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धान की खेती करते वक्त इन बातों का रखें ख्याल, इस तरह पाएं बंपर पैदावार - धान की रोपाई

बारिश के साथ ही शहडोल जिले में धान की रोपाई शुरू हो गई है, अगर किसान कुछ सावधानियों को अपनाकर रोपाई करें, तो बंपर उत्पादन ले सकते हैं.

Paddy farming
धान की खेती
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Published : Jul 16, 2020, 2:29 PM IST

शहडोल। झमाझम बारिश के बाद शहडोल जिले में किसानों ने धान की रोपाई का काम शुरू कर दिया है. बारिश से जलमग्न खेतों में महिलाएं उत्साह के साथ धान की रोपाई में जुटी हैं. धान इस क्षेत्र कि मुख्य खरीफ फसल है. किसान अधिक उत्पादन क्षमता वाले अच्छे बीज से धान की रोपाई में रूचि ले रहे हैं. धान की रोपाई से किसानों के चेहरे खिल गए हैं, क्योंकि यहां ज्यादातर किसानों के पास खेतों की सिंचाई करने के साधन नहीं है, जो बारिश के पानी पर आधारित होकर खेती करते हैं. जिनके पास सिंचाई का साधन था, उन्होंने पहले ही रोपाई का काम शुरू कर दिया था, लेकिन जिनके पास सिंचाई का साधन नहीं था, उन्होंने बारिश के बाद रोपाई का काम शुरू कर दिया है. जिले में 70 से 80 प्रतिशत रकबे में रोपाई के जरिए खेती की जाती है. ऐसे में किसानों के लिए यह बहुत अच्छा समय है, वैसे भी शहडोल जिले में धान की खेती काफी की जाती है

paddy planting
धान की रोपाई करते किसान.

धान की रोपाई में इन बातों का रखें ख्याल

अगर आप अपने धान की रोपाई करना चाहते हैं, तो कुछ सावधानियों को अपनाकर बंपर उत्पादन ले सकते हैं. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद सिंह बताते हैं कि, जिले में अब तक 298.9 एमएम बारिश हो चुकी है. यह धान की रोपाई के लिए बहुत सही समय है. किसान इस बात का ध्यान दें कि, जो नर्सरी है उसे बहुत पुराना न करें, 10 से 15 दिन की नर्सरी हो गई हो, तो उखाड़कर रोपाई करना शुरू करें, यह कोशिश करें कि, बहुत बेदर्दी के साथ उसे ना उखाड़े, अगर पौधा नीचे बीज वाले धान के साथ ही उखड़ आए, तो बहुत अच्छी बात है.

इस तरह करें धान की खेती.

उन्होंने बताया कि, किसान जब नर्सरी लगाते हैं तो बहुत घना लगा देते हैं, वो न करें, कोशिश करें कि, उसे खेतों के ऊपर फेंके, ना कि उसे कीचड़ में गढ़ाए, क्योंकि अगर रोपाई के तुरंत बाद ही बारिश हो जाती है, तो फिर वो सिमटकर एक जगह आ जाता है. इसके अलावा किसान कोशिश करें कि, धान की रोपाई 25 बाई 25 सेंटीमीटर में रखें. किसानों के दिमाग में यह रहता है कि, धान की खेती तभी अच्छी होती है, जब खेतों में पानी भरा रहता है, लेकिन यह बिल्कुल गलत है. खेत को गीला रखें, न कि उसे पानी से भरे. जब फसल गभोट में आ जाए तब उसमें आप पानी भर सकते हैं.

ऐसे ले सकते है धान से बंपर उत्पादन

खेतों में जो खाद डालना है, उसे रोपाई के समय ही खेतों में मिला दें, जिससे बंपर उत्पादन मिल सके. अच्छी बारिश होने का किसान फायदा उठाएं और नर्सरी को जल्द से जल्द अपने खेतों में रोपाई करवाएं. गौरतलब है कि, इस बार सही समय पर बारिश होने से किसानों में उत्साह नजर आ रहा है. किसान भी खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. अपनी नर्सरी को रोपाई करते समय अगर किसान थोड़ी सी सावधानी बरते तो अच्छी पैदावार ले सकते हैं.

शहडोल। झमाझम बारिश के बाद शहडोल जिले में किसानों ने धान की रोपाई का काम शुरू कर दिया है. बारिश से जलमग्न खेतों में महिलाएं उत्साह के साथ धान की रोपाई में जुटी हैं. धान इस क्षेत्र कि मुख्य खरीफ फसल है. किसान अधिक उत्पादन क्षमता वाले अच्छे बीज से धान की रोपाई में रूचि ले रहे हैं. धान की रोपाई से किसानों के चेहरे खिल गए हैं, क्योंकि यहां ज्यादातर किसानों के पास खेतों की सिंचाई करने के साधन नहीं है, जो बारिश के पानी पर आधारित होकर खेती करते हैं. जिनके पास सिंचाई का साधन था, उन्होंने पहले ही रोपाई का काम शुरू कर दिया था, लेकिन जिनके पास सिंचाई का साधन नहीं था, उन्होंने बारिश के बाद रोपाई का काम शुरू कर दिया है. जिले में 70 से 80 प्रतिशत रकबे में रोपाई के जरिए खेती की जाती है. ऐसे में किसानों के लिए यह बहुत अच्छा समय है, वैसे भी शहडोल जिले में धान की खेती काफी की जाती है

paddy planting
धान की रोपाई करते किसान.

धान की रोपाई में इन बातों का रखें ख्याल

अगर आप अपने धान की रोपाई करना चाहते हैं, तो कुछ सावधानियों को अपनाकर बंपर उत्पादन ले सकते हैं. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद सिंह बताते हैं कि, जिले में अब तक 298.9 एमएम बारिश हो चुकी है. यह धान की रोपाई के लिए बहुत सही समय है. किसान इस बात का ध्यान दें कि, जो नर्सरी है उसे बहुत पुराना न करें, 10 से 15 दिन की नर्सरी हो गई हो, तो उखाड़कर रोपाई करना शुरू करें, यह कोशिश करें कि, बहुत बेदर्दी के साथ उसे ना उखाड़े, अगर पौधा नीचे बीज वाले धान के साथ ही उखड़ आए, तो बहुत अच्छी बात है.

इस तरह करें धान की खेती.

उन्होंने बताया कि, किसान जब नर्सरी लगाते हैं तो बहुत घना लगा देते हैं, वो न करें, कोशिश करें कि, उसे खेतों के ऊपर फेंके, ना कि उसे कीचड़ में गढ़ाए, क्योंकि अगर रोपाई के तुरंत बाद ही बारिश हो जाती है, तो फिर वो सिमटकर एक जगह आ जाता है. इसके अलावा किसान कोशिश करें कि, धान की रोपाई 25 बाई 25 सेंटीमीटर में रखें. किसानों के दिमाग में यह रहता है कि, धान की खेती तभी अच्छी होती है, जब खेतों में पानी भरा रहता है, लेकिन यह बिल्कुल गलत है. खेत को गीला रखें, न कि उसे पानी से भरे. जब फसल गभोट में आ जाए तब उसमें आप पानी भर सकते हैं.

ऐसे ले सकते है धान से बंपर उत्पादन

खेतों में जो खाद डालना है, उसे रोपाई के समय ही खेतों में मिला दें, जिससे बंपर उत्पादन मिल सके. अच्छी बारिश होने का किसान फायदा उठाएं और नर्सरी को जल्द से जल्द अपने खेतों में रोपाई करवाएं. गौरतलब है कि, इस बार सही समय पर बारिश होने से किसानों में उत्साह नजर आ रहा है. किसान भी खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. अपनी नर्सरी को रोपाई करते समय अगर किसान थोड़ी सी सावधानी बरते तो अच्छी पैदावार ले सकते हैं.

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