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सुभाष चंद्र बोस की परपोती का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू, कहा- वर्तमान राजनीति में नहीं कोई नीति

खास बातचीत में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परपोती राज्यश्री चौधरी सभी सवालों पर बेबाकी से जवाब दिये हैं. नेताजी सभाष चंद्र बोस के सम्मान पर भी उन्होंने जवाबद दिये. इस दौरान कहा जो सम्मान मिलना चाहिये वह अब तक नहीं मिला.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करतीं राज्यश्री चौधरी
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Published : Mar 30, 2019, 10:57 AM IST

Updated : Mar 30, 2019, 1:18 PM IST

शहडोल। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परपोती राज्यश्री चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने राजनीति और नेताजी से जुड़े कई सवालों के खुलकर जवाब दिये. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य, मोदी सरकार के कामकाज के अलावा भारत रत्न जैसे मुद्दों पर भी उन्होंने बेबाकी से जवाब दिये हैं.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परपोती राज्यश्री चौधरी से खास बातचीत


सवाल-नेताजी सुभाषचंद्र बोस को जो सम्मान मिलना चाहिए वो अब तक मिल पाया?
जवाब- देश की जनता की ओर से तो मिला है, लेकिन सरकारों की ओर से नहीं.


सवाल- चुनावी मौसम में आपका परिवार किस तरफ होगा?
जवाब- जो सही होगा.


सवाल- मोदी सरकार के प्रति आपका झुकाव है?
जवाब- नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फाइलों को केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार उजागर कर सकती थी, लेकिन उतना नहीं किया जितना होना चाहिए.


सवाल- फाइल का खुलासा करने पर केंद्र सरकार से कितनी उम्मीद थी?
जवाब- सेंट्रल और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों से काफी उम्मीद थी. हमने भी कई चिट्ठी लिखी थीं रिसर्चर की ओर से, अपनी ओर से भी, लेकिन खुलासा नहीं हुआ है, जबकि हम लोगों ने लिस्ट ऑफ फाइल नंबर भी देकर बताया कि कौन सा मिसिंग हो रहा है, लेकिन कुछ रिस्पांस नहीं मिला. विदेश में जो सुभाष चंद्र रिलेटेड फाइल्स हैं, वर्ल्ड में जितने देश के साथ उनके कॉरस्पोंडेंट्स थे, उन सभी से सरकार नेताजी के बारे में फाइल्स मांग ले और सारे देश की जनता को सार्वजनिक कर इसकी जानकारी दे.


सवाल- नेताजी को भारत रत्न मिलना चाहिए?
जवाब- जब दूसरों को स्पेशली गांधी परिवार को दिया गया है तो मुझे लगता है कि नेता जी के लिए भारत रत्न से बड़ा अवार्ड अगर कोई रहे तो वो ठीक होगा, नहीं तो पहले गांधी परिवार से भारत रत्न हटा लें, फिर नेताजी के लिए सोचें.


सवाल- भारत रत्न के लिये कभी कोई प्रयास किया?
जवाब- प्रपोजल तो आया था, लेकिन मरणोपरांत भारत रत्न का जिक्र किया गया, जिसे लेकर कई एक्टिविस्ट ने विरोध किया, क्योंकि ये देरी से भी आया और मरणोपरांत कैसे बोल सकते हैं क्योंकि जब एक आदमी का डेथ सर्टिफिकेट नहीं है, डेड बॉडी किसी ने देखी नहीं, ऐसे में पोस्थ्युमस बोलना सही नहीं है, उनका अपमान करने के बराबर है. इसलिए भारत रत्न पोस्थ्युमस नहीं चाहिये.


सवाल- वर्तमान राजनीति पर क्या कहेंगी?
जवाब- वर्तमान राजनीति में तो कोई नीति नहीं है, कोई सिस्टम नहीं है. इस सिस्टम को पूरा बदलना होगा क्योंकि राजनीति को राजधर्म कहा जाता है. इसका उद्देश्य होना चाहिए कि हमारे देश का जो अंतिम व्यक्ति है, उसे खाने को मिले, पहनने को मिले.


सवाल- राहुल गांधी की सरकार आती है तो क्या उम्मीद है?
जवाब- हम किसी के लिए कैंपेन नहीं कर सकते हैं. उम्मीद है कि जनता अपनी इच्छा से सक्षम व्यक्ति हो उसे देखे. किसकी विरासत किस में है ये नहीं देखे, जनता ये देखे कि . किसका गुड वर्क है, उसी पर अपनी राय दे.
सवाल- मोदी के सत्ता में आने के बाद बदलाव देखती हैं ?
जवाब- जो बदलाव देखना चाहते हैं, वो बदलाव तो अभी तक नहीं देखा, देखिये हम लोग फ्रीडम फाइटर्स की जीवनी पढ़ते हुए एक सपने का भारत मन में गढ़ चुके हैं, वो जब तक पूरा नहीं होता एक डिसअपॉइंटमेंट रहेगा ही, नेगेटिव बात रहेगी ही.


सवाल- नेता जी के सम्मान के लिए मोदी जी ने कुछ किया है ?
जवाब- देखिये सम्मान तब मिलेगा जब एयर क्रैश में देहांत का ऑफिशियल रिकॉर्ड हटेगा. युद्ध अपराधी का जो टैग है वो हट जाएगा. कॉमनवेल्थ ऑफ नेशन्स का जो मेंबर शिप है, उससे हिम्मत करके कोई भी सरकार सदस्यता हटा दे क्योंकि कॉमनवेल्थ ऑफ नेशन्स, ब्रिटिश हुकूमत का है और एक क्लब है. उसका सदस्य बनकर रहना मतलब जितने क्रांतिवीर हैं, जिन्होंने ने बलिदान दिया है, नेताजी ने फाइट किया है, ब्रिटिश फ्री भारत के लिए सभी को सम्मान सही में देना है तो इस सदस्यता से पहले भारत सरकार को हट जाना चाहिए.


सवाल- वर्तमान में कोई नेता नजर आ रहा है, जो नेता जी को सम्मान दिला सके ?
जवाब- अभी तक तो कोई नहीं आया, सभी टेस्ट हो गए.

शहडोल। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परपोती राज्यश्री चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने राजनीति और नेताजी से जुड़े कई सवालों के खुलकर जवाब दिये. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य, मोदी सरकार के कामकाज के अलावा भारत रत्न जैसे मुद्दों पर भी उन्होंने बेबाकी से जवाब दिये हैं.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परपोती राज्यश्री चौधरी से खास बातचीत


सवाल-नेताजी सुभाषचंद्र बोस को जो सम्मान मिलना चाहिए वो अब तक मिल पाया?
जवाब- देश की जनता की ओर से तो मिला है, लेकिन सरकारों की ओर से नहीं.


सवाल- चुनावी मौसम में आपका परिवार किस तरफ होगा?
जवाब- जो सही होगा.


सवाल- मोदी सरकार के प्रति आपका झुकाव है?
जवाब- नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फाइलों को केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार उजागर कर सकती थी, लेकिन उतना नहीं किया जितना होना चाहिए.


सवाल- फाइल का खुलासा करने पर केंद्र सरकार से कितनी उम्मीद थी?
जवाब- सेंट्रल और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों से काफी उम्मीद थी. हमने भी कई चिट्ठी लिखी थीं रिसर्चर की ओर से, अपनी ओर से भी, लेकिन खुलासा नहीं हुआ है, जबकि हम लोगों ने लिस्ट ऑफ फाइल नंबर भी देकर बताया कि कौन सा मिसिंग हो रहा है, लेकिन कुछ रिस्पांस नहीं मिला. विदेश में जो सुभाष चंद्र रिलेटेड फाइल्स हैं, वर्ल्ड में जितने देश के साथ उनके कॉरस्पोंडेंट्स थे, उन सभी से सरकार नेताजी के बारे में फाइल्स मांग ले और सारे देश की जनता को सार्वजनिक कर इसकी जानकारी दे.


सवाल- नेताजी को भारत रत्न मिलना चाहिए?
जवाब- जब दूसरों को स्पेशली गांधी परिवार को दिया गया है तो मुझे लगता है कि नेता जी के लिए भारत रत्न से बड़ा अवार्ड अगर कोई रहे तो वो ठीक होगा, नहीं तो पहले गांधी परिवार से भारत रत्न हटा लें, फिर नेताजी के लिए सोचें.


सवाल- भारत रत्न के लिये कभी कोई प्रयास किया?
जवाब- प्रपोजल तो आया था, लेकिन मरणोपरांत भारत रत्न का जिक्र किया गया, जिसे लेकर कई एक्टिविस्ट ने विरोध किया, क्योंकि ये देरी से भी आया और मरणोपरांत कैसे बोल सकते हैं क्योंकि जब एक आदमी का डेथ सर्टिफिकेट नहीं है, डेड बॉडी किसी ने देखी नहीं, ऐसे में पोस्थ्युमस बोलना सही नहीं है, उनका अपमान करने के बराबर है. इसलिए भारत रत्न पोस्थ्युमस नहीं चाहिये.


सवाल- वर्तमान राजनीति पर क्या कहेंगी?
जवाब- वर्तमान राजनीति में तो कोई नीति नहीं है, कोई सिस्टम नहीं है. इस सिस्टम को पूरा बदलना होगा क्योंकि राजनीति को राजधर्म कहा जाता है. इसका उद्देश्य होना चाहिए कि हमारे देश का जो अंतिम व्यक्ति है, उसे खाने को मिले, पहनने को मिले.


सवाल- राहुल गांधी की सरकार आती है तो क्या उम्मीद है?
जवाब- हम किसी के लिए कैंपेन नहीं कर सकते हैं. उम्मीद है कि जनता अपनी इच्छा से सक्षम व्यक्ति हो उसे देखे. किसकी विरासत किस में है ये नहीं देखे, जनता ये देखे कि . किसका गुड वर्क है, उसी पर अपनी राय दे.
सवाल- मोदी के सत्ता में आने के बाद बदलाव देखती हैं ?
जवाब- जो बदलाव देखना चाहते हैं, वो बदलाव तो अभी तक नहीं देखा, देखिये हम लोग फ्रीडम फाइटर्स की जीवनी पढ़ते हुए एक सपने का भारत मन में गढ़ चुके हैं, वो जब तक पूरा नहीं होता एक डिसअपॉइंटमेंट रहेगा ही, नेगेटिव बात रहेगी ही.


सवाल- नेता जी के सम्मान के लिए मोदी जी ने कुछ किया है ?
जवाब- देखिये सम्मान तब मिलेगा जब एयर क्रैश में देहांत का ऑफिशियल रिकॉर्ड हटेगा. युद्ध अपराधी का जो टैग है वो हट जाएगा. कॉमनवेल्थ ऑफ नेशन्स का जो मेंबर शिप है, उससे हिम्मत करके कोई भी सरकार सदस्यता हटा दे क्योंकि कॉमनवेल्थ ऑफ नेशन्स, ब्रिटिश हुकूमत का है और एक क्लब है. उसका सदस्य बनकर रहना मतलब जितने क्रांतिवीर हैं, जिन्होंने ने बलिदान दिया है, नेताजी ने फाइट किया है, ब्रिटिश फ्री भारत के लिए सभी को सम्मान सही में देना है तो इस सदस्यता से पहले भारत सरकार को हट जाना चाहिए.


सवाल- वर्तमान में कोई नेता नजर आ रहा है, जो नेता जी को सम्मान दिला सके ?
जवाब- अभी तक तो कोई नहीं आया, सभी टेस्ट हो गए.

Intro:Note_ जिनका इंटरव्यू है उनका नाम राज्यश्री चौधरी है, जो सुभाष चंद्र बोस की परपोती हैं।


सुभाष चंद्र बोस की परपोती से एक्सक्लूसिव बातचीत, जानिए मौज़ूदा चुनाव, राहुल, मोदी, भारत रत्न और वर्तमान राजनीति को लेकर क्या कहा ?

शहडोल- बहुत ही कम समय के लिए एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शहडोल आईं सुभाषचंद्र बोस की परपोती राज्यश्री चौधरी ने ईटीव्ही भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें खुलकर कई मुद्दों पर अपनी राय बेबाकी से रखी। बातचीत के दौरान नेताजी सुभाषचंद्र बोस की परपोती राज्य श्री चौधरी ने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य, मोदी सरकार, राहुल गांधी, भारत रत्न ऐसे कई सवालों के बड़े ही बेबाकी से जवाब दिए जिसे लेकर कई बड़ी बातें भी कहीं।



Body:सुभाषचंद्र बोस की परपोती से खास बातचीत

नेता जी सुभाषचंद्र बोस को जो सम्मान मिलना चाहिए क्या अबतक उन्हें मिल पाया है ?

इस सवाल पर सुभाषचंद्र बोस की परपोती ने कहा कि देश की जनता की ओर से तो मिला है लेकिन सरकार की ओर से नहीं मिला है।

जब उनसे पूंछा गया कि चुनाव का समय है और उनका परिवार किस ओर होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा जो सही होगा उस ओर, पार्टी पॉलिटिक्स में नहीं।

सुभाषचंद्र बोस की परपोती राज्यश्री चौधरी ने मोदी सरकार के प्रति परिवार के झुकाव के सवाल पर कहा जो आउटगोइंग सरकार है और पश्चिम बंगाल की सरकार है कुछ तो खुलासा किया लेकिन जितना होना चाहिए उतना नहीं किया। सेंट्रल गवर्नमेंट और पश्चिम बंगाल की सरकार और भी खुलासे कर सकती थी, जैसे उनके जर्नी से सुभाषचंद्र बोस जब नेता जी बने, कलकत्ता छोड़कर पश्चिमी देश और सिंगापुर ये जो पूरी जर्नी की फ़ाइल है जिसका खुलासा अबतक नहीं हुआ है और ये सभी फाइल्स तो बहुत ही महत्वपूर्ण थी।

आगे जब उनसे पूंछा गया कि क्या वर्तमान सरकार से उन्हें उम्मीद थी की खुलासा करेंगी, इस पर उन्होंने कहा कि उम्मीद तो दोनों सरकार से थी, की खुलासा करेंगी, सेंट्रल और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों से काफी उम्मीद थी, हमने भी कई चिट्ठी लिखी थी रिसर्चर की ओर से और अपनी ओर से भी, लेकिन खुलासा नहीं हुआ है, जबकि हम लोगों ने लिस्ट ऑफ फाइल नंबर भी दिया की कौन सा मिसिंग हो रहा है, लेकिन कुछ रिस्पांस नहीं मिला, ये उम्मीद थी कि विदेश में जो सुभाषचंद्र रिलेटेड फाइल्स हैं, जैसे रसिया में, चाइना में, मुंगेलिया में, साउथ ईस्ट एशियन कंट्रीज में, यूरोपियन कंट्रीज में, यूनाइटेड किंगडम, यूएसए, व्होल वर्ल्ड में जितने देश के साथ उनके करेस्पोंडेंट्स थे उन सभी से सरकार नेताजी के बारे में फाइल्स मांग ले, और सारे देश की जनता को सार्वजनिक कर इसकी जानकारी देनी चाहिए।

भारत रत्न को लेकर कहीं बड़ी बात

सुभाषचंद्र बोस की परपोती राज्य श्री चौधरी ने भारत रत्न के सवाल पर और बड़ी बात कह दी, नेता जी को भारत रत्न मिलना चाहिए इस पर उन्होंने कहा जब दूसरे रकम व्यक्तियों को मिला है स्पेशली जब गांधी परिवार को दिया गया है तो मुझे लगता है कि नेता जी के लिए भारत रत्न से बड़ा अवार्ड अगर कोई रहे तो वो ठीक होगा, नहीं तो पहले गांधी परिवार से भारत रत्न हटा लें, फिर नेता जी के लिए सोचें।

भारत रत्न को लेकर हालांकि उनकी परपोती ने ये भी बताया की प्रपोजल आया था, लेकिन मरणोपरांत भारत रत्न का जिक्र किया गया, जिसे लेकर कई एक्टिविस्ट ने विरोध किया, क्योंकि ये देरी से भी आया और मरणोपरांत कैसे बोल सकते हैं, क्योंकि जब एक आदमी का डेथ सर्टिफिकेट नहीं है, डेड बॉडी किसी ने देखा नहीं, ऐसे में पोस्टयूमस बोलना सही नहीं है, उनका अपमान करने के बराबर है, इसलिए भारत रत्न पोस्टयूमस नहीं चाहिये।

वर्तमान राजनीति को लेकर बोलीं

वर्तमान राजनीति में तो कोई नीती नहीं है, कोई सिस्टम नहीं है, इस सिस्टम को पूरा बदलना होगा, क्योंकि राजनीति को राजधर्म कहा जाता है, और इसका उद्देश्य होना चाहिए कि हमारे देश को जो अंतिम व्यक्ति है उसे खाने को मिले, उसे पहनने को मिले, अभी तक 70 साल आज़ादी का हो गया, ये तो दूर का सपना हो गया।






Conclusion:अगर राहुल गांधी की सरकार आती है तो क्या उम्मीद ?

सुभाषचंद्र बोस की परपोती ने कहा हम किसी के लिए कैंपेन नहीं कर सकते हैं, और उम्मीद है की जनता अपनी अपनी इच्छा से जो समझ है कोई पार्टी न देखे, कोई पोलिटिकल फाल्स एजेंडा मेनिफेस्टो न देखे, किसकी विरासत किसमें है, है नहीं है किसकी लेगेसीज है, गुड वर्क है किसी व्यक्ति विशेष ऐसेज करके जनता अपनी राय दे हम यही उम्मीद करेंगे।

क्या मोदी के सत्ता में आने के बाद बदलाव देखती हैं ?

इस सवाल पर सुभाषचंद्र बोस की परपोती ने कहा जो बदलाव देखना चाहते हैं, वो बदलाव तो अभी तक नहीं देखा, देखिये हम लोग फ्रीडम फाइटर्स की जीवनी पढ़ते हुए एक सपने का भारत मन में गढ़ चुके हैं, वो जबतक पुरा नहीं होता एक डिस अपॉइंटमेंट रहेगा ही, नेगेटिव बात रहेगी ही।

नेता जी के सम्मान के लिए मोदी जी ने कुछ किया है ?

इस पर बड़ी ही बेबाकी से उन्होंने कहा देखिये सम्मान तब मिलेगा जब एयर क्रैश का देहांत का ऑफिसियल रिकार्ड्स है वो हट जाएगा, युद्ध अपराधी का जो टैग है वो हट जाएगा, नेताजी के नाम के पीछे जो युद्ध अपराधी का नाम है।
और कामनवेल्थ ऑफ नेसन्स का जो मेंबर शिप है उससे हिम्मत करके कोई भी सरकार सदस्यता हटा दे, क्योंकि कामनवेल्थ ऑफ नेशंस ब्रिटिश हुकूमत का है, और एक क्लब है, और उसका सदस्य बनकर रहना मतलब जितने क्रांति वीर हैं 7 लाख 32 हज़ार से अधिक, जिन्होंने ने बलिदान दिया है, नेताजी ने फाइट किया है, ब्रिटिश फ्री भारत के लिए सभी को सम्मान सही में देना है तो इस सदस्यता से पहले भारत सरकार को हट जाना चाहिए।

वर्तमान में कोई नेता नज़र आ रहा जो नेता जी को सम्मान दिला सके ?

इस पर उन्होंने कहा नहीं अभी तक तो कोई नहीं आया, सभी टेस्ट हो गए।
Last Updated : Mar 30, 2019, 1:18 PM IST
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