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यहां बना है बापू का मंदिर, जहां होता है मेले का आयोजन

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. इस मौके पर आपको बापू के मंदिर ले चलते हैं. जो शहडोल जिले के ढोलकू गांव में बना है. देखिए शहडोल से ईटीवी भारत की यह खास रिपोर्ट...

Gandhi temple in Dholku of Shahdol
शहडोल में गाधी मंदिर
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Published : Oct 2, 2020, 3:29 AM IST

Updated : Oct 2, 2020, 6:05 PM IST

शहडोल। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पूरा देश मना रहा है. उनका पूरा जीवन अन्याय के खिलाफ समर्पित रहा. यही कारण है कि बापू के विचार आज भी दुनिया में जिंदा हैं. उनके विचारों को आगे की पीढ़ी तक ले जाने के लिए कई प्रयास भी किए जा रहे है. इसी का एक उदाहरण है शहडोल जिले का ढोलकू गांव. इस गांव में महात्मा गांधी का मंदिर बना है. जहां हर साल 2 अक्टूबर के दिन मेले का आयोजन भी किया जाता है.

यहां बना है गांधी जी मनोरम मंदिर

बापू का मंदिर
यह मंदिर शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 50 से 55 किलोमीटर दूर ढोलकू ग्राम पंचायत में बना है. इसका निर्माण साल भर बहने वाले जमुना नाला के किनारे किया गया है. कल-कल आवाज में कभी न सूखने वाली बहती जलधारा. चारो और चट्टान और बीच में बना गांधीजी का ये मंदिर बहुत ही आकर्षक लगता है. इस कारण यह आस पास काफी प्रसिद्ध भी है. इलाके में छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को इस मंदिर की जानकारी है.

गांधी वादी विचारक दिनेश शर्मा ने कराया था निर्माण
यहां पहुंचने से लोगों को आत्मीय शांति मिलती है. इस मंदिरा का निर्माण साल 2017 में गांधीवादी विचारक दिनेश शर्मा ने कराया था और मंदिर में गांधीजी की प्रतिमा भी स्थापित की गयी थी. वे इस मंदिर में पूजा भी किया करते थे, लेकिन अब उनके देहांत के बाद उनके बच्चे पिता की परंपरा को आगे ले जा रहे हैं और बापू के विचारों को सब तक पहुंचा रहे हैं.

दिनेश शर्मा को लोग करते हैं यहां याद
बापू के इस मंदिर को बनाने के लिए क्षेत्र में दिनेश शर्मा की चर्चा जरूर होती है और लोग उन्हें याद करते हैं. जब भी इस मंदिर का जिक्र होता है उनका नाम सबसे पहले आता है. यह मंदिर लोगों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है.

इस साल नहीं लग पाएगा मेला

वेसे तो इस मंदिर में हर साल दो अक्टूबर के दिन मेले का आयोजन किया जाता था. लेकिन इस बार कोरोना के चलते यह मेला आयोजित नहीं किया जाएगा. इस मेले में जिले भर से प्रशासनिक अधिकारी, नेता और आम लोग शरीक होते थे और बापू की पूजा कर मेले का आनंद लेते हैं. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण मेले का आयोजन नहीं होगा. लेकिन मंदिर में महात्मा गांधी की पूजा की जाएगी.

बन सकता है पर्यटन का बड़ा केंद्र
ढोलकू ग्राम पंचायत में बना गांधीजी का यह मंदिर आकर्षण का बड़ा केंद्र है. जिस जगह पर यह मंदिर बना है वह जगह भी बहुत ही मनोरम है. एक ओर कल-कल बहता पानी दूसरी ओर चट्टाने इसकी सुंदता में चार चांद लगा देती है. इस जगह को अगर पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाए तो निश्चित ही ढोलकु पंचायत के विकास के साथ-साथ गांधी के विचारों का भी विस्तार होगा.

शहडोल। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पूरा देश मना रहा है. उनका पूरा जीवन अन्याय के खिलाफ समर्पित रहा. यही कारण है कि बापू के विचार आज भी दुनिया में जिंदा हैं. उनके विचारों को आगे की पीढ़ी तक ले जाने के लिए कई प्रयास भी किए जा रहे है. इसी का एक उदाहरण है शहडोल जिले का ढोलकू गांव. इस गांव में महात्मा गांधी का मंदिर बना है. जहां हर साल 2 अक्टूबर के दिन मेले का आयोजन भी किया जाता है.

यहां बना है गांधी जी मनोरम मंदिर

बापू का मंदिर
यह मंदिर शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 50 से 55 किलोमीटर दूर ढोलकू ग्राम पंचायत में बना है. इसका निर्माण साल भर बहने वाले जमुना नाला के किनारे किया गया है. कल-कल आवाज में कभी न सूखने वाली बहती जलधारा. चारो और चट्टान और बीच में बना गांधीजी का ये मंदिर बहुत ही आकर्षक लगता है. इस कारण यह आस पास काफी प्रसिद्ध भी है. इलाके में छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को इस मंदिर की जानकारी है.

गांधी वादी विचारक दिनेश शर्मा ने कराया था निर्माण
यहां पहुंचने से लोगों को आत्मीय शांति मिलती है. इस मंदिरा का निर्माण साल 2017 में गांधीवादी विचारक दिनेश शर्मा ने कराया था और मंदिर में गांधीजी की प्रतिमा भी स्थापित की गयी थी. वे इस मंदिर में पूजा भी किया करते थे, लेकिन अब उनके देहांत के बाद उनके बच्चे पिता की परंपरा को आगे ले जा रहे हैं और बापू के विचारों को सब तक पहुंचा रहे हैं.

दिनेश शर्मा को लोग करते हैं यहां याद
बापू के इस मंदिर को बनाने के लिए क्षेत्र में दिनेश शर्मा की चर्चा जरूर होती है और लोग उन्हें याद करते हैं. जब भी इस मंदिर का जिक्र होता है उनका नाम सबसे पहले आता है. यह मंदिर लोगों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है.

इस साल नहीं लग पाएगा मेला

वेसे तो इस मंदिर में हर साल दो अक्टूबर के दिन मेले का आयोजन किया जाता था. लेकिन इस बार कोरोना के चलते यह मेला आयोजित नहीं किया जाएगा. इस मेले में जिले भर से प्रशासनिक अधिकारी, नेता और आम लोग शरीक होते थे और बापू की पूजा कर मेले का आनंद लेते हैं. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण मेले का आयोजन नहीं होगा. लेकिन मंदिर में महात्मा गांधी की पूजा की जाएगी.

बन सकता है पर्यटन का बड़ा केंद्र
ढोलकू ग्राम पंचायत में बना गांधीजी का यह मंदिर आकर्षण का बड़ा केंद्र है. जिस जगह पर यह मंदिर बना है वह जगह भी बहुत ही मनोरम है. एक ओर कल-कल बहता पानी दूसरी ओर चट्टाने इसकी सुंदता में चार चांद लगा देती है. इस जगह को अगर पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाए तो निश्चित ही ढोलकु पंचायत के विकास के साथ-साथ गांधी के विचारों का भी विस्तार होगा.

Last Updated : Oct 2, 2020, 6:05 PM IST
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