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'वायु' और 'अग्नि' जंगल में खुलकर करेंगे शिकार, चीतों की आजादी की तारीख तय

श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर चीते खुले जंगल में छोड़े जाएंगे. पर्यटक कर सकेंगे दीदार.

KUNO MANAGEMENT RELEASED CHEETAH
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर जंगल में छोड़े जाएंगे चीते (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 44 minutes ago

श्योपुर: लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे कि विदेश से भारत की धरती पर लाए गए चीता को जल्द कूनो नेशनल पार्क के बाड़े से आजादी मिलेगी. वे खुले जंगल में आजादी की सांस ले सकेंगे और अब वह दिन भी आ चुका है. कूनो प्रबंधन ने चीता प्रोजेक्ट के तहत भारत लाए गए चीतों में से 2 चीतों को जंगल में छोड़ने की तारीख का ऐलान कर दिया है.

चीता प्रोजेक्ट के तहत लाए गए थे भारत

मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क से बड़ी खुशखबरी सामने आई है. लंबे समय से जिस दिन का इंतजार था, वह दिन आखिरकार आ गया है. आने वाले अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने चीता प्रोजेक्ट के तहत भारत लाए गए चीतों में से 2 नर चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का ऐलान किया है.

अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर आजाद होंगे चीते

इस बात की जानकारी देते हुए कूनो चीता प्रोजेक्ट से जुड़े और श्योपुर डीएफओ आर थिरुकुरल ने बताया, "चीता स्टीयरिंग कमिटी द्वारा 2 नर चीते वायु और अग्नि को जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया है. इन्हें 4 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर कूनो नेशनल पार्क में बनाये गए चीतों के बाड़े से आजाद कर दिया जाएगा. लगातार इनकी मॉनिटरिंग की जा रही थी, दोनों ही जंगल जाने की आइडियल कंडीशन में हैं. जंगल में ये खुद शिकार कर सर्वाइव करने में सक्षम हैं."

यूपी-राजस्थान अभी तैयार नहीं, एमपी करेगा मॉनिटरिंग

डीएफओ ने बताया कि "दोनों ही नर चीतों को जंगल में छोड़ने के साथ इनकी निगरानी के संबंध में टीमों को भी तैयार कर दिया गया है, जो इन्हें लागतार ट्रैक करेंगी. हालांकि, चीतों के मध्य प्रदेश के साथ साथ राजस्थान और यूपी के कुल 22 जिलों में जाने की संभावना है, लेकिन राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अब तक वन विभाग की तैयारी पूरी नहीं हो सकी है. चीतों के संबंध अब तक उनका स्ट्रक्चर बिल्डअप नहीं हुआ है. इसलिए फिलहाल मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा ही इन चीतों की पूरी मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग की जाएगी."

पर्यटकों को भी मिल सकेगी चीतों की झलक

चीतों को बाड़े से आज़ादी मिलने पर इस बात की पूरी संभावना है कि वे खुले जंगल में सफर करेंगे और दूसरे राज्यों में भी जाएंगे. ऐसे में आने वाले समय में इस बात का फायदा पर्यटन को भी होगा, क्योंकि इसकी वजह से अब पर्यटकों को भी जंगल सफारी के दौरान चीतों को देखने का मौका मिल सकेगा. हालांकि, इस संबंध में नए दिशा निर्देश आने वाले समय में मिलेंगे.

श्योपुर: लंबे समय से कयास लगाए जा रहे थे कि विदेश से भारत की धरती पर लाए गए चीता को जल्द कूनो नेशनल पार्क के बाड़े से आजादी मिलेगी. वे खुले जंगल में आजादी की सांस ले सकेंगे और अब वह दिन भी आ चुका है. कूनो प्रबंधन ने चीता प्रोजेक्ट के तहत भारत लाए गए चीतों में से 2 चीतों को जंगल में छोड़ने की तारीख का ऐलान कर दिया है.

चीता प्रोजेक्ट के तहत लाए गए थे भारत

मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क से बड़ी खुशखबरी सामने आई है. लंबे समय से जिस दिन का इंतजार था, वह दिन आखिरकार आ गया है. आने वाले अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने चीता प्रोजेक्ट के तहत भारत लाए गए चीतों में से 2 नर चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का ऐलान किया है.

अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर आजाद होंगे चीते

इस बात की जानकारी देते हुए कूनो चीता प्रोजेक्ट से जुड़े और श्योपुर डीएफओ आर थिरुकुरल ने बताया, "चीता स्टीयरिंग कमिटी द्वारा 2 नर चीते वायु और अग्नि को जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया है. इन्हें 4 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर कूनो नेशनल पार्क में बनाये गए चीतों के बाड़े से आजाद कर दिया जाएगा. लगातार इनकी मॉनिटरिंग की जा रही थी, दोनों ही जंगल जाने की आइडियल कंडीशन में हैं. जंगल में ये खुद शिकार कर सर्वाइव करने में सक्षम हैं."

यूपी-राजस्थान अभी तैयार नहीं, एमपी करेगा मॉनिटरिंग

डीएफओ ने बताया कि "दोनों ही नर चीतों को जंगल में छोड़ने के साथ इनकी निगरानी के संबंध में टीमों को भी तैयार कर दिया गया है, जो इन्हें लागतार ट्रैक करेंगी. हालांकि, चीतों के मध्य प्रदेश के साथ साथ राजस्थान और यूपी के कुल 22 जिलों में जाने की संभावना है, लेकिन राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अब तक वन विभाग की तैयारी पूरी नहीं हो सकी है. चीतों के संबंध अब तक उनका स्ट्रक्चर बिल्डअप नहीं हुआ है. इसलिए फिलहाल मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा ही इन चीतों की पूरी मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग की जाएगी."

पर्यटकों को भी मिल सकेगी चीतों की झलक

चीतों को बाड़े से आज़ादी मिलने पर इस बात की पूरी संभावना है कि वे खुले जंगल में सफर करेंगे और दूसरे राज्यों में भी जाएंगे. ऐसे में आने वाले समय में इस बात का फायदा पर्यटन को भी होगा, क्योंकि इसकी वजह से अब पर्यटकों को भी जंगल सफारी के दौरान चीतों को देखने का मौका मिल सकेगा. हालांकि, इस संबंध में नए दिशा निर्देश आने वाले समय में मिलेंगे.

Last Updated : 44 minutes ago
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