शहडोल। भीषण गर्मी के बीच मौसम ने करवट बदली और घने बादलों के साथ रिमझिम बरसात होने लगी. सुबह से प्रचंड गर्मी थी. तेज धूप की वजह से तापमान का तेवर हाई था, लेकिन अचानक मौसम बदला और तेज हवाओं के साथ घने बादल छा गए.रिमझिम फुहारों के बीच बारिश का दौर शुरू हो गया. ठंडी हवाओं ने लोगों को भीषण गर्मी से हल्की राहत मिली है. मौसम विभाग के अनुसार रविवार से पाकिस्तान से आ रही हवाएं एक्टिव हो जाएगी. इससे भी तापमान में गिरावट आएगी. सोमवार से प्रदेशभर में प्री मानसून की हल्की बारिश शुरू हो जाएगी. इसका पूरे प्रदेश पर प्रभाव रहेगा. तापमान में तेजी से गिरावट आ सकती है. मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी ने 22 मई से 25 मई तक बारिश की संभावना व्यक्त की थी. (mp weather changed in middle of summer)
रिमझिम बरसात की संभावना: मौसम विभाग ने 22 मई को बारिश होने के आसार जताए थे. मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी के मुताबिक, मध्यम अवधि के जो पूर्वानुमान मिले हैं, उसमें शहडोल जिले में 25 मई तक बादल छाए रहने एवं 22, 24 और 25 मई को हल्की वर्षा होने की भी संभावना है. हालांकि इस दौरान इस भीषण गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली. अधिकतम तापमान 41 से 45 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21 से 28 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना जताई गई है. (Shahdol weather changed in middle summer)
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प्री-मानसून की दस्तक: यहां से प्री-मानसून शुरू होकर धीरे-धीरे 25-26 मई तक पूरे प्रदेश में फैल जाएगा और प्रदेश के कई हिस्सों में बूंदा-बांदी होगी. यानी इस साल नौतपा (25 से दो जून) में भी बारिश होगी. पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी 23 मई को मौसम थोड़ा बदल जाएगा और हवाएं चलने लगेंगी. (Shahdol people relief in high temperature)
मौसम ने बदली करवट: पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से कई जिलों में 3 दिनों तक बारिश की संभावनाएं
इस कारण बदला मौसम: बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोन के कारण मानसून की गतिविधियां बढ़ गईं. इससे मानसून अंडमान निकोबार में समय से पहले आ गया. इससे ही अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आने लगी है. इधर, पाकिस्तान से हवाओं के आने के कारण बारिश की गतिविधियां बढ़ गई हैं. प्रदेश भर में बादल आने से सूरज की तपिश भी कम हुई है.
15 जून तक आ सकती है मानसून: पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान के ऊपर चक्रवातीय गतिविधियों के रूप में ट्रफ के साथ है. पश्चिमोत्तर राजस्थान के ऊपर अन्य चक्रवात सक्रिय है, इससे पूर्व-पश्चिम ट्रफ हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार और असम तक फैला है. रायलसीमा क्षेत्र में चक्रवातीय गतिविधियां अभी भी सक्रिय हैं. 22 मई से अगला पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी हो रहा है. इससे दिन और रात के तापमान में गिरावट होगी. अधिकतम पारा 41 डिग्री तक आ जाएंगे. मानसून के केरल तट तक 27-28 मई तक पहुंचने की संभावना है. इस स्थिति में यह मध्यप्रदेश में 13 से 15 जून के बीच आ जाएगा. 20 जून तक पूरे प्रदेश में एक्टिव हो सकता है. इस बार इंदौर-उज्जैन में सामान्य और भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल और जबलपुर में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है.