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डायबिटीज से कैसे बनाई जा सकती है दूरी, जानें पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह से - Ways to avoid diabetes

27 जून को मधुमेह जागृति दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस विशेष दिन पर हम बताएंगे की डायबिटीज बीमारी से खुद का बचाव कैसे कर सकते हैं.

Diabetes Awakening Day on 27 June
मधुमेह जागृति दिवस
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Published : Jun 28, 2020, 7:07 AM IST

शहडोल। दुनियाभर में खतरनाक बीमारी के रूप में पहचाने जाने वाली मधुमेह से कई लोग परेशान हैं, इसीलिए इस बीमारी से बचाओ के लिए 27 जून को मधुमेह जागृति दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस विशेष दिन पर हम बताएंगे की डायबिटीज बीमारी से खुद का बचाव कैसे कर सकते हैं और अपने लाइफ स्टाइल में थोड़े से बदलाव कर हम इससे खुद कैसे बचे रह सकते हैं.

पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह से बातचीत

खतरनाक है बीमारी
आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं की डायबिटीज महामारी नहीं है लेकिन किसी महामारी से कम भी नहीं है. सबसे ज्यादा मरीज़ अगर किसी के हैं तो वो डायबिटीज के हैं, और डाइबिटीज में भी अगर देखा जाये तो एशियन कंट्री में ज्यादा हैं. वहीं एशिया में सबसे ज्यादा मधुमेह रोगी भारत में हैं. तरुण सिंह ने बताया की डायबिटीज के जितने मरीज भारत में हैं उतने तो पूरे वर्ल्ड में नहीं हैं, पूरे वर्ल्ड में मरीजों की संख्या हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा है. डायबिटीज खुद एक बीमारी नहीं बल्कि कई बीमारियों की जनक भी है इसलिए ये बहुत ही खतरनाक बीमारी है.

देश में इतनी संख्या क्यों
डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं कि डाइबिटीज सबसे बड़ा कारण है स्ट्रेस , जीवन शैली, वातावरण मानसिक तनाव ज्यादा होना मानसिक थकान ज्यादा होना, लोग शरीर को उर्जावान बनाने में नहीं थकते हैं बल्कि जो बेकार के काम होते हैं उसमें थक जाते हैं, तो अगर आदमी अपने दिमाग को स्वस्थ्य रखे शरीर को मजबूत बनाये व्यायाम करें, योग करे तो डायबिटीज से बचा जा सकता है.

अब कितनी उम्र तक के मरीज आ रहे
डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं अधिकतर डायबिटीज 40 की उम्र के बाद दिखाई देती है. लेकिन आजकल बचपन में डायबिटीज के मामले आ रहे हैं. पहले भी ऐसे केस आते थे लेकिन पहले ऐसे केस रेयर आते थे आजकल इनकी संख्या बढ़ गई है. वजह वही है हमारा तनाव पूर्ण कार्य है और हमारी जीवन शैली. इसी कारण ज्यादातर प्रेग्नेंसी नेचुरल नहीं हो रही हैं और बच्चे भी कमजोर हो रहे हैं.

लगातार बढ़ता तनाव बनाता है फैमिलियर बीमारी
इस खतरनाक बीमारी से बचने के लिए अच्छा प्रीकॉशन ये हो सकता है कि दिनचर्या को नियमित करें. सुबह समय से उठे, समय से खाना खाएं, ज्यादा तनाव से बचें, बहुत ज्यादा मोबाइल और कम्प्यूटर का इस्तेमाल न करें. डॉक्टर तरुण सिंह ने बताया की अगर डायबिटीज की फैमिलियर हिस्ट्री देखें तो पता चलता है की फैमिली में दादा को 60 साल में मधमेह हुआ, पिता को 50 साल में और बच्चे को 25 से 30 साल में हो गया. इसका कारण लगातार बढ़ रहा तनाव ही है.

दिनचर्या में ऐसे लाएं बदलाव, योग और ध्यान को अपनाएं
डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं कि नेचुरल चीज खाने से बीमारी का खतरा कम हो जाता है. जबकि आर्टिफिशियल शुगर डायबिटीज को बढ़ाता है. तरुण सिंह ने बताया की फास्ट फूड, बाजार की मिठाइयां, जिनमें शक्कर ज्यादा होती है उनके इस्तेमाल से खतरा ज्यादा होता है, जबकि मिठाइयों के नेचुरल सोर्स जैसे गुड़, फ्रेस फ्रूट के इस्तेमाल से खतरा कम हो जाता है. वहीं नित्य योग और प्रणायाम इसके लिए काफी लाभप्रद हो सकता है.

ब्लड ग्लूकोज बढ़ने से होती है डायबिटीज
लोग ये समझते हैं की डायबिटीज मतलब ब्लड शुगर का बढ़ना, एक्चुअल में ये पूरी तरह से सही नहीं है. डायबिटीज शरीर में ग्लूकोज के लेवल बढ़ जाने से होती है, जो कि आर्टिफिशियल ग्लूकोज सोर्स से होता है. इसमें पैक्ड फूड शामिल हैं. इसके साथ ही नया अनाज भी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ा देता हैं.

क्या अपनाएं क्या छोड़ें
डायबिटीज से बचने के लिए क्या अपनाएं क्या छोड़ें के सवाल पर डॉक्टर तरुण सिंह ने बताया की गरिष्ठ भोजन न खाएं, नवानय(नया अनाज) न खाएं, पुराना अन्न खाना चाहिये, फल एकदम ताजे होने चाहिए. कोशिश करें कि बाजारी फूड न खाएं और दिनचर्या में बदलाव करें. इसके अलावा ज्यादा तेल मिर्च मसाला न खाएं, मेथी अजवाइन का प्रयोग करें, देसी मसाले का उपयोग करें और लौकी करेला का ज्यादा इस्तेमाल करें.

शहडोल। दुनियाभर में खतरनाक बीमारी के रूप में पहचाने जाने वाली मधुमेह से कई लोग परेशान हैं, इसीलिए इस बीमारी से बचाओ के लिए 27 जून को मधुमेह जागृति दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस विशेष दिन पर हम बताएंगे की डायबिटीज बीमारी से खुद का बचाव कैसे कर सकते हैं और अपने लाइफ स्टाइल में थोड़े से बदलाव कर हम इससे खुद कैसे बचे रह सकते हैं.

पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह से बातचीत

खतरनाक है बीमारी
आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं की डायबिटीज महामारी नहीं है लेकिन किसी महामारी से कम भी नहीं है. सबसे ज्यादा मरीज़ अगर किसी के हैं तो वो डायबिटीज के हैं, और डाइबिटीज में भी अगर देखा जाये तो एशियन कंट्री में ज्यादा हैं. वहीं एशिया में सबसे ज्यादा मधुमेह रोगी भारत में हैं. तरुण सिंह ने बताया की डायबिटीज के जितने मरीज भारत में हैं उतने तो पूरे वर्ल्ड में नहीं हैं, पूरे वर्ल्ड में मरीजों की संख्या हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा है. डायबिटीज खुद एक बीमारी नहीं बल्कि कई बीमारियों की जनक भी है इसलिए ये बहुत ही खतरनाक बीमारी है.

देश में इतनी संख्या क्यों
डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं कि डाइबिटीज सबसे बड़ा कारण है स्ट्रेस , जीवन शैली, वातावरण मानसिक तनाव ज्यादा होना मानसिक थकान ज्यादा होना, लोग शरीर को उर्जावान बनाने में नहीं थकते हैं बल्कि जो बेकार के काम होते हैं उसमें थक जाते हैं, तो अगर आदमी अपने दिमाग को स्वस्थ्य रखे शरीर को मजबूत बनाये व्यायाम करें, योग करे तो डायबिटीज से बचा जा सकता है.

अब कितनी उम्र तक के मरीज आ रहे
डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं अधिकतर डायबिटीज 40 की उम्र के बाद दिखाई देती है. लेकिन आजकल बचपन में डायबिटीज के मामले आ रहे हैं. पहले भी ऐसे केस आते थे लेकिन पहले ऐसे केस रेयर आते थे आजकल इनकी संख्या बढ़ गई है. वजह वही है हमारा तनाव पूर्ण कार्य है और हमारी जीवन शैली. इसी कारण ज्यादातर प्रेग्नेंसी नेचुरल नहीं हो रही हैं और बच्चे भी कमजोर हो रहे हैं.

लगातार बढ़ता तनाव बनाता है फैमिलियर बीमारी
इस खतरनाक बीमारी से बचने के लिए अच्छा प्रीकॉशन ये हो सकता है कि दिनचर्या को नियमित करें. सुबह समय से उठे, समय से खाना खाएं, ज्यादा तनाव से बचें, बहुत ज्यादा मोबाइल और कम्प्यूटर का इस्तेमाल न करें. डॉक्टर तरुण सिंह ने बताया की अगर डायबिटीज की फैमिलियर हिस्ट्री देखें तो पता चलता है की फैमिली में दादा को 60 साल में मधमेह हुआ, पिता को 50 साल में और बच्चे को 25 से 30 साल में हो गया. इसका कारण लगातार बढ़ रहा तनाव ही है.

दिनचर्या में ऐसे लाएं बदलाव, योग और ध्यान को अपनाएं
डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं कि नेचुरल चीज खाने से बीमारी का खतरा कम हो जाता है. जबकि आर्टिफिशियल शुगर डायबिटीज को बढ़ाता है. तरुण सिंह ने बताया की फास्ट फूड, बाजार की मिठाइयां, जिनमें शक्कर ज्यादा होती है उनके इस्तेमाल से खतरा ज्यादा होता है, जबकि मिठाइयों के नेचुरल सोर्स जैसे गुड़, फ्रेस फ्रूट के इस्तेमाल से खतरा कम हो जाता है. वहीं नित्य योग और प्रणायाम इसके लिए काफी लाभप्रद हो सकता है.

ब्लड ग्लूकोज बढ़ने से होती है डायबिटीज
लोग ये समझते हैं की डायबिटीज मतलब ब्लड शुगर का बढ़ना, एक्चुअल में ये पूरी तरह से सही नहीं है. डायबिटीज शरीर में ग्लूकोज के लेवल बढ़ जाने से होती है, जो कि आर्टिफिशियल ग्लूकोज सोर्स से होता है. इसमें पैक्ड फूड शामिल हैं. इसके साथ ही नया अनाज भी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ा देता हैं.

क्या अपनाएं क्या छोड़ें
डायबिटीज से बचने के लिए क्या अपनाएं क्या छोड़ें के सवाल पर डॉक्टर तरुण सिंह ने बताया की गरिष्ठ भोजन न खाएं, नवानय(नया अनाज) न खाएं, पुराना अन्न खाना चाहिये, फल एकदम ताजे होने चाहिए. कोशिश करें कि बाजारी फूड न खाएं और दिनचर्या में बदलाव करें. इसके अलावा ज्यादा तेल मिर्च मसाला न खाएं, मेथी अजवाइन का प्रयोग करें, देसी मसाले का उपयोग करें और लौकी करेला का ज्यादा इस्तेमाल करें.

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