ETV Bharat / state

शहडोल: अचानक बढ़ी गर्मी से फसलों में लगे कीड़े, करें ये उपाय

शहडोल में मौसम ने अचानक से करवट ले ली है, जिसकी वजह से तापमान बढ़ गया है. अचानक बढ़ी गर्मी के कारण दलहनी फसलें खासा प्रभावित हो रही हैं.

author img

By

Published : Feb 7, 2019, 8:48 PM IST

शहडोल। जिले में मौसम ने अचानक से करवट ले ली है, जिसकी वजह से तापमान बढ़ गया है. अचानक बढ़ी गर्मी के कारण दलहनी फसलें खासा प्रभावित हो रही हैं. गर्मी के कारण चने की फसल कीड़ों के प्रकोप में आ गई है. किसानों ने बताया है कि उनके चने की फसल में कीड़े लग रहे हैं, जिससे फसल के बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है.


कृषि वैज्ञानिक की सलाह
चनों में लगे कीड़े के मामले में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी का कहना है कि मौसम में तेज ठंड के बाद अचानक तापमान बढ़ने से चने जैसे फसलों में रस चूसक कीड़े, चने की इल्लियों का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि उनके पास भी कुछ किसानों ने इस तरह की शिकायत की है, जिसका जल्द इलाज जरूरी है. इसके लिए उन्होंने बताया कि फसल में अगर इल्लियों की दिक्कत आ रही है, तो पहले खेत में फेरोमेन ट्रैप लगाएं. उन्होंने बताया कि एक एकड़ खेत में करीब 3 से 4 फेरोमेन ट्रैप लगाएं. अगर इस फेरोमेन ट्रैप में 6 से ज्यादा कीड़े एक दिन में फंसते हैं, तो फिर फसल को नुकसान है और इसका इलाज जरूरी है.

undefined
undefined


इसके उपचार के लिए उन्होंने बताया कि इसमें सबसे पहले जैव कीटनाशक का प्रयोग करें. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी ने बताया कि प्यूबेरियाबेसियाना का प्रयोग 400 एमएल के करीब एक एकड़ खेत में डाल दें. इसके बाद ये 2 से 3 दिन में पूरे खेत में फैल जाएगा और जहां इल्ली अंडे दे रही है, उसे बढ़ने नहीं देगा. रासायनिक दवाईयों में क्लोरोपायरीफास 20 ईसी का एक कीटनाशक आता है, जिसे खेत में 100 एमएल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 500 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर एक हेक्टेयर में छिड़काव करें.


गेहूं में इस तरह की आ सकती है दिक्कत
वहीं कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि वैसे तो अभी गेहूं की फसल में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जहां कुछ जगह मिट्टी हल्की है, वहां दीमक और जड़ माहू की दिक्कत आ सकती है. अगर इस तरह की दिक्कत गेहूं में आती है, तो क्लोरोपायरीफास का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं अगर गेहूं में पानी नहीं दिया है, तो पानी के साथ एक लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में देंगे, तो दीमक और जड़माहू की दिक्कत खत्म हो जाएगी.

undefined

शहडोल। जिले में मौसम ने अचानक से करवट ले ली है, जिसकी वजह से तापमान बढ़ गया है. अचानक बढ़ी गर्मी के कारण दलहनी फसलें खासा प्रभावित हो रही हैं. गर्मी के कारण चने की फसल कीड़ों के प्रकोप में आ गई है. किसानों ने बताया है कि उनके चने की फसल में कीड़े लग रहे हैं, जिससे फसल के बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है.


कृषि वैज्ञानिक की सलाह
चनों में लगे कीड़े के मामले में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी का कहना है कि मौसम में तेज ठंड के बाद अचानक तापमान बढ़ने से चने जैसे फसलों में रस चूसक कीड़े, चने की इल्लियों का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि उनके पास भी कुछ किसानों ने इस तरह की शिकायत की है, जिसका जल्द इलाज जरूरी है. इसके लिए उन्होंने बताया कि फसल में अगर इल्लियों की दिक्कत आ रही है, तो पहले खेत में फेरोमेन ट्रैप लगाएं. उन्होंने बताया कि एक एकड़ खेत में करीब 3 से 4 फेरोमेन ट्रैप लगाएं. अगर इस फेरोमेन ट्रैप में 6 से ज्यादा कीड़े एक दिन में फंसते हैं, तो फिर फसल को नुकसान है और इसका इलाज जरूरी है.

undefined
undefined


इसके उपचार के लिए उन्होंने बताया कि इसमें सबसे पहले जैव कीटनाशक का प्रयोग करें. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी ने बताया कि प्यूबेरियाबेसियाना का प्रयोग 400 एमएल के करीब एक एकड़ खेत में डाल दें. इसके बाद ये 2 से 3 दिन में पूरे खेत में फैल जाएगा और जहां इल्ली अंडे दे रही है, उसे बढ़ने नहीं देगा. रासायनिक दवाईयों में क्लोरोपायरीफास 20 ईसी का एक कीटनाशक आता है, जिसे खेत में 100 एमएल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 500 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर एक हेक्टेयर में छिड़काव करें.


गेहूं में इस तरह की आ सकती है दिक्कत
वहीं कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि वैसे तो अभी गेहूं की फसल में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जहां कुछ जगह मिट्टी हल्की है, वहां दीमक और जड़ माहू की दिक्कत आ सकती है. अगर इस तरह की दिक्कत गेहूं में आती है, तो क्लोरोपायरीफास का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं अगर गेहूं में पानी नहीं दिया है, तो पानी के साथ एक लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में देंगे, तो दीमक और जड़माहू की दिक्कत खत्म हो जाएगी.

undefined
Intro:ठंड के बाद अचानक मौसम में परिवर्तन से फसलों में इस तरह की आ रही दिक्कत, जानें इससे बचने के उपाय

शहडोल- अचानक ही मौसम में बदलाव से तापमान में बढ़ोत्तरी हो गई है, अभी जनवरी के लास्ट वीक तक जमकर ठंड पड़ी, लेकिन अचानक ही फरवरी के फर्स्ट मंथ से मौसम ने फिर करवट बदल ली है, और अचानक से ही तापमान बढ़ गया है।

फसलों में आने लगी दिक्कत

अचानक ही तापमान बढ़ने से दलहनी किस्म की फसल जैसे चना में कीड़ों का प्रकोप देखने को मिलने लगा है, कुछ जगहों से किसानों ने बताया है कि उनके चने के खेत में इल्लियां दिख रहीं हैं। जिससे फसल बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है।






Body:कृषि वैज्ञानिक की सलाह

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी के मुताबिक मौसम में तेज ठंड के बाद अचानक तापमान बढ़ने से चने जैसे फसलों में रस चूसक कीड़े, चने की इल्लियों का खतरा बढ़ जाता है, उन्होंने ने भी बताया की उनके पास भी कुछ किसानों ने इस तरह की शिकायत की है कि उनके फसल में इल्लियाँ लग रही हैं,और अचानक बढ़ते तापमान की वजह से ही ये समस्या आ रही है जिसका जल्द इलाज जरूरी है।

कृषि वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी कहते हैं कि फरवरी में अचानक ही तापमान में बढ़ोत्तरी होने से रस चूसक कीड़े और पत्ती खाने वाले कीड़ों का प्रकोप खूब देखने को आ रहा है।

ऐसे करें इलाज

कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि चने की फसल में अगर इल्लियों की दिक्कत आ रही है तो पहले खेत में फेरोमेन ट्रैप लगायें एक एकड़ खेत में करीब 3 से 4 फेरोमेन ट्रैप लगाएं, अगर इस फेरोमेन ट्रैप में 6 से ज्यादा कीड़े एक दिन में फंसते हैं तो फिर फसल को नुकसान है इलाज जरूरी है।

इसमें सबसे पहले जैवकीटनाशी का प्रयोग करें, जिसमें प्यूबेरियाबेसियाना का प्रयोग 400 एमएल के करीब एक एकड़ खेत में डाल दें, जिसके बाद ये 2 से 3 दिन में पूरे खेत में फैल जाएगा, और जहां इल्ली अंडे दे रही है उसे बढ़ने नहीं देगा।

रासायनिक दवाइयों में क्लोरोपायरीफास 20 ईसी का एक कीटनाशी आता है जिसे खेत में 100 एमएल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 500 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर एक हेक्टेयर में छिड़काव करें, अभी छोटी अवस्था में हैं कंट्रोल हो जायेगा।

गेंहूँ में इस तरह की आ सकती है दिक्कत

वहीं कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि वैसे तो अभी गेंहूँ में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जहां कुछ जगह मिट्टी हल्की है वहां दीमक और जड़ माहू की दिक्कत आ सकती है।
अगर इस तरह की दिक्कत गेंहूँ में आती है तो क्लोरोपायरीफास का इस्तेमाल कर सकते हैं, अगर गेंहूँ में पानी नहीं दिये हैं तो पानी के साथ एक लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में देंगे,तो दीमक और जड़माहू की दिक्कत सॉल्व हो जाएगी।

इसके अलावा इस तरह के मौसम में कृषि वैज्ञानिक किसानों को सलाह देते हैं कि वो अपनी फसलों की सतत निगरानी करते रहें, और अगर कोई भी दिक्कत आये तो तुरंत कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लें।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.