव के रानी बैगा और संतलाल बैगा का था, उसकी बड़ी मां कलाबाई बैगा ने बताया कि जिस बच्चे की मौत हुई है, वो लगभग 1 महीने 10 दिन का था. बच्चे को निमोनिया होने पर 6 दिन जिला अस्पताल में ही एडमिट करके रखा गया. उसके बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन बच्चा ठीक नहीं हुआ था, परिजनों ने ये भी आरोप लगाते हुए कहा कि जब इसका उन्होंने विरोध किया कि बच्चा अभी ठीक नहीं हुआ तो बोले दिन खत्म हो गया, क्या अस्पताल में ही रखे रहेंगे.
परिवार का दर्द
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद परिजन बच्चे को घर लेकर आ गए, फिर 2 दिन बाद ही बच्चे की हालत बिगड़ गई और आधी रात में ही बच्चे को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई. पीड़ित परिजन बताते हैं कि उनसे मिलने अब तक कोई नहीं पहुंचा और न ही किसी ने कोई मदद की. मंत्री मिनिस्टर छोड़िए यहां सरपंच तक मिलने नहीं आया.

उन दो बड़े साहबों का आज भी इंतजार
पीड़ित बैगा परिवार ने कहा कि उन्हें बुधवार को दोपहर में दो पुलिस वाले आकर कह गए थे कि भोपाल से दो साहब आएंगे मिलने, लेकिन आजतक कोई नहीं आया, इस परिवार को आज भी आस है कि भोपाल के वो दो साहब आज भी शायद मिलने पहुंचे. दो दिन पहले जिला अस्पताल में निमोनिया से 6 बच्चों की मौत हो गई थी. घटना के पहले दिन कमलेश्वर पटेल, दूसरे दिन जिले के प्रभारी मंत्री ओमकार सिंह मरकाम और तुलसी सिलावट भी पहुंच गए, सभी ने अस्पताल का निरीक्षण भी किया और जांच होगी, कार्रवई होगी, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन परिजनों का दर्द जानने कोई नहीं पहुंचा.

Intro:6 मासूमों के मौत का मामला, दो दिन में 3 मंत्रियों का हो गया दौरा, पीड़ित परिवार से मिलने अबतक कोई नहीं पहुंचा, ईटीव्ही भारत बना पीड़ित परिवार की आवाज

शहडोल- पिछले दो तीन दिन से शहडोल जिला काफी सुर्खियों में है और वजह है यहां के जिला अस्पताल में 6 मासूमों की मौत हो गई थी। मामला गरमा गया और दो दिन में कमलनाथ सरकार के तीन मंत्री भी पहुंच गए, जिला अस्पताल का सभी ने निरीक्षण भी किया दो दिन तक कांग्रेस के लोकल नेताओं से लेकर बड़े मंत्रियों का जमावड़ा लगा रहा, जमकर राजनीति हुई, मंत्री आये तो क्षेत्र के बीजेपी विधायक भी बीजेपी युवा मोर्चा के साथ अस्पताल की लापरवाही पर ज्ञापन देने पहुंच गए। लेकिन उन पीड़ित परिवार से मिलने कोई नही पहुंचा उनका दर्द जानने कोई नहीं पहुंचा। ऐसे में एक पीड़ित परिवार का हाल जानने उनके घर पहुंचा ईटीव्ही भारत, उनके दर्द को सबके सामने लाने के लिए ईटीव्ही भारत बना पीड़ित परिवार की आवाज।


Body:अभी हाल ही में शहडोल जिला चिकित्सालय में 6 मासूमों की मौत हुई जिसके बाद काफी हड़कम्प मचा, मंत्री से लेकर नेताओं का जमावड़ा लगा रहा लेकिन पीड़ित परिवारों के घरों में उनका हाल जानने अबतक कोई नहीं पहुंचा।

जिस काली रात में 6 मासूमों की मौत हुई उनमें से एक परिवार शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर पडमनिया कला में रहता है। जब हम उनके घर पहुंचे तो उन्होंने ईटीव्ही भारत से जो बातें कहीं वो आपको यहां की राजनीति, यहां के जिम्मेदारों, और जिला अस्पताल पर सोचने पर मजबूर कर देगा।

उस काली रात में 6 बच्चों की मौत हुई थी उनमें से एक बच्चा पडमनिया कला गांव के रानी बैगा और संतलाल बैगा का था। उसकी बड़ी मां कलाबाई बैगा ने बताया कि जिस बच्चे की मौत हुई वो लगभग 1 महीना 10 दिन का था।

बच्चा बीमार हुआ निमोनिया था तो 6 दिन जिला अस्पताल में ही एडमिट करके रखे, उसके बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल से छुट्टी दे दी गई लेकिन बच्चा ठीक नहीं हुआ था, परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब इसका उन्होंने विरोध किया कि बच्चा अभी ठीक नहीं हुआ तो बोले दिन खत्म हो गया, क्या हॉस्पिटल में ही रखे रहेंगे।

जिसके बाद परिजन बच्चे को घर लेकर आ गए और फिर परिजनों ने बताया कि उसके 2 दिन बाद ही बच्चे की हालत बिगड़ गई और आधी रात में ही बच्चे को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसकी मौत हो गई।

परिजनों का दर्द जानने कोई नहीं पहुंचा

पीड़ित परिवार के परिजन बताते हैं कि उनसे मिलने अबतक कोई नहीं पहुंचा और न ही किसी ने कोई मदद की परिजनों ने बताया कि मंत्री मिनिस्टर छोड़िए यहां सरपंच तक मिलने नही आया।

उन दो बड़े साहबों का आज भी इंतज़ार

पड़मानिया कला के पीड़ित बैगा परिवार ने कहा उन्हें बुधवार को दोपहर में दो पुलिस वाले आकर कह गए थे कि भोपाल से दो साहब आएंगे मिलने, लेकिन आजतक कोई नहीं आया, इस पीड़ित परिवार को आज भी आस है कि भोपाल के वो दो साहब आज भी शायद मिलने पहुंचे।




Conclusion:राजनीति सभी ने की पीड़ितों का दर्द किसी ने नहीं जाना

उस काली रात को जब 6 बच्चों की मौत हुई तो उसे लेकर जिला अस्पताल में बड़े बड़े नेताओं का जमावड़ा लगा रहा, दो दिन में तीन मंत्री भी आ गए पहले दिन कमलेश्वर पटेल, दूसरे दिन जिले के प्रभारी मंत्री ओमकार सिंह मरकाम और तुलसी सिलावट भी पहुंच गए सभी ने जिला अस्पताल का निरीक्षण भी किया और जांच होगी कार्रवई होगी दोषियों को बख्शा नही जाएगा लेकिन परिजनों का दर्द जानने कोई नही गया इतना ही नही यहा के लोकल कांग्रेस नेता भी अस्पताल में मंत्रियों के साथ ही रहे, लेकिन आज दिनांक तक कोई भी नेता उन पीड़ित परिवारों से मिलने नहीं पहुंचा।

मंत्री अस्पताल के निरीक्षण करने पहुंचे तो अस्पताल की लापरवाही को लेकर बीजेपी युवा मोर्चा के साथ क्षेत्र के विद्यायक भी ज्ञापन देने पहुंच गए लेकिन अपने ही क्षेत्रों के उन पीड़ित परिवारों के घर जाने का समय दर्द जानने का समय इन्हें भी नहीं मिला।
Last Updated : Jan 18, 2020, 10:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.