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26 सालों से हर दिन सैकड़ों कौओं को खाना खिलाते हैं गिरधारी लाल गुप्ता, देखिए उनकी अनोखी कहानी

शहडोल के सिंहपुर ग्राम पंचायत में रहने वाले गिरधारी लाल गुप्ता पिछले 26 सालों से यहां के प्रसिद्ध मां काली के मंदिर में दर्शन करने जाते हैं. इस दौरान वे हर दिन कौओं को खाना खिलाते हैं. हर दिन सैकड़ों की तादात में कौए यहां हर दिन आते हैं.

26 सालों से हर दिन सैकड़ों कौओं को खाना खिलाते हैं गिरधारी लाल गुप्ता
26 सालों से हर दिन सैकड़ों कौओं को खाना खिलाते हैं गिरधारी लाल गुप्ता
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Published : Oct 15, 2021, 6:06 PM IST

शहडोल। बदलते वक्त के साथ जहां एक ओर कौओं की संख्या दिनों दिन घटती जा रही है, या यूं कहें की कौओं की प्रजाति विलुप्ति की कगार पर आ चुकी है, लेकिन इस दौर में भी एक व्यक्ति ऐसा है जो पिछले 26 साल से हर दिन सुबह-सुबह सैकड़ों कौओं को खाना खिलाता है, आलम यह है कि यहां अब कौओं की संख्या घटने की बजाय दिनों दिन बढ़ती जा रही है. ये हैं शहडोल के गिरधारी लाल गुप्ता, जिनके हर दिन मंदिर पहुंचते ही कौए कांव-कांव करते करते उसके पीछे-पीछे घूमने लगते हैं.

26 सालों से हर दिन सैकड़ों कौओं को खाना खिलाते हैं गिरधारी लाल गुप्ता

यहां लगता है सैकड़ों कौओं का जमावड़ा

शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 15 से 20 किलोमीटर दूर है सिंहपुर ग्राम पंचायत और यहीं के रहने वाले हैं गिरधारी लाल गुप्ता जो हर दिन सुबह-सुबह सिंहपुर गांव में स्थित प्रसिद्ध मंदिर काली माता मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं, और अपने साथ में कौओं के लिए उनका प्रिय भोजन लेकर आते हैं. गिरधारी लाल गुप्ता बताते हैं कि वो हर दिन सुबह सुबह आकर पहले माता रानी के दर्शन करते हैं और फिर उसके बाद कौओं को नमकीन बिस्किट और नमकीन हर दिन खिलाते हैं. वे बताते हैं कि करीब डेढ़ किलो नमकीन वे रोजाना कौओं को खिलाते हैं. यह सिलसिला पिछले कई सालों से चलता आ रहा है.

हर दिन सैकड़ो कौओं को खिलाते है खाना
हर दिन सैकड़ो कौओं को खिलाते है खाना

26 साल से चला आ रहा है सिलसिला

गिरधारी लाल गुप्ता बताते हैं कि पिछले 26 साल से यह सिलसिला चला आ रहा है. उन्होंने सन 1995 से इसकी शुरुआत की थी. गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि जब वह मंदिर आया करते थे तो उन्होंने देखा यहां पर काफी पक्षी रहते थे, इसलिए उन्हें दाना देना शुरू कर दिया, लेकिन धीरे-धीरे देखा कि यहां पर कौओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और फिर उन्होंने उनके पसंद का खाना लाना शुरू कर दिया. गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि कौए नमकीन ज्यादा पसंद करते हैं इसलिए वह हर दिन करीब डेढ़ किलो नमकीन लेकर आते हैं. साथ में बिस्किट भी डाल देते हैं और जो कुछ भी उनके खाने के लिए रहता है वह भी डाल देते हैं गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि कौए ही नहीं साथ में कबूतर, मैना जैसे पक्षी भी यहा रहते हैं, लेकिन कौओं की संख्या सैकड़ों में रहती है.

26 सालों से कौओं को खाना खिला रहे हैं गिरधारी लाल
26 सालों से कौओं को खाना खिला रहे हैं गिरधारी लाल

सैकड़ों कौओं का लगता है जमावड़ा

एक ओर जहां कौए बदलते वक्त के साथ विलुप्त होते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर आप यहां आकर देखेंगे, तो ऐसा लगेगा कि यहां कौओं की संख्या में हर दिन लगातार बढ़ती जाती है. खुद गिरधारी लाल गुप्ता बताते हैं कि पहले जब वो यहां कौओं को खाना देते थे तो उनकी संख्या कम थी लेकिन धीरे-धीरे उन्हें भी नहीं पता था कि यह संख्या सैकड़ों में पहुंच जाएगी. गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि 200 से ढाई सौ कौए हर दिन यहां खाने के लिए पहुंचते हैं और कभी-कभी तो 300-400 भी यह संख्या हो जाती है.

बच्चों को खाने का सामान बांटते गिरधारी लाल
बच्चों को खाने का सामान बांटते गिरधारी लाल

दशहरे पर शाही पोशाक में दिखे 'महाराज', परिवार के साथ कुलदेवी का आशीर्वाद लिए सिंधिया

अब ये रूटीन बन चुका है

कौवा को हर दिन खाना खिलाने वाले गिरधारी लाल गुप्ता बताते हैं कि अब तो यह रूटीन बन चुका है. जैसे ही वे मंदिर प्रांगण के पास अपनी स्कूटी से पहुंचते हैं, कौवे कांव-कांव करने लगते हैं और जब वह मंदिर में मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और अलग-अलग मंदिर में प्रवेश करते हैं तो उनके साथ पेड़ दर पेड़ कौए भी अलग-अलग पेड़ों पर जाने लगते हैं. मानो वह खाने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हो. जैसे ही वह अपने स्थान पर पहुंचते हैं वहां कौओं का धीरे-धीरे भारी संख्या में जमावड़ा लग जाता है और दृश्य देखते ही बनता है.

पिछले 10 साल से संख्या बढ़ी है

गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि यहां कौओं की संख्या पिछले 10 साल में बढ़ी है. एक ओर जहां कौओं की संख्या देश में लगातार घटती जा रही है आधुनिकता के दौर में कौवे विलुप्ति की कगार पर पहुंचते जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि जहां वह कौओं को खाना खिलाते हैं वहां उनकी संख्या में साल दर साल बढ़ोतरी देखने को मिली है, पिछले 10 साल में कौओं की संख्या बढ़ी है.

बच्चों को भी खिलाते हैं खाना

कौवा को खाना खिलाने के साथ ही अब गिरधारी लाल गुप्ता का एक रूटीन और बन गया है जैसे ही वह कौवा को खाना खिला कर फुर्सत होते हैं. मंदिर प्रांगण के बाहर ही काफी संख्या में आदिवासी बच्चे भी बड़ी बेसब्री से उनका इंतजार करते हैं. वजह है गिरधारी लाल गुप्ता हर दिन इनके लिए भी कुछ ना कुछ खाने के लिए लाते हैं. गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं उनके पास जो कुछ भी रहता है. कभी केला, कभी सेब, कभी नमकीन वे प्रसाद स्वरूप बच्चों को बड़े प्रेम से खिलाते हैं. अगर वह यह काम सुबह-सुबह नहीं करते तो पूरा दिन उनका मन ही नहीं लगता पिछले 26 साल से इस रूटीन में कोई गैप नहीं हुआ है.

शहडोल। बदलते वक्त के साथ जहां एक ओर कौओं की संख्या दिनों दिन घटती जा रही है, या यूं कहें की कौओं की प्रजाति विलुप्ति की कगार पर आ चुकी है, लेकिन इस दौर में भी एक व्यक्ति ऐसा है जो पिछले 26 साल से हर दिन सुबह-सुबह सैकड़ों कौओं को खाना खिलाता है, आलम यह है कि यहां अब कौओं की संख्या घटने की बजाय दिनों दिन बढ़ती जा रही है. ये हैं शहडोल के गिरधारी लाल गुप्ता, जिनके हर दिन मंदिर पहुंचते ही कौए कांव-कांव करते करते उसके पीछे-पीछे घूमने लगते हैं.

26 सालों से हर दिन सैकड़ों कौओं को खाना खिलाते हैं गिरधारी लाल गुप्ता

यहां लगता है सैकड़ों कौओं का जमावड़ा

शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 15 से 20 किलोमीटर दूर है सिंहपुर ग्राम पंचायत और यहीं के रहने वाले हैं गिरधारी लाल गुप्ता जो हर दिन सुबह-सुबह सिंहपुर गांव में स्थित प्रसिद्ध मंदिर काली माता मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं, और अपने साथ में कौओं के लिए उनका प्रिय भोजन लेकर आते हैं. गिरधारी लाल गुप्ता बताते हैं कि वो हर दिन सुबह सुबह आकर पहले माता रानी के दर्शन करते हैं और फिर उसके बाद कौओं को नमकीन बिस्किट और नमकीन हर दिन खिलाते हैं. वे बताते हैं कि करीब डेढ़ किलो नमकीन वे रोजाना कौओं को खिलाते हैं. यह सिलसिला पिछले कई सालों से चलता आ रहा है.

हर दिन सैकड़ो कौओं को खिलाते है खाना
हर दिन सैकड़ो कौओं को खिलाते है खाना

26 साल से चला आ रहा है सिलसिला

गिरधारी लाल गुप्ता बताते हैं कि पिछले 26 साल से यह सिलसिला चला आ रहा है. उन्होंने सन 1995 से इसकी शुरुआत की थी. गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि जब वह मंदिर आया करते थे तो उन्होंने देखा यहां पर काफी पक्षी रहते थे, इसलिए उन्हें दाना देना शुरू कर दिया, लेकिन धीरे-धीरे देखा कि यहां पर कौओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और फिर उन्होंने उनके पसंद का खाना लाना शुरू कर दिया. गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि कौए नमकीन ज्यादा पसंद करते हैं इसलिए वह हर दिन करीब डेढ़ किलो नमकीन लेकर आते हैं. साथ में बिस्किट भी डाल देते हैं और जो कुछ भी उनके खाने के लिए रहता है वह भी डाल देते हैं गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि कौए ही नहीं साथ में कबूतर, मैना जैसे पक्षी भी यहा रहते हैं, लेकिन कौओं की संख्या सैकड़ों में रहती है.

26 सालों से कौओं को खाना खिला रहे हैं गिरधारी लाल
26 सालों से कौओं को खाना खिला रहे हैं गिरधारी लाल

सैकड़ों कौओं का लगता है जमावड़ा

एक ओर जहां कौए बदलते वक्त के साथ विलुप्त होते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर आप यहां आकर देखेंगे, तो ऐसा लगेगा कि यहां कौओं की संख्या में हर दिन लगातार बढ़ती जाती है. खुद गिरधारी लाल गुप्ता बताते हैं कि पहले जब वो यहां कौओं को खाना देते थे तो उनकी संख्या कम थी लेकिन धीरे-धीरे उन्हें भी नहीं पता था कि यह संख्या सैकड़ों में पहुंच जाएगी. गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि 200 से ढाई सौ कौए हर दिन यहां खाने के लिए पहुंचते हैं और कभी-कभी तो 300-400 भी यह संख्या हो जाती है.

बच्चों को खाने का सामान बांटते गिरधारी लाल
बच्चों को खाने का सामान बांटते गिरधारी लाल

दशहरे पर शाही पोशाक में दिखे 'महाराज', परिवार के साथ कुलदेवी का आशीर्वाद लिए सिंधिया

अब ये रूटीन बन चुका है

कौवा को हर दिन खाना खिलाने वाले गिरधारी लाल गुप्ता बताते हैं कि अब तो यह रूटीन बन चुका है. जैसे ही वे मंदिर प्रांगण के पास अपनी स्कूटी से पहुंचते हैं, कौवे कांव-कांव करने लगते हैं और जब वह मंदिर में मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और अलग-अलग मंदिर में प्रवेश करते हैं तो उनके साथ पेड़ दर पेड़ कौए भी अलग-अलग पेड़ों पर जाने लगते हैं. मानो वह खाने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हो. जैसे ही वह अपने स्थान पर पहुंचते हैं वहां कौओं का धीरे-धीरे भारी संख्या में जमावड़ा लग जाता है और दृश्य देखते ही बनता है.

पिछले 10 साल से संख्या बढ़ी है

गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि यहां कौओं की संख्या पिछले 10 साल में बढ़ी है. एक ओर जहां कौओं की संख्या देश में लगातार घटती जा रही है आधुनिकता के दौर में कौवे विलुप्ति की कगार पर पहुंचते जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं कि जहां वह कौओं को खाना खिलाते हैं वहां उनकी संख्या में साल दर साल बढ़ोतरी देखने को मिली है, पिछले 10 साल में कौओं की संख्या बढ़ी है.

बच्चों को भी खिलाते हैं खाना

कौवा को खाना खिलाने के साथ ही अब गिरधारी लाल गुप्ता का एक रूटीन और बन गया है जैसे ही वह कौवा को खाना खिला कर फुर्सत होते हैं. मंदिर प्रांगण के बाहर ही काफी संख्या में आदिवासी बच्चे भी बड़ी बेसब्री से उनका इंतजार करते हैं. वजह है गिरधारी लाल गुप्ता हर दिन इनके लिए भी कुछ ना कुछ खाने के लिए लाते हैं. गिरधारी लाल गुप्ता कहते हैं उनके पास जो कुछ भी रहता है. कभी केला, कभी सेब, कभी नमकीन वे प्रसाद स्वरूप बच्चों को बड़े प्रेम से खिलाते हैं. अगर वह यह काम सुबह-सुबह नहीं करते तो पूरा दिन उनका मन ही नहीं लगता पिछले 26 साल से इस रूटीन में कोई गैप नहीं हुआ है.

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