शहडोल। जिले में मौसम ने अचानक से करवट ले ली है, जिसकी वजह से तापमान बढ़ गया है. अचानक बढ़ी गर्मी के कारण दलहनी फसलें खासा प्रभावित हो रही हैं. गर्मी के कारण चने की फसल कीड़ों के प्रकोप में आ गई है. किसानों ने बताया है कि उनके चने की फसल में कीड़े लग रहे हैं, जिससे फसल के बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है.
कृषि वैज्ञानिक की सलाह
चनों में लगे कीड़े के मामले में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी का कहना है कि मौसम में तेज ठंड के बाद अचानक तापमान बढ़ने से चने जैसे फसलों में रस चूसक कीड़े, चने की इल्लियों का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि उनके पास भी कुछ किसानों ने इस तरह की शिकायत की है, जिसका जल्द इलाज जरूरी है. इसके लिए उन्होंने बताया कि फसल में अगर इल्लियों की दिक्कत आ रही है, तो पहले खेत में फेरोमेन ट्रैप लगाएं. उन्होंने बताया कि एक एकड़ खेत में करीब 3 से 4 फेरोमेन ट्रैप लगाएं. अगर इस फेरोमेन ट्रैप में 6 से ज्यादा कीड़े एक दिन में फंसते हैं, तो फिर फसल को नुकसान है और इसका इलाज जरूरी है.
इसके उपचार के लिए उन्होंने बताया कि इसमें सबसे पहले जैव कीटनाशक का प्रयोग करें. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी ने बताया कि प्यूबेरियाबेसियाना का प्रयोग 400 एमएल के करीब एक एकड़ खेत में डाल दें. इसके बाद ये 2 से 3 दिन में पूरे खेत में फैल जाएगा और जहां इल्ली अंडे दे रही है, उसे बढ़ने नहीं देगा. रासायनिक दवाईयों में क्लोरोपायरीफास 20 ईसी का एक कीटनाशक आता है, जिसे खेत में 100 एमएल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 500 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर एक हेक्टेयर में छिड़काव करें.
गेहूं में इस तरह की आ सकती है दिक्कत
वहीं कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि वैसे तो अभी गेहूं की फसल में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जहां कुछ जगह मिट्टी हल्की है, वहां दीमक और जड़ माहू की दिक्कत आ सकती है. अगर इस तरह की दिक्कत गेहूं में आती है, तो क्लोरोपायरीफास का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं अगर गेहूं में पानी नहीं दिया है, तो पानी के साथ एक लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में देंगे, तो दीमक और जड़माहू की दिक्कत खत्म हो जाएगी.