शहडोल। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की, इस चुनाव में बीजेपी की ऐसी आंधी चली कि चुनाव में कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज भी ढेर हो गए. भारतीय जनता पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में 163 सीट जीतने में कामयाबी हासिल की तो वहीं कांग्रेस 66 सीट पर ही सिमट गई, लेकिन इस बीच आदिवासी बहुल इलाके की बात करें तो अभी भी आदिवासी अंचल में भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौतियां बाकी हैं. बीजेपी के लिए एक ऐसी आदिवासी सीट भी रही, जहां बीजेपी सांसद के गृह नगर की सीट होते हुए भी भारतीय जनता पार्टी यह सीट जीतने में नाकाम रही, जो क्षेत्र में बीजेपी सांसद के प्रभाव पर भी सवाल खड़े कर रही है.
शहडोल संभाग में बीजेपी का प्रदर्शन: शहडोल संभाग आदिवासी बाहुल्य संभाग है और यहां पर टोटल 8 विधानसभा सीट आती हैं. आठ विधानसभा सीटों में सात विधानसभा सीट ऐसी हैं, जो आदिवासी आरक्षित सीट है. तो वहीं एकमात्र कोतमा विधानसभा सीट है जो सामान्य है. इस तरह से देखा जाए तो इस बार के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने वैसे तो संभाग में अच्छी बढ़त बनाई. आठ विधानसभा सीटों में 7 विधानसभा सीट जीतने में भारतीय जनता पार्टी ने कामयाबी हासिल की. साल 2018 के चुनाव से तुलना करें तो भारतीय जनता पार्टी का संभाग में बेहतर प्रदर्शन भी रहा, लेकिन देखा जाए तो एक बड़ा सवाल भी रहा कि जिस एक मात्र विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को हार मिली. उसी क्षेत्र से बीजेपी की सांसद भी आती हैं, वो विधानसभा मौजूदा बीजेपी सांसद की गृह क्षेत्र वाली सीट है.
पुष्पराजगढ़ विधानसभा में बीजेपी की हार: साल 2023 के विधानसभा चुनाव में पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट के प्रदर्शन पर नजर डालें तो भारतीय जनता जनता पार्टी ने इस आदिवासी सीट पर इस बार पूरा जोर लगाया था और पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ी थी, इतना ही नहीं इस विधानसभा सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी ने काफी पहले अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान भी कर दिया था. यहां से भारतीय जनता पार्टी ने युवा चेहरे पर दांव खेला था. बीजेपी ने हीरा सिंह श्याम को पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट से टिकट दिया था. खुद शिवराज सिंह चौहान भी कई बार पुष्पराजगढ़ में प्रचार प्रसार के लिए पहुंचे हुए थे. वहीं कांग्रेस ने इस विधानसभा सीट से अपने पुराने प्रत्याशी को ही चुनावी मैदान पर उतारा और दो बार से इस विधानसभा सीट से जीत रहे फुंदेलाल सिंह मार्को को ही कांग्रेस ने टिकट दिया.
फुंदेलाल सिंह पर जनता का भरोसा: कुल मिलाकर टक्कर कड़ी मानी जा रही थी, क्योंकि बीजेपी के हीरा सिंह श्याम को भी कमजोर प्रत्याशी नहीं माना जा रहा था और ऐसा माना जा रहा था कि हीरा सिंह श्याम की क्षेत्र के युवाओं के बीच में अच्छी पैठ है. लेकिन कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को भी पिछले दो बार से इस विधानसभा चुनाव में जीत रहे थे और उनको भी पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट पर मजबूत प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा था. जब चुनाव हुआ तो एक बार फिर से पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट के वोटर्स ने अपने पुराने प्रत्याशी पर ही भरोसा जताया. भले ही भारतीय जनता पार्टी ने इस बार प्रदेश में कई सीट जीतने में कामयाबी हासिल की, लेकिन बीजेपी पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट पर वोटर्स को लुभाने में नाकाम रही. कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे.
4,486 वोट के अंतर से जीती फुंदेलाल: आंकड़ों पर नजर डालें तो पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट में कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को ने जहां 68,020 वोट पाए, तो वहीं बीजेपी के हीरा सिंह श्याम 63,534 वोट हासिल किए. इस तरह से कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को ने 4,486 वोट के अंतर से पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की.
फुन्देलाल सिंह मार्को की हैट्रिक: देखा जाए तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत के साथ ही कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को ने हैट्रिक लगा दी. फुंदेलाल सिंह मार्को इससे पहले 2013 विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. फिर इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को ने बड़ी जीत हासिल की. फिर इसके बाद इस बार एक बार फिर 2023 के विधानसभा चुनाव में भी फुंदेलाल सिंह मार्को को हराने में भारतीय जनता पार्टी नाकाम रही और फुंदेलाल सिंह मार्को ने जीत की हैट्रिक लगा दी.
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गृहनगर की सीट भी न जिता सकीं बीजेपी सांसद: पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र शहडोल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और शहडोल लोकसभा सीट पर वर्तमान में बीजेपी की सांसद हिमाद्री सिंह हैं. पुष्पराजगढ़ विधानसभा बीजेपी सांसद हिमाद्री सिंह की गृह नगर वाली सीट है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी की आंधी में भी पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी जीत दर्ज करने में नाकाम रही. ऐसे में सवाल अब बीजेपी सांसद हिमाद्री सिंह के क्षेत्र में प्रभुत्व पर भी खड़े हो रहे हैं कि क्या बीजेपी की मौजूदा सांसद हिमाद्री सिंह अपने गृह नगर वाली सीट भी जिताने में नाकाम रहीं.
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की बढ़ी टेंशन: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं, भारतीय जनता पार्टी ने 163 सीट जीतकर इतिहास भी बना दिया है और अब कुछ महीने बाद लोकसभा चुनाव भी होने हैं, जिसकी तैयारी अभी से बीजेपी ने शुरू भी कर दी है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के लिए सांसद की गृह नगर वाली सीट में ही ये बड़ी हार चिंता की बात है. क्योंकि अगर सांसद इस माहौल में भी अपने गृह नगर वाली विधानसभा सीट में भी अपनी पार्टी को जीत नहीं दिला पा रही हैं, फिर लोकसभा सीट जीतने में कैसे कामयाब हो पाएंगी. बीजेपी की सांसद हिमाद्री सिंह 5 साल में भी वोटर्स का दिल जीतने में नाकाम रही हैं, यह भी एक बड़ा सवाल है.